किस से पूछे सवाल...
सबके ही है बुरे हाल...
लॉक डाउन करोना...
बन गया बड़ा सवाल...
रोजी रोटी का...
रोजगार और व्यापार का...
जान पर भी बन आई है...
बंद हुई कमाई है...
कब करोना निगल लेगा...
किसको नही पता...
सरकार से पूछो सवाल...
तो जेल है....
सब ऊपर वाले का खेल है...
परीक्षा की घड़ी है...
मुसीबत बहुत बड़ी है...
राम भरोसे छोड़ा है...
करोना एक सवाल बड़ा है....??
Kis se punchhe swal..
Sabke hi hai bure hal..
Lock down ,Carona..
Ban gaya bada swal..
Roji roti ka..
Rojgar vyapar ka..
Jaan par bhi ban aayi hai..
Band huyi kamai hai..
Kab carona nigal lega..
Kis ko nahi pata..
Sarkar se puchho swal ..
Tou jail hai..
Sab upar wale ka khel hai..
Pariksha ki ghadi hai..
Musibat bahut badi hai..
Ram Bharose chhoda hai ..
Carona swal bahut bada hai ..
_जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
सवाल/ Swal ,कविता खुद ही एक सवाल है, यह सवाल किस से पूछा जाए , सरकार से ,देश की व्यवस्था से या भगवान से?
अचानक एक दिन पता चलता है चीन में एक जान लेवा महामारी आ गई है और लोग बेहिसाब मर रहे हैं , डॉक्टर कुछ नही कर पा रहे बल्कि डॉक्टर भी मर रहें हैं।
हम सब न्यूज सुनते हैं अफसोस करते हैं कि चीन में लोगों के साथ बहुत बुरा हो रहा है । यह खबर आई गई हो जाती है ।
हमने या पूरे विश्व ने कभी कल्पना भी नहीं की होती की चीन से कई गुना ज्यादा शक्तिसाली हमला इस करोना का हम पर होगा, यह हमला होता है, हम बचाव के लिए संभल भी नही पाते और हमारे लोग मौत की आगोश में जाने लग जातें हैं।
आनन फानन में लॉक डाउन और बचाने के उपायों का ऐलान होता है, जैसे मास्क, 6फीट की दूरी सेनेटाइजर,और लॉक डाउन, सब बंद फैक्ट्रियां ,ट्रेन , बस, लोग घरों में बंद और हॉस्पिटलों में मौत का तांडव, लोग अपनो को खो रहे थे रो भी नही पा रहे थे ।
ट्रेन बस बंद होने के कारण लोग पैदल ही घरों को निकल पड़े मिलों दूर का सफर कई रास्ते में ही मर गए। प्रशासन ने भगवान से प्रार्थना की कि प्रभु राम संभाल लेना सब हमारे बस का नहीं , फिर उसके बाद भगवान ने ही संभाला इस देश को करोना की पहिली लहर से दूसरी लहर तक ।
भगवान ने बहुत सारे लोगों को अपने पास भी बुला लिया हमेशा के लिए क्यों कि यहां हॉस्पिटल्स में जगह नहीं थी दवाइया ऑक्सीजन नही थी, और हमारे प्रशासन ने व्यवस्था भी भगवान को सौप दी थी, भगवान ने अपना काम अच्छे से किया भगवान हमेशा अच्छा ही करते हैं उन्होंने ही तो दुनिया बनाई है।
सब काम भगवान जी भरोसे था इसलिए प्रशासन बे फिक्र था और चुनाव या दूसरे काम अध्यादेश लाना नए नए कानून लाना जैसे नायब कृषि कानून , लेबर कानून आदि ताकि विशाल जनसंख्या जो करोना महामारी से मरने के बावजूद कम नहीं हो रही, इन कानूनों से इस जनता की नकेल कसी जायेगी।
किसान भी खेती अच्छे से नही कर पा रहे हैं, हार मान कर मर रहें हैं , अब सरकार खेती अच्छे से कराएगी उद्योग पतियों को इस काम में लगाएगी, सरकार की आमदनी भी बढ़ेगी , देश खेती के उत्पादन से बहुत अमीर हो जायेगा विश्व शक्ति बनेगा ।
गरीबी रेखा के नीचे की आबादी वाला अमीर देश , जनता को तो भगवान ही संभालेंगे उनका भव्य मंदिर बन रहा है, भगवान मंदिर निर्माण से बहुत खुश हैं , जनता को और बाकी सब अव्यवस्था भगवान संभाल लेंगे प्रशासन का बहुत बड़ा सिरदर्द खत्म।
इसलिए जब पूरी जिमेवारी भगवान ने ली है सवाल भी भगवान से ही पूछना चाहिए, कुछ लोग गलती से प्रशासन से सवाल करते हैं और सजा भुगतते हैं ,जब कि उन्हें सवाल भगवान से पूछने चाहिए थे , गलती की सज्जा तो मिलेगी ही।
"सवाल" कविता में भी सवाल भगवान से ही है, प्रभु हमें क्यों मारा और सताया जा रहा है, जब कि सब व्यवस्था आपके हांथ है, आपके काम में जो व्यवधान डाल रहे हैं उन्हें सज्जा क्यों नहीं?
कृप्या कविता को पढ़े और शेयर करें।
... इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
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