लड़ाई झगड़े छोड़ कर...
चलो किसी नए मोड़ पर..
अजनबी से मिलते हैं..
खोया प्यार तलासेंगे..
एक दूजे का विश्वास तलासेंगे..
एक दूजे के साथ का आभास तलासेंगे...
तुम्हारी गलतियां तुम मानो...
मेरी कमियां मैं मानूंगा...
करेंगे प्यार की शर्ते तय..
रजामंदी दोनों की जिसमें है...
प्यार का इकरारनामा बनायेगे..
जिंदगी भर उसे निभायेंगे..
चलो दूर करे दिलो की दूरियां..
एक तरफ रख दे सब मजबूरियां...
प्यार के लिए थोड़ा कष्ट सहेंगे...
कुछ दिल में चुभ भी गया तो...
एक दूजे के सिवा किसी से ना कहेंगे..
प्यार स्वार्थ से परे है...
प्यार त्याग मांगता है...
हम भी एक दूजे के लिए त्याग करेगें...
खाते है कसम ,कसम से...
साथ जिएंगे साथ मरेंगे...!!
Ladai jhagade chhod kar..
Chalo kisi naye mod par..
Ajnabi se milte hai..
Khoya pyar talashenge ..
Ek duje ka vishvas talashenge..
Ek duje ke saath ka aabhash talashenge..
Tumhari galtiya tum mano..
Meri kamiya mae manunga..
Karenge pyar ki sharte tay..
Rajamandi dono ki jisme hai..
Pyar ka ekrar nama bananyenge..
Jindgi bhar usie nibhayenge..
Chalo dur karo dilon ki duriyan..
Ek taraf rakh de sab majburiyan..
Pyar ke liye thoda kasht sahenge ..
Kuchh dil main chubh bhi gaya tau..
Ek duje ke shiva kisi se na kahenge..
Pyar swarth se pare hai..
Pyar tyag mangta hai..
Ham bhi ek duje ke liye tyag karenge..
Khate hai kadam, kadam se..
Saath jiyenge saath marenge..!!
जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
किसी मोड़ पर/ Kisi Mod Par कविता में कविता नायक नायिका का झगड़े के बाद वापिस सुलह का रास्ता तलाश गया है।
नायिका नायक का आपस में झगड़ा या लड़ाई कई विषयो में विचार न मिलने पर हो जाता है।
झगड़ा इतना बढ़ जाता है की नायिका नायक को छोड़ कर चली जाती है, बहुत कोशिसो के बाद भी उनका झगड़ा खत्म नहीं होता बल्कि और ज्यादा बढ़ जाता है, यहां तक नौबत आ जाती है कि जिंदगी में फिर कभी नही मिलेंगे।
मगर इतने झगड़े के बाद भी नायक नायिका के दिल के किसी कोने में आपस में प्यारभी है मगर वो दरसाते नही, दिल ही दिल में नायक नायिका चाहते है समझौता हो जाए ।
मगर दोनों का अहम आड़े आ रहा है पहल कौन करें, तो यह पहल नायक करता है।
नायक नायिका से कहता है कि चलो सारी पुरानी बाते और लड़ाई झगड़ा भूल कर , फिर से नए सिरे से जिंदगी शुरू करते हैं ।
उसके लिए नायक नायिका कुछ नियम बनाते है ,और आपस में तय करते हैं, कसम खाते है कि उन बनाए गए नियमों अनुसार ही चलेंगे , नियमों का कड़ाई से पालन करेंगे और कभी झगड़ा नहीं करेंगे ,कभी गुस्सा आ भी जाता है उसे कम करेंगे, आपस की बात किसी तीसरे तक नही आने देंगे, सबसे खास बात कुछ भी हो जाए मरते दम तक एक दूजे के साथ ही रहेंगे ।
नायक नायिका का एक किसी मोड़ पर फिर से मिलना और फिर मिल कर एक हो जाना सुखद महसूस होता है।
" किसी मोड़ पर" कविता में नायक नायिका का मतभेद कारण झगड़ा होना और फिर किसी मोड़ पर समझौता करके फिर एक हो जाना एक सुखद अहसास देता है, कविता में यही वर्णन है।
कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।
... इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
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Nicely crafted. Seems like coming from your heart.
ReplyDeleteIs this your story which you transformed from your life.