Saturday, May 15, 2021

सफर खत्म होने की तैयारी(Safar khatam hone ki Taiyari)

After middle age prepared to death
Safar khatam Hone Ki Taiyari
Image from :pexels.com

जिंदगी का सफ़र खत्म समझो-

जब ये आसार दिखने लगे-

पेट निकल आया -

और बाल पकने लगे-

लग गई छोटी मोटी बिमारी-

जब चलते चलते रुकने लगे-

कभी लोन की फ़िक्र-

हर समय हेल्थ का जिक्र-

फ़ुर्सत की होने लगे कमी-

आंखो मे आ जाये नमीं-

प्यार की कविताए लिखते थे-

अब बीमे का फ़ार्म भरने लगे-

हर समय दिन गिनने लगे-

समझो अब अपनी बारी है-

जिंदगी का सफ़र खत्म-

होने की तैयारी है..!!

 

Jindagi ka safar khatam samjho..

Jab yeh aashar dikhane lagen..

Pet nikal aaya aur bal pakne lage..

Lag gayi chhoti moti bimari..

Jab chalte chalte rukne lage..

Kabhi loan ki fikar..

Har samay health ka jikar..

Fursat ki hone lage kami..

Aankhon main aa jaye nami..

Pyar ki kavitayen likhate the..

Ab bime ka farm bharne lage..

Har samay din ginane lage..

Samjho ab apni bari hai..

Jindgi ka safar khatam..

 Hone ki taiyari hai..!!


_जे पी एस बी 

कविता की विवेचना: 

सफर खत्म होने की तैयारी/ Safar Khatm Hone Ki taiyari कविता में जिंदगी का सफर होने की तैयारी के बारे बात की गई है।

हम सब इस दुनिया में एक सफर पर आए हैं, जिसे जिंदगी का सफर भी कहते हैं, इंसान जन्म लेता है इस पृथ्वी पर और उसका जिंदगी का सफर शुरू हो जाता है, बचपन से तरुण , जवानी, अधेड़ और बुढ़ापा।

बचपन में खूब खेले कूदे साथ में थोड़ी पढ़ाई लिखाई भी की , अल्हड़ पन कोई चिंता फिकर नहीं मस्ती और सिर्फ मस्ती में बचपन में कब आया और चला गया पता ही ना चला । 

फिर तरुण अवस्था और जवानी ने अंगड़ाई ली, जवानी की खुमारी में मदहोश अपने रूप रंग की चिंता और प्रेम की सपने बुनती /बुनता सपनो की दुनिया में खोया खूब सोया और जब नींद खुली जो जवानी जा चुकी थी। 

अब गृहस्ती की चिंतायो ने जकड़ा बच्चो की पढ़ाई शादी किराना वीराना ,सब्जी ,मकान , नोकरी कमाई इन सब से निपटते निपटते कब बुढ़ापा आ गया ।

 पता तब चला जब अचानक घुटना दुखा बालों में सफेदी सा गई ,चेहरे पर झुरलिया आ गई ,आंखो पर हुआ मोटा सा चस्मा सवार, समझो अब वापस जाने का हो रहा जुगाड ।

यह होता कुदरती हैआप चाहो या ना चाहो तैयारी सफर खत्म होने की अपने आप होती रहती है हमे पता भी नही चल पाता , पता तभी चलता है जब अचानक एक दिन मृत्यु सैया पर पड़े होते हैं।

 और हमारे अपने हमे विदा करने की तैयारी में जुट जाते हैं। मगर पता नही क्यों यह नियम नेताओ पर लागू नहीं होता हमारा सफर खत्म होने पर उनका कैरियर शुरू होता है , कई उदाहरण हैं सब स्वयं ही समझ जायेंगे नाम लेनें की जरूरत नहीं है।

"सफर खत्म होने की तैयारी" कविता में जिंदगी का सफर इस धरती पर खत्म होने की तैयारी और उस लोक में वापिस जाने की कहानी है।

कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।

... इति...

_जे पी एस बी

Jpsb.blogspot.com




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