Tuesday, June 1, 2021

अधूरा प्यार(half love)

Half Love After half fight starts
Half Love
Image from :pexels.com

 

प्यार अधूरा छोड़  भागे क्यों..

सपने हुए आधे क्यों..

प्यार के कच्चे धागे क्यों..

दिल का सीसा टूटा क्यों..

तुमने मुझको लूटा क्यों..

साथ अपना छूटा क्यों..

तुम निकले स्वार्थी क्यों..

मुझ से रिश्ता जोड़ा क्यों..

जोड़ा तो फिर तोडा क्यों..

मैने तुझपे विश्वास किया क्यों..

अपना दिल तुझे दिया क्यों..

खुद को बर्बाद किया क्यों..

प्यार में घाटा नफा क्यों..

तुम निकले बेवफा क्यों..???


Pyar adhura chhod bhage ..

Sapne huye aadhe  kyo..

Pyar ke kachche dhage kyo..

Dil sisa tuta kyo ..

Tumne mujhko luta kyo..

Sath apna chhuta kyo..

Tum nikale swarthi kyo..

Mujh se rista joda kyo..

Joda to phir toda kyo..

Maine tujh pe vishwas kiya kyo..

Apna dil tujhe diya kyo..

Khud ko barbad kiya kyo..

Pyar me ghata nafa kyo..

Tum nikale bewfa kyo ..???


जे पी एस बी 

कविता की विवेचना:

अधूरा प्यार/ Half Love कविता में प्रेमी प्रेमिका से शिकायत कर रहा और नायक के कई सवाल हैं जिसका उत्तर नायिका को देना है ।

नायिका अचानक किसी बात से रूठ जाती है और गुस्से में नायक को सोड कर चली जाती है।

नायक को मालूम है कि नायिका कहा गई है मगर वो उसको मनाने नही जाता क्यों कि नायक भी गुस्सा है ,नायिका के इस विचित्र व्यवहार पर। 

नायक का मानना है कि नायिका ने बात का बतंगड़ बनाया और इतना बढ़ाया कि वोह उसका अहम बन गया,इसी अहम की संतुष्टि के लिए वोह रूठ कर चली गई की नायक आए और उसे मनाए।

नायक के मन में भी अहम है कि जब उसकी गलती ही नही तो वो क्यों मनाएं और माफी मांगेगा किस बात की जब नायक कोई गलती ही नही ।

इसलिए नायक भी नायिका को नही मनाता, दोनो के अहम के कारण गुस्सा और दरार दोनो ओर से बढ़ती जा रही है और झुकने को कोई तैयार नहीं।

नायिका सोचती है कि नायिक उसे मनाने नही आ रहा उसे उससे जरा भी प्यार नहीं, और नायक सोचता है कि इतनी छोटी सी बात पर रूठ कर चली गई जबकि नायिक कि कोई गलती नहीं , इसका मतलब नायिका उससे प्यार नही करती जब प्यार ही नही करती तो उसके साथ रहें क्यों।

इसी बीच किसी के समझाने पर नायिका को उसकी गलती का अहसास होता है और वो अचानक नायक के सामने जा खड़ी होती है, थोड़े गुस्से के बाद नायक मान जाता है और दोनो का समझौता हो जाता है।

" अधूरा प्यार" कविता में नायक की सिकायते प्रश्नों के रूप में नायिका से हैं जिन्हे सुनकर ही नायिका को गलती का अहसास होता है और प्यार का रिश्ता टूटते टूटते फिर जुड़ जाता है।

कविता को पढ़े और शेयर करें ।

... इति...

_जे पी एस बी

jpsb.blogspot.com



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