लगता है डर...
राम नाम की लूट से...
जय श्री राम का नारा...
वोट पक्का हो गया तुम्हारा..
जीत के बाद बदल जाते विचार...
फिर जनता पर अत्याचार...
राम ने चौदह बरस..
वनवास स्वीकारा...
सत्ता छोड़ दी...
तुमने राम के नाम पर..
सत्ता पाई...
की जनता से बेवफाई...
राम के आदर्शो को तोडा..
की बेहेहैयाई...
राम राज के नाम पर...
लूट खटोच भरस्ताचारी...
अब लाशों का अंबार...
कहते हो महामारी...
नही कोई जिमेदारी ..
हमारी...!!
Lagata hai dar ..
Ram naam ki loot se..
Jai shri Ram ka nara..
Vote pakka ho gaya tumhara..
Jeet ke bad badal jate vichar..
Phir janta par atyachar..
Ram ne chaudah vars..
Banvas saveekara..
Satta chhod di..
Tumne Ram ke naam par..
Satta payi..
Ki janta se bevafai..
Ram ke aadarshon ko toda..
Ki behehayayi ..
Ram Raj ke naam par..
Loot khatoch bhrastachari..
Ab lasson ka ambar..
Kahte ho mahamari..
Nahi koi jimmedari..
Hamari..!!
_JPSB
कविता की विवेचना:
राम नाम की लूट/ Ram Naam Ki Loot कवि श्री राम भगवान के नाम पर चुनाव लडा गया और जीत मिली मगर जनता को वायदे अनुसार लाभ नही मिला ,इसी का जिक्र कविता में है।
बाबरी मस्जिद का मामला बहुत पुराना है, कांग्रेस शासन के दौरान विवादित राम जन्म स्थान जहा कि बाबरी मस्जिद थी, बाबरी मस्जिद का ताला खोला गया श्री राजीव गांधी इस समय प्रधान मंत्री थे ।
उसके बाद मंदिर बनाने के लिए देशव्यापी आंदोलन हुआ , भारतीय जनता पार्टी के आडवाणी जी ने फेमस रथ यात्रा अयोध्या में राम मंदिर बनाने के पक्ष में निकाली।
नरसिम्हा राव जब प्रधान मंत्री थे। बाबरी मस्जिद जो राम जन्म भूमि पर बनी थी ढा दी गई , मस्जिद ढहने के बाद देश व्यापी दंगे होने की संभावना बढ़ गई जिसे कि उस समय की नरसिम्हा राव सरकार ने कंट्रोल कर लिया ।
बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया जिसका फैसला मोदी के प्रधान मंत्री काल में मंदिर के पक्ष में आया, बाबरी मस्जिद की जगह उन्हें पांच एकड़ जमीन दी गई और मंदिर निर्माण का कार्य अभी जारी है।
इस राम मंदिर बनवाने का श्रेय बीजेपी लेती है और बदले में जनता से वोट अपने फेवर में किया जाता , जनता ने राम मंदिर के कारण बीजेपी को जिताया भी लगातार दो बार , अभी भी उनका शासन चल रहा है।
बीजेपी के शासन काल में करोना महामारी आई , देशव्यापी लॉक डाउन हुआ लाखो लोग मर गए कुछ करीना से और कुछ दवाइयों और ऑक्सीजन के अभाव में बहुत मिसमैनेजमेंट हुआ, जीडीपी नीचे चली गई फैक्ट्री बंद हो गई लोगो की नौकरियां चली गई ।
अब भी जब जब चुनाव होते है बीजेपी राम मंदिर के नाम पर वोट चाहती है, महगायी बढ़ गई बेरोजगारी बढ़ गई किसान समस्या है इन सब पर बात करना नही चाहते ।
उनका एक ही कहना है हमने मंदिर बनाया राम हमारे है इस लिए हमे वोट दो चाहे बाकी काम हम करे या ना करें इसलिए राम नाम की लूट कविता है।
"राम नाम की लूट" कविता में श्री राम भगवान के नाम का इस्तेमाल राजनीति के फायदे के लिए किस प्रकार किया गया है कविता में वर्णन किया गया है।
कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।
... इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
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