Thursday, June 24, 2021

प्यार की आग( Fire of Love)










Fire of Love
Fire of Love
Image From: pexels.com



तुम्हारे दिल में मेरे लिए प्यार की आग है...
ये समझ उस आग में जलना चाहा...
मगर वहा चिंगारी निकली...

मीठी सूरी समझ ,तेरे प्यार में कटना चाहा...
मगर तू धारदार आरी निकली...

फूल समझ तुझे, प्यार लेकर तेरे पास  आया ...
मगर तू कांटेदार झाड़ी निकली...

कविता समझ तुझे ,पढ़ने तेरे सुभाव के पन्ने पलते...
तो तेरे मुंह से गाली निकली....

नदी समझ ,जब तेरे प्यार में डूबने तेरे मन में समाया...
मगर तू मामूली नाली निकली...

तुम्हारे आखों के समुंद्र में ढूंढने  प्यार झांकने गया..
वहा चाकू छुरिया और कटारी निकली...

एक जासूसी उपन्यास जानकर रहस्य जानने चाहे...
 पढ़ते  ही चीखें हमारी  निकली...

एक रहस्मय गुफा हो तुम ,गुफा में प्यार तलासना चाहा...
 जैसे  ही आगे बढ़ा मौत हमारी निकली...!!

Tumhare dil main mere liye pyar ki aaga hai..
Yah samajh usme jalna chaha..
Magar wahan chingari nikli..

Meethi suri samajh katna chaha..
Magar tu dhardar aari nikli..

Phool samajh  tujhe, pyar lekar pas aaya..
Magar tu kantedar jhadi nikli..

Kavita samajh tujhe, padhne tere swabhav ke panne palte..
Tou tere muh se gali nikli..

Nadi samajh, tere pyar me dubne tere mann main samaya..
Magar tu mamuli nali nikli..

Tumhare aankhon ke samander main pyar dhudne jhakne gaya..
Tou waha chaku chhuriya aur katari nikli..

Ek jasoosi upnyas jankar kar rahsay janane chahe..
Padhte hi cheekhe hamari nikli..

Ek rahsmay gufa ho tum,gufa main pyar talasna chaaha..
Jaise hi aage badha mout ho amari nikli..!!


कविता की विवेचना:

प्यार की आग / Pyar ki Aag कविता प्रेमी जोड़े की कहानी है , जो पहले एक दूसरे को बहुत चाहते हैं, बाद में प्यार नफरत में बदल जाता है।

अचानक दोनो के विचार नही मिलते ,एक दूसरे के विपरीत चलने लगते हैं, कोई भी बात एक दूजे की नही भाती जो कि लड़ाई झगड़े का कारण बनती है।

प्रेमी को जो प्रेमिका दुनिया की सबसे हसीन लगती थी , अब उसमे कई खामियां नजर आती है ।

प्रेमिका की निसानिया डरावनी लगती हैं, उसके द्वारा दिए गए उपहार काटने को दौड़ते हैं । उसके साथ बिताए हसीन पल अब अब भूतिया कहानी के हिस्से लगते हैं।

 उसकी कही गई बातें कान सुनना नही चाहते , एक भी याद उसकी बहुत तकलीफ देती है, प्रेमी एक भी बात प्रेमिका की अब याद नही रखना चाहता और प्रेमिका को बिलकुल भुला देना चाहता है , जिंदगी के उस हिस्से को हमेशा के लिए जिंदगी से काट देना चाहता है जिसका संबंध उसकी प्रेमिका से हो।

प्रेमी की बहुत सी ऐसी ही भावनाओ का जिक्र  कविता में किया है।

"प्यार की आग" कविता को पढ़े और कृपया शेयर करें।
... इति...


_जे पी एस बी 
jpsb.blogspot.com



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