हो चुकी है पार ,नही होता ऐतबार ...
इतनी जल्दी दिन गुजरे...
हंसी खुशी कमाया खाया पीया...
कभी दुख तकलीफ में रोना भी आया..
आधी जिंदगी सोने में गुजारी...
ईश्वर तुम्हारी याद भी आती थी रोज...
तुमसे कुछ कुछ मांगते थे रोज..
दुख तकलीफ भी सुनाते थे रोज...
एक दिन प्रश्न ख्याल में आया...
आपने मुझे पृथ्वी लोक क्यो भिजवाया...
क्या कोई खास काम दिया था...
या यू ही यहां घूमने मस्ती के लिए निर्णय लिया था...
हमने तो यहा खाने पीने पहनने घूमने...
और सोने के सिवा कुछ नहीं किया...
अब वापिस जाने का समय नजदीक आ रहा है...
आप वापिस आने पर मुझसे पूछेंगे...
क्या पृथ्वी लोक का कार्य संपन्न कर आए ...?
मुझे तो अभी तक कार्य ही नहीं पता...
हो सके तो कृपया कार्य बता दे प्रभु...
बचे हुए दिनों में ...
कार्य सम्पन्न करने का प्रयास करूंगा...
कार्य सम्पन्न होने पर ही मरूंगा...!!
Aadhi se jyada Jindgi ..
Ho chuki hai par..
Nahi hota aitbar..
Intni jaldi din gujre..
Hansi khushi kamaya khaya piya..
Kabhi dukh taklif main rona bhi aaya..
Aadhi Jindgi sone main gujari..
Ishwar tumhari yaad bhi aati thi roj..
Tumse kuchh mangte thei roj..
Dukh takhlif bhi sunate thei roj..
Ek din prasn khayal main aaya..
Aapne mujhe prithvi lok kyo bhijwaya..
Kya koi khas kam diya tha..
Ya yu hi yeha ghumne masti ke liye nirnay liya tha..
Hamne to yeha khane pine ghumne..
Aur sone ke siva kucch nahi kiya..
Ab vapis jane ka samay najdik aa raha hai..
Aap wapis aane par mujhse puchhenge..
Kya prithvi lok ka karya sampann kar aaye..?
Mujhe tou abhi tak karya hi nahi pata..
Ho sake tou karya bata de prabhu..
Bache huye dinon main ..
Karya sapann karne ka prayas karunga..
Karya sapann hone par hi marunga..!!
_जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
इस जन्म का काम/Is Janam Ka Kam कविता मनुष्य के इस पृथ्वी पर जन्म के मकसद पर आधारित है।
जरूर कोई न कोई कारण होगा ईश्वर ने दुनिया बनाई अन्य जीव पेड़ पौधे और जीवन उपयोगी अन्य सारी चीजे बनाई खास मनुष्य बनाया और मनुष्य को कई शक्तियां दी उनमें सबसे खास दिमाग दिया।
उसी दिमाग का इस्तेमाल कर इंसान दुनिया की सब सुख सुविधाएं अपने लिए एकत्र की और दुनिया का सबसे सक्षम जीव बन गया।
इंसान की ढेर सारी उपलब्धियों के बाद भी एक ख्याल आता है, कि भगवान का कोई न कोई उद्देश्य होगा प्रतेक मनुष्य के लिए
वो क्या खास काम है जो भगवान ने हर इंसान को देकर भेजा है, और वो काम किसी को याद नही या फिर हो सकता है किसी को याद हो और वह उस काम को कर रहा हो।
कवि को तो उसका काम याद नहीं और वह भगवान से प्रार्थना कर रहा है उसके काम को बताएं ताकि मरने से पहले वो भगवान का दिया काम complete कर सके।
भगवान किसी न किसी रूप में संकेत से वो काम बता देता है और जिसको यह काम बताया जाता वो यह काम पूरा करके ही मरता है या मरने से पहले पूरा कर लेता है।
"इस जन्म का काम" कविता मनुष्य के इस दुनिया में आने के उद्देश को लेकर है शायद आपको भी अपना उद्देश्य पता हो और उसे पूरा कर रहे हो।
कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।
... इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
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