कहां से हुई शुरू कहां है खत्म...
कहानी की मंजिल है कौन सी...
इसकी समझ अभी है कम...
ये उजाले के साथ क्यों...
धुवां उठता है दिये से...
बहुत खुशी के साथ ज्यो ...
थोड़े गम भी हैं मिले से...
सपना देख रहा हू मैं...
कि जाग रहा हू रात से...
दोस्त को विदा किया...
आया दोस्त की बारात से...
बधाई हो दोस्त कि तुम...
उनके चिराग हो गए...
उनके इतने पास हो..
कि मुझसे दूर हो गए...
किसी के खास होकर तुम...
एक नई दुनिया बसायोगे...
मद मस्त हो जाओगे तुम ...
हमें हमेशा याद आओगे...
अब मिले ना मिले हम...
यादें हमेशा मेरे पास हैं...
बिताए जो पल साथ खास हैं...
कहानी में है दम हरदम ...
मेरी दुवाये तुम्हारे साथ हैं..!!
_जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
कहानी प्यार की/ Kahani Pyar Ki कविता दो जिगरी दोस्तो की कहानी है,
जो अनजाने में एक ही लड़की से प्यार करते हैं।
दोस्तों को आपस में पता नही होता कि वे एक ही लड़की से प्यार करते है ,लड़की भी उनकी दोस्ती के बारे में अनजान होती है ,मगर वो इनमे से एक से प्यार करती है और उनका प्यार का इजहार हो चुका रहता है।
दूसरे दोस्त को पता चलता है कि वो लड़की और दोस्त
आपस में प्यार करते हैं तो दोस्त अपने दोस्त की खातिर
दोस्त को मालूम नही होने देता की वो उस लड़की को प्यार करता है और लड़की को भी पता नहीं लगने देता
और लड़की भी नही जानती कि उसको यह भी चाहता है।
अचानक लड़के के दोस्त और उस लड़की की आपस में शादी तय हो जाती है ,और ये अपने दोस्त की बारात में जाता है।
उसके दोस्त और उस लड़की को पता नही वो उस लड़की को बेहद चाहता है।
दोस्त के लिए दी दोस्त की प्यार की कुर्बानी की यह कहानी है।
"कहानी प्यार की" कविता में कुर्बानी के इस जज्बे का विवरण है.। कृपा कविता पढ़े और शेयर करें।
... इति..
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
No comments:
Post a Comment
Please do not enter spam link in the comment box