Thursday, June 17, 2021

कविता का जन्म (Kavita ka Janam)


Kavita ka Janam
Kavita ka Janam
Image from: pexels.com


 सोते जागते चलते भागते...

 सवाल और ख्याल...

 जहन में आते जाते हैं ...

कई बार आपस में उलझते..

कभी लड़ जाते हैं...

इन सवालों ख्यालों को पकड़ पकड़...

एक लड़ में तरतीबन पिरोना ही...

कविता का जन्म है...

जो बनते बनते बन जाती है...


एक सुंदर मोतियों की लड़ सी..

सज जाती है,और सम्पूर्ण हसीन लगती है...

कभी अधूरी सी रह जाती है ...

अस्तित्व में नहीं आ पाती ..

नही जन्म ले पाती...


अच्छा अवसर अच्छा मूड कवि का...

एक सुंदर कविता को जन्म देता है...

कविता कई दिलो को छू लेती है...

कवि की प्रिय होती है...

कवि के हृदय में बसती है...


विचारों के सागर का मंथन...

और सुंदर कथन का सार है कविता ...

कवि के दिल और जहन की...

 गहराइयों का जतन आभार  है कविता ...

कवि के ख्यालों विचारों परिकल्पनायो...

का आयना प्रतिबिंब है कविता...


एक लंबी कहानी  खूबसूरत अंदाज़ में...

चंद पंक्तियों में समेटते हुए  ...

पूरी गाथा दिल छूने के अंदाज़ में...

बयान करती है कविता ....

हर दुख दर्द हंसी खुशी...

 अपने आगोश में समाती है कविता...

कवि की प्रिय ,कवि को भाती है कविता...!!


Sote jagte chalte bhagte..

Swal aur khayal..

Jahan main aate jate hai..

Kai bar apas main uljhate..

Kabhi lad jate hai..

In sawalon khayalon ko paka pakad. .

Ek lad main tartiban pirona hi..

Kavita ka janam hai..

Jo bante bante ban jati hai..


Ek sunder motiyo ke lad si..

Saj jati hai, aur sampurn hasin lagti hai..

Kabhi adhuri si rah jati hai..

Astitva main nahi aa pati..

Nahi janm le pati..


Achha  avsar achha mood Kavi ka..

Ek sunder kavita ko janm deta hai..

Kavita Kai dilon ko chhoo leti hai..

Kavi ki priy hoti hai..

Kavi ke hearday main basti hai..


Vicharon ke sagar ka manthan..

Aur sunder kathan ka saar hai Kavita..

Kavi ke dil aur jahan ki..

Gahraiyon ka jatan abhar hai Kavita..

Kavi ke khayalon  vicharon parikalpnayon..

Ka aaina pratibimb hai Kavita ..


Ek lambi kahani khubsurat andaz main..

Chand panktiyon main samete huye..

Puri gatha ko dl ko chhoo lene ke andaz main..

Byan karti hai Kavita..

Har dukh dard hansi khusi..

 Apni aagosh  main samati hai Kavita..

Kavi ki priy , Kavi ka Bhati hai Kavita ..!!


_जे पी एस बी 

कविता की विवेचना:


कविता का जन्म/ kavita ka Janam कविता की उत्पति और श्रुजनकता इसमें वर्णित की गई है।

कविता लिखने कवि जा बैठता है शब्द आते जाते इधर उधर भटकते हैं , उनमें से चुन चुन कर शब्दो को कागज में बैठाना कविता की रचना की शुरुआत होती है, कई बार विषय से भटक जाती है कविता, उसे विषय में लाना कवि का काम होता है।

लंबी बात या कहानी को सुंदर अंदाज में लघु से लघु रूप में रुचिकर ढंग से पाठको तक लाना ही कविता है। कई बातें सामान्य रूप में नही कही जा सकती कविता के माध्यम से आसानी से खूबसूरत अंदाज में कह दी जाती है।

"कविता का जन्म" कविता कविता लिखते समय कवि के मन की उधेड़ बुन और कवि के मन की बात का वर्णन करती है।

कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।

... इति...

_जे पी एस बी

jpsb.blogspot.com























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