दिल के ज़ख़्म..
हरे हो जायेंगे..
जब पुराने दोस्त..
सामने खडे हो जायेंगे..
जब तक..
ताना ना मारे दोस्त कैसा..
दिल पर चोट देकर..
लगाये मरहम और पैसा..
जब तक ना दे तकलीफ..
दोस्त प्रतीत नहीं होता..
दर्द दे और गले लगाए..
मिलते ही अच्छा मौका..
दोस्तो का हक है..
लडना झगड़ना ..
जब तक तकरार ना हो..
दोस्ती का मजा कहां..
दोस्ती में..
लुका छुपा कर ऑपचारीक..
बात नहीं होती..
बुरा लगे तो दोस्त..
सुनाये खरी खोटी..
हक से..
लडना रूठना..
मनाने पर..
तुरंत मान जाना..
फिर कुछ ना पूछना..
दिल पर चोट कर कर..
सीसे से पत्थर बना दिया ..
फिर उस पत्थर से..
आईना टकरा दिया..
आईने में साफ़ दिखती है..
सूरत यार की..
कभी यादें धुंधली ना होती..
दोस्त के प्यार की..
दोस्ती एक..
अनोखा प्यारा रिश्ता है..
खून के रिश्तों से..
ज्यादा टीकता है..
दोस्त..
कितना भी हो खफा..
नाजुक मौके पर..
निभाता है पूरी वफा..
कोई गिला सिकवा ..
शिकायत दिल में..
दबी नहीं रहती..
दोस्त सामने आया तो..
कडवी बात भी..
हक से कह दी..
दोस्ती का..
बहुत ऊंचा मुकाम है..
इसलिए दोस्ती का ..
बहुत ऊंचा नाम है..!!
_JPSB
कविता की विवेचना:
पुराने दोस्त/Purane Dost कविता दोस्ती के अनोखे प्यारे बंधन और रिश्ते को रेखांकित करती है.
दोस्त ताना मार दिल दुखायेगा भी फिर मरहम लगा गले लगायेगा भी, दोस्त बार बार अपने अधिकारों की सीमा परखने के लिए लडता झगड़ता है.
दोस्त दोस्त के नजदीक रहना चाहता है अपना हक जताना चाहता है इसलिए रूठता भी है ताकि दोस्त उसकी अहमियत को समझे और उसे मनाए.
दोस्तो के बीच कोई ऑपचारीकता नहीं होती चुभने वाली बात भी सीधे कह दी जाती है, बुरा मनाने का कोई दर या दबाव नहीं होता.
"पुराने दोस्त " कविता दोस्ती के अनुपम अनोखे प्यार का लघु वर्णन है दोस्ती की गहराईया अनंत हैं, सच्चे दोस्त इसे समझते हैं.
कृपया कविता को पढे और शेयर करें.
_Jpsb
jpsb.blogspot.com
Author is a member of SWA Mumbai
Copyright of poem is reserved.
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