Wednesday, June 9, 2021

बरसात( The RAIN)

Description of The Rain Joyful
The Rain
Image from :pexels.com

     

 रिम झीम का संगीत...

मन को अपनी ओर रहा खींच...

गर्मी से मिली निजात...

नींद को मिली सौगात...

 

चारो ओर हरियाली...

झरनों की बहार....

मन को भाती बारिश की फुहार...

इंद्रधनुष और रूई से बादल...

आ रहे जा रहे कही से पैदल...

 

मोर रहा खुशी से नाच...

पपीहे की भी प्यास बुझी आज...

बादल गरजे बिजली चमकी...

अच्छी लगीं गरजने की आवाज...

 

रंग बिरंगे फूल खिले...

नीले आकाश तले प्रकृति की चित्रकला...

वर्षा ऋतु आई फिर से चल पड़ा...

खुशहाली और आनंद का सिलसिला...!!


Reem jheem ka sangeet..

Mann ko apni ore raha kheench..

Garmi se mili nizat..

Neend ko mili saogaat.. 


Charo ore haryali..

Jharano ki bahar..

Mann ko Bhati barish ki fuhar..

Indradhanush aur ruie se badal..

Aa rahe ja rahe kahin se paidal..


More raha khushi se nanch..

Papihe ki bhi bujhi pyas aaj..

Badal garje bijali chamki..

Achhi lagi garjane ki aawaz..


Rang birange fool khile..

Neele aakash talye prakuriti ki chitrakala..

Varsha ritu aayi chal pada..

Khushiyon aur anand ka silsila..!!


जे पी एस बी 


कविता की विवेचना:

बरसात/Barsaat कविता वर्षा की मनमोहक सुहानी ऋतु के आगमन पर लिखी है।

बरसात किसानों की आश है , पपिहे की प्यास है,मोर की खुशी है।

भारत कृषि प्रधान देश है, भारत की बहुत बड़ी आबादी लगभग सत्तर फीसदी कृषि पर निर्भर है और ज्यादातर कृषि बरसात पर निर्भर करती है।

अगर बरसात समय पर और अच्छी होती है तो भारत में फसल की पैदावार भी बहुत अच्छी होती है।फसल अच्छी होने से किसान के पास अच्छा पैसा आता है और किसान खुशियां मनाता है, देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है देश मजबूत होता है।

अक्सर भारत में बरसात समय पर ही आ जाती और जून जुलाई अगस्त तक रहती है, सारे डैम भर जाते हैं ,नदियों में पानी भर जाता है जो खेतों और रोजमर्रा में काम आता है।

बरसात में मौसम सुहाना मनभावन हो जाता है चारो और हरियाली, झरनों से बहता कल कल पानी मन मोह लेता है।

पशु पंक्षी भी बरसात का आनंद उठाते हैं,कुछ पंक्षी तो बरसात के दीवाने हैं , जैसे मोर और पपिहा ।

मोर तो बादलों को देखते ही मन मुग्ध करने वाला नाच करने लगता है और पापी तो पानी ही बरसात होने पर पीता है वरना प्यासा ही रहता है। 

बरसात प्रकृति के चक्र का अहम हिस्सा है , समय पर बरसात आने पर प्रकृति संतुलित रहती है ।प्रकृति के संतुलित रहने से सब जीव जंतुओं का जीवन भी सुचारू रूप से चलता है।

"बरसात" कविता में मनमोहन वर्षा ऋतु का वर्णन विभिन्न आयामों से किया किया है।

कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।

... इति...

_जे पी एस बी

jpsb.blogspot.com




















No comments:

Post a Comment

Please do not enter spam link in the comment box

Recent Post

हमारा प्यारा सितारा (Hamara Pyara Sitara)

                        Hamara pyara sitara Image from:pexels.com  शुभ-भव्य ने.. आकाश को गौर से निहारा.. सबसे चमकते सितारे को.. प्यार से पुक...

Popular Posts