Saturday, May 29, 2021

रोना आया (Tearful)









Tearful
Tearful Memories

तुम्हारे ना होने के...

एहसास पर रोना आया...

याद हो आई तुम्हारी कई बाते...

हर बात पर रोना आया...

 

याद आती कुछ बात तो...

लगता है कह दू तुमसे...

तुम्हारे दूर होने के ..

एहसास पर रोना आया...

 

कभी देखने और मिलने को..

तरस जाता है दिल...

दूर और मजबूर हू मैं इतना...

इस मजबूरी पर रोना आया...

 

अभी तो बाकी थी बहुत बाते..

जो तुमसे करनी थी ..

 सलाह लेनी थी  कही सलाह देनी थी..

घूमनी थी तेरे साथ दुनिया..

कैद करने थे कई सुनहरे पल और सपने ..


मौका ही ना दिया एक पल भी..

एक दम से कैसे तुम चली गई ..

मुड़ कर भी ना देखा ..

तुम ही तो थी सब कुछ हमारी..

हम ही तो थे सब कुछ तुम्हारे.. 

फिर छोड़ा हमें किसके सहारे..


बदला क्यों तुमने भैंस ..

वोह कौन सा देश जहा तुम चले गए..

कैसे भेजे तुम्हे अब कोई संदेश ..

या तुम ही हम पर तरस खाओ ..

अब लोट भी आओ..

 

लगता है पास तुम्हारे चला आऊ..

जिंदगी की जब टुटी ना सांस...

तो हो बदहवास रोना आया...

 

भगवान को मालूम है सब..

मिला ही देगा कभी..

करूंगा और इंतजार...

इंतजार थका देने वाला लंबा है..

इस इंतजार पर रोना आया...!!


Tumhare na hone ke..

Ahsas par rona aaya..

Yaad ho ayi tumhari kai baten..

Har bat par rona aaya..


Yaad aati hai kuchh baten to..

Lagta hai kah du tumse..

Tumhare dur hone ke..

ahsas par rona aaya..


Kabhi dekhne aur milne ko..

Taras jata hai dil..

Dur aur mazbur hu main itna..

Is mazburi par rona aaya..


Abhi tau baki thi bahut baten..

Jo tumse karni thi ..

Alag leni thi kahi alag deni thi ..

Ghummi thi tumhare sath Dunia ..

Qaid karne the kai sunhare pal ..


Mouka hi na diya ek pal bhi ..

Ekdam se kaise tum chali gayi ..

Mud kar bhi na dekha..

Tum hi tou thi sab kuchh hamari..

Ham hi tou thi sab kuchh tumhare..

Phir  chhoda hame kiske sahare ..


Badla kyo tumne bhes..

Woh koun sa desh jahan tum chale gaye...

Kaise bheje ab tumhe koi  sandesh..

Ya tum hi ham par taras khao..

Ab Lout  bhi aao..



Lagta hai pas tumhare chala aou ..

Jindgi ki jab tuti na sans..

Tou ho bad hwas rona aaya..


Bhagwan ko ma ki um hai sab..

Mila hi dega kabhi..

Karunga aur intjar..

Intjar thka dene wala lamba hai..

Is intjar par rona aaya..!!

 

कविता की विवेचना:


रोना आया/ Rona Aya कविता बेटी की याद में में है जो बहुत कम उम्र में सबको छोड़ कर ईश्वर के पास चली गई ।

माता पिता भाई बहिन और परिवार के सदस्यों को उसकी याद बहुत आती है, कभी उसकी बातो को याद करते हैं , कभी उससे संबंधित चीज़े और उसके साथ गुजारे पल उसकी याद दिलाते हैं और अक्सर भावुक कर देते हैं।

यह कैसी विडंबना है कि हमने उसे छोटे से बड़े होते देखा अभी तो दुनिया में सांस ही ली थी, दुनिया देखी कहां थी उसने , हम उस से सालों उमर दराज हैं और अब तक जिंदा हैं और जिसकी जिंदा रहने की उमर थी ,वो हमारे सामने ही चली गई किसी अनजान जगह अनंत काल के लिए फिर कभी ना मिलने लिए।

कितने कठोर बनाए है ना भगवान ने नियम कोई तरीका ही नही छोड़ा कभी वापिस आने का, तो फिर बनाए ही क्यों ये रिश्ते नाते महज कुछ गिनती के समय के लिए, समय बीतते ही मुलाकात का वक्त हुआ खत्म, कितनी बे रहम है ये प्रकृति  जहां कोई नही रहम ।

" रोना आया" कविता प्यारी बेटी को श्रद्धांजलि अर्पित करती है और 

कहती है जब तक हम जिंदा हो तुम सदा हमारे साथ हो और हमेशा रहोगी  ।

कविता को पढ़े और कृपया शेयर करें।

... इति...

जे पी एस बी

 jpsb.blogspot.com कृपया visit करे।

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