Monday, June 7, 2021

नेताओ का जुल्म(Netao ka Julm)


 
How Politician use innocent people
Netayo Ke Julm
Image from :pexels.com

नेताओ ने किया ...
तुम पर हम पर बहुत जुल्म...
हम रहे ना हम तुम रहे  ना तुम..
आपस में लड़ाया हमें...
धर्म जात पात के नाम...
नफ़रत और झूठ फैलाना..
इनका रात दिन है काम...

 

नेताओ ने किया...
हम पर तुम पर बहुत जुल्म...
हम रहे ना हम तुम रहे ना तुम ...
फूट डाल कर सत्ता इन्हें मिली...
जनता के हिस्से...
भुखमरी बेकार लाचारी...
झूठे वादे कर वोट लिया...
ठगी गई जनता बेचारी...

 

नेताओ ने किया...
हम पर तुम पर बहुत जुल्म...
हम रहे ना हम तुम रहे ना तुम...
याद आते हैं आज...
सुभाष भगत आज़ाद...
ये सारे देशभक्त कहा है गुम...
मुगलों अंग्रेजों के बाद...
कहा से आए नेता तुम..

 

नेताओं ने किया .         
हम पर तुम पर बहुत जुल्म...
हम रहे ना हम तुम रहे ना तुम...
कैसे इनसे निजात पाएं...
कैसे इन्हें भगाए...
इन्होंने किया आज नाक में दम...
नेताओं ने किया ...
हम पर तुम पर बहुत जुल्म...
हम रहे ना हम तुम रहे ना तुम...!! 


Netao ne kiya..

Tum par ham bahut Julm..

Ham rahe na ham tum rahe na tum..

Aapas main ladaya hame ..

 Dharm jat pat ke naam par.. 

Nafarat aur behisab jhuth ke kam par..


Netao ne kiya . 

 ham par tum par bahut Julm..

Ham rahe na ham tum rahe na tum..

Phoot dal kar satta inhen mili..

Janta ke hisse aayi..

Bhukhmari bekari aur lachari..

Jhuthe vade kar vote ke kya..

Thaggi  gayi janta bechari..


Netao ne kiya..

Ham par tum par bahut julm..

Ham rahe na ham tum rahe na tum..

Yaad aate hai aaj..

Subhash bhagat aazad..

Yah sare desh bhakt kaha hai gum..

Muglon angrejon ke bad..

Kahan se aaye neta tum..


Netao ne kiya..

Ham par tum par bahut julm..

Ham rahe na ham tum rahe na tum..

Kaise inse nizat paye..

Kaise inhen bhagay..

Inhone ne kiya aaj naak main dam..

Netao ne kiya..

Ham par tum par bahut Julm..

Ham rahe na ham tum rahe na tum..!!


जे पी एस बी 


कविता की विवेचना: 

नेताओ के जुल्म/ Netao ke Julm कविता  में आजादी के बाद बहुत तादात में भारत में नेता उत्पन्न हुवे कुछ तो देश का भला चाहते है और अपना खुद का भला चाहने वाले हैं।

देश का भला करने वाले वास्तव में देश भक्त नेता भी हैं मगर उनकी संख्या कम होती जा  रही है। उन्हीं देश भक्त नेताओ के कारण देश चल रहा है।

कई लोगों ने नेता बनना सबसे आसान खुद के रोजगार का तरीका बना लिया है, ऐसे लोग जब देश की राजनीति का हिस्सा हो जातें हैं , ये अपने ही लोगों का शोषण करते हैं ,और देश के हितों का भी नुकसान करते हैं , और सिर्फ अपना ही घर भरते हैं ।

ऐसे नेताओ ने कानून में लू पोल का फायदा उठा कर किसी ढंग से झूठ बोल जनता का वोट हासिल कर लिया, चाहे धर्म का सहारा लेकर
 या झूठे वादे करके , एक बार चुनाव जीत गए तो उसी जनता के खिलाफ काम किया जिसने उसे वोट दिया था, खुद का भला खूब किया और कुछ ही समय में धन कुबेर बन गए।

हमे आज़दी कितनी शाहदतों और कुर्बानियों के बाद नसीब हुई है।
हमारे शहीदों ने कभी कल्पना भी न की होगी कि आजादी के बाद ऐसे लोगों की बाढ़ आ जायेगी ।

जो अपने ही लोगों को राजनीति के नाम पर आपस में लड़ाएंगे , अपने ही लोगों के हितों का नुकसान कर सिर्फ खुद का फायदा सोचेंगे। मगर यह हो रहा है और कोई इन so called नेताओ को रोक नहीं पा रहा है। 

कई अपराधी तत्व भी राजनीति में घुसपेठ कर गए हैं , अफसोस कि इन्हें कई राजनीति पार्टियां सहयोग करती हैं मकसद इलेक्शन जीतना किसी भी ढंग से। वो यह क्यों नही सोच पा रहे कि इससे देश कमजोर होता है, देश का लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। 
काश कोई इस ओर ध्यान दे।

" नेताओ का जुल्म" इस गलत टाइप स्वार्थी नेताओ के जनता और देश का अहित अपने स्वार्थों के लिए कैसे कर रहे हैं इसका वर्णन किया गया है। 

कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।

... इति ...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com







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