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Why Fear of Questioning Image from: pexels.com |
सवाल पूछने से डरे क्यों..बिना सवाल पूछे मरे क्यों..
एक तरफा संवाद क्यों..
सिर्फ़ अपने मन की बात क्यों..
जनता की गुलामों सी औकात क्यो..
दोस्तो के लिए सौगात क्यों..
धर्म जात पात में बांटा क्यों..
गरीबी पर अमीरी का चांटा क्यों..
दवाओं के अभाव में लोग मारे क्यों..
चुनाव में सांप्रदायिक नारे क्यों..
वोट के बदले बदहाली क्यों..
आम लोगों को गाली क्यों..
दिवाली सबकी बना दी काली क्यों..
सब संस्थान न्याय से खाली क्यों..
तुम सेवक से राजा बने क्यों..
अब तुम्हारा विश्वास जनता करे क्यों..???
Swal Puchhne se daren kyon..
Bina swal puchhe karen kyon..
Ek tarfa swand kyon..
Sirf apne mann ki baat kyon..
Janta ki gulamon si aukat kyon..
Doston ke liye sougat kyon..
Dharam jat pat me banta kyon ..
Garibi par amiri ka chanta kyon..
Deshon ke abhav me log mare kyon ..
Chunav me sampradayik nare kyon..
Vote ke badle badhali kyon..
Aam logon ko gaali kyon .
Diwali sabki bana di kali kyon..
Sab sansthan nyay se khali kyon..
Tum sevak se Raja bane kyon..???
जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
सवाल पूछने से डरे क्यों/ Fear Of Questioning कविता एक प्रश्न है- करोना काल में लोग बेहिसाब मारे गए मगर कोई शासन से डर के कारण प्रश्न नही कर रहा है । और बिना कारण नागरिक प्रशासन की लापरवाही से मर रहे है।
लोग डरे हुए है ,इस तरफ करोना से मौत और कोई सवाल किया तो जेल की सज्जा और तरह तरह की परेशानियां जो शासन डर पैदा करने के लिए कर सकता है ।
जैसा कि गुलामी के समय अंग्रेज किया करते थे।जैसे लोकतंत्र को किसी खूंटे से बांध निष्क्रिय कर दिया गया है। और अचानक राजतंत्र हावी हो गया है और किसी को पता भी न चला।
और लोग या तो करोना से मर रहे है या डर से किसी कोने में दुबक रहे हैं। सबको पता है कि लापरवाही प्रशासन कर रहा है , दवाएं नही ऑक्सीजन नही और लोग इन चीजों के अभाव में तड़फ तड़फ कर मर रहे हैं , सबको यह भी पता है कि लोकतंत्र है यानी जनता का राज जनता का पूर्ण अधिकार है कि जो अपनी ड्यूटी ना करे उससे प्रश्न पूछे और तुरंत गलत को सही करे ।
और जिसने गलती की है उसे सज्जा दे , मगर ऐसा नहीं हो रहा और लोग गुलामों जैसे डर रहे हैं और प्रशासन मनमानी कर रहा है जैसे अंग्रेज करते थे जैसे राजतंत्र में होता था।
तुम जिंदगी दे नही सकते तो लेने का कोई अधिकार नहीं लोगो की जिंदगी के ऊपर कोई सरकार नही। मगर हकीकत है सारी दुनिया ने देखा और आश्चर्य भी किया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में लोग जानवरो की तरह मर रहे है। और प्रशासन उन्हे बचाने के लिए नाकाफी कर रहा है।
इसके बावजूद लोग डर रहे हैं सवाल पूछने का डर मौत से भी ज्यादा है । क्या लोकतंत्र वोट लेने तक ही सीमित है किसी तरह बहला कर वोट ले लिया और बाद में कुछ सवाल नही कर सकते क्यों की वोटिंग खत्म होते ही जीतने वाले राजा और लोकतंत्र अगले चुनाव तक राजतंत्र बन जाता है।
" सवाल पूछने से डरे क्यों" कविता जनता की तरफ से प्रशासन से पूछे प्रश्न हैं, जो कि डर के मारे नही पूछे, यह बड़ा सवाल है कि मौत से बड़ा डर और डर से बड़ी सरकार है, लोकतन्त्र कही गुम है ।
कविता को पढ़े और शेयर करें और लोकतंत्र पर विश्वास करे।
... इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
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