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Dil Mera Dhadkan Teri is True Love Image from: pexels.com |
मना है प्यार में हेरा फेरी..
तभी है दिल मेरा धड़कन तेरी...
प्यार के लिए विश्वाश है जरूरी ..
मन आयने की तरह साफ होना है जरूरी..
ना रहे दोनो दिलों में कोई दूरी..
प्यार स्वाभाविक है न कि मजबूरी..
मेरा दुख तुझे पता चले..
मैं हू खुश तो तू आ मिले..
हर परिस्थी में हो सदा राजी..
लगा दे बिना शर्त जान की बाजी...
कोई शक सुभा ना हो..
ना गिले शिकवे कभी...
दिल के तार जुड़ जाए..
जब दिल याद करे तभी...
परसाई सांसों सा साथ हो...
ये साथ जिंदगी में छूटें ना कभी...
वादा यही है इरादा यही है...
कोई चीज न रहे तेरी मेरी...
मना है प्यार में हेरा फेरी...
तभी है दिल मेरा धड़कन तेरी..
_जे पी एस बी...
कविता की विवेचना:
दिल मेरा धड़कन तेरी/ Dil Mera Dhadkan Teri सच्चे प्यार करने वाले जोड़ों के अहसास और विश्वास को प्रेरणा देती है।
प्रेमी एक दूसरे के दिल में बसते हैं, एक दूजे की दिल की
बात बिना कहे महसूस करते हैं, एक दूजे के दुख सुख के साथी होते हैं,एक को तकलीफ हुई तो दर्द दूसरे को होता है।
सच्चे प्यार के कई किस्से संसार भर में मशहूर है जैसे लैला मजनू, शीरी फरहाद, रोमियो जूलियट,हीर रांझा,सोहनी महिवाल,मिर्जा साहिबा आदि इनमे से अधिकतर पर प्रसिद्ध फिल्म बन चुकी है, कई navel और कहानियां लिखी जा चुकी हैं।
प्यार पर गीत शायरी की भरमार है, प्यार से कोई भी इंसान अछूता नहीं है ,किसी न किसी तरह का प्यार का सबको अनुभव होता है , सच्चे प्यार की सारे प्रेमी प्रेमिकाओं को तलाश रहती , नसीब वाले होते है वो जिन्हे सच्चा प्यार मिल जाता है ।
नए जमाने में सच्चे प्यार की जगह स्वार्थीपन और पैसे ने ले ली है, प्यार भी कमर्शियल हो गया है , पैसे वाला पैसे वाली को खींचता है भी कह सकते हैं।इस पैसे की दौड़ भाग में प्यार कही खो गया है, अब तो पैसे से पैसे को प्यार हो गया है।
दिल मेरा धड़कन तेरी वाला प्यार इस आधुनिक होती दुनिया में खत्म ही ना हो जाए आकांक्षा है।
एक समय सच्चे प्यार की कहानियां ही रह जायेंगी और नई पीढ़ी आश्चर्य करेगी कि ऐसा भी प्यार होता था कभी। और हम जैसे कहानी कार या कवि बताएंगे यह है सही कि ऐसा ही होता था सच्चा प्यार।
और ऐसा ही होना चाहिए सच्चा प्यार निस्वार्थ तब ही तो एक का दिल दूसरे में धड़केगा।
"दिल मेरा धड़कन" तेरी कविता में प्रेमियों के इस एहसास को दर्शाया गया है।कविता पढ़े और शेयर करें।
... इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
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