Wednesday, June 23, 2021

अपना बना लो(Apna Bna Lo)

Poem about Love Emotions
Various Emotions in Mirror
                          Image from :pexels.com


आयना हू , देख लो ...
आग हू , सेक लो...

खुशबू हू, सुगंध लो...
संगीत हू , सुन लो...
गीत हू, गा लो मुझे...
प्रीत हू, लगा लो मुझे..

कहानी हू,कह लो...
उपन्यास हू ,पढ़ लो मुझे...
कोरा कागज हू, कुछ लिख दो...
कविता बन जाऊ तेरी...

नदी हू, बह लो साथ मेरे..
समुंद्र हू,डूब जाओ मुझमें..

श्रृंगार हू, कर लो मुझे...
हवा हू, संग बह लो...
प्रकृति हू, संग रह लो मेरे...
सपना हू, देख लो मुझे...

ख्वाब हू, खो जाओ मुझमें...
शराब हू, मदहोश हो झूमो...

दुनिया हू,आओ घूमो...
मुसाफिर हू, साथ चलो..

घर हू, रह लो मुझमें..
कुछ दिल में है कह लो..

भक्ति हू, ध्यान में खो जाओ..
मुक्ति हू, पा लो मुझे...

जिंदगी हू , जी लो मुझे...
मौत हू, गले लगा लो मुझे...

तकलीफ हू, सह लो मुझे...
मानो तो, तुम्हारा अपना हू...
हर हाल में, अपना लो मुझे..!!


Aina hun, dekh lo..
Aag hun, sek lo..

Khushbu hun, sugandh lo..
Sangeet hun, sun lo..
Geet hun, ga lo mujhe..
Preet hun , laga lo mujhe..

Kahani hun, kah lo..
Upnyas hun, padh lo mujhe..
Kora kagaz hun,kuchh likh do..
Kavita ban jaun teri..

Nadi hun, bah lo sath mere..
Samunder hun,doob jao mujhme..

Shringar hun, kar lo mujhe..
Hawa hun, sang bah lo..
Prakruti hun, sath rah lo mere..
Sapna hun, dekh lo mujhe..

Khwab hun,kho jao mujhme..
Sharab hun, madhosh ho jhumo..

Duniya hun, aao ghumo..
Musafir hun, sath chalo..

Ghar hun, rah lo mujhme..
Kuchh Dil main hai kah lo mujhe..

Bhakti hun, dhyan main kho jao..
Mukti hun, pa ll o mujhe..

Jindgi hun, jee lo mujhe..
Mout hun, gale laga lo mujhe..

Taklief hun, sah lo mujhe..
Mano tou tumhara apna hun..
Har haal main apna lo mujhe..




_जे पी एस बी

कविता की विवेचना:

अपना बना लो/ Apna Bna Lo कविता में नायक नायिका को अपने साथ हर पल हर जगह, स्थान और हर वस्तु में महसूस और एहसास करना  चाहता है।

इसलिए वो नायिका से आग्रह कर रहा है कि वो जहा कही भी किसी वस्तु या जगह से intract है,  वहा नायक को महसूस करे और नायक वहा मौजूद  ही है, जैसे आयने में ,घर में नदी में गीत में संगीत में आदि जैसा कि कविता (अपना बना लो) में वर्णित किया गया है।

 ऐसी कोई भी वस्तु जगह नहीं है जहा नायिका है और नायक उपस्थित नहीं है, नायक हर जगह नायिका के साथ है और साथ ही रहना चाहता है ,और यही अपेक्षा वो नायिका से भी करता है और चाहता है कि नायिका उससे कभी भी अलग ना हो है जगह हर परिस्थिति में नायक को अपना ले अपना बना ले। यहां तक कि अगर नायक मौत या तकलीफ है तब भी उसे अपनाए।
नायक सोचता है कि नायिका को सच्चा प्यार है और नायक को विश्वास है नायिका पर और वो जनता है कि नायिका हर हाल में उसे अपनाएगी।

"अपना बना लो" कविता में नायक की भावनाओं और संवेदनाओं को नायिका के प्रति वर्णित किया गया है।

कृपया कविता पढ़े और शेयर करें।

... इति...
_जे पी एस बी

jpsb.blogspot.com




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