Friday, May 13, 2022

सितारे की चमक (Sitare ki chamak)

            
Sitare ki chamak
Sitare ki chamak
Image from:pexels.com 

ना तोड़ो मेरे लिए..
तुम  चांद तारे ..
ना चाहिये मुझे..
महल चौबारे..
ओ मेरे साजन..
तुझसे आँचल की..
सौगात चाहिये..
तुझ से प्यार की..
बरसात चाहिये..

तुम मुस्करा कर..
बस देख भी लो तो..
मेरे लिए काफी है..
ना कोई गिला ..
ना शिकायत है मुझे..
तुम्हारी हर बेरुखी की..
तुम्हें सदा माफी है..

जिंदगी के सफर में..
तू मुझे हमसफर चाहिए..
साथ साथ चलें..
जिंदगी के ग़म खुशी में..
चाहे ख़ामोशी हो..
कभी कभार..
मन की बात होनी चाहिए..
ना करूंगी तंग तुम्हें रोज़..
भूले बिसरे..
एक मुलाकात होनी चहिये..

तुम मेरे दिल की सुनो..
छुपी सी आवाज..
सुनाओ ..
अपने दिल के भी  राज..
दिल सीसे सा साफ..
मुझे दिखाओ..
मैं तेरी रूह में समा जाऊ ..
तुम मेरी रूह में आ जाओ..
प्यार इतना सा..
मुझपर बरसाओ..

दूर रहकर भी..
पास पास होने का..
एहसास हो हरदम..
एक दूजे में..
इस कदर खोना चाहिये..
मैं दिया बन..
तेरी जिंदगी के..
अंधेरे दूर करू..
तू भी आँधियों तूफ़ानों से..
बुझने से बचाना मुझे..

जब जिंदगी की..
आखिरी साँस लू मैं..
अपनी सांसो में..
सदा के लिए..
बसाना मुझे..
तू सदा ही..
एक सितारे सा..
चमके अमर रहे ..
अपने उस सितारे की..
सदा चमक बनाना मुझे..!!

_Jpsb blog 

कविता की विवेचना: 

सितारे की चमक/Sitare ki chamak कविता एक  प्रेमी प्रेमिका की कहानी है जो प्रेमी की पत्नी भी है. 

आज कल के आधुनिक जीवन में जीने के लिए इतनी ज्यादा जदौ जहद्द है कि सच्चा प्यार कहानियों में सिमट कर रह गया है और उन कहानियों को भी सुनने की फुर्सत कहाँ. 

प्रेमिका प्रेमी फिर भी उस प्यार की तलाश में रहते हैं जो अबोला है निस्वार्थ बहुत भोळा है, ऐसे ही प्यार की आशा आज के बिजी प्रेमी और पति से प्रेमिका अपेक्षित करती है.

प्रेमिका की कोई शर्त नहीं मगर पति या प्रेमी की हर शर्त उसे मंजूर है बस प्रेमिका के पति या प्रेमी के दिल में प्रेमिका के लिए  अनंत काल तक सच्चा प्यार होना चहिये भले उस प्यार का कभी भी इजहार ना हो. 

"सितारे की चमक "कविता में प्रेमिका का पवित्र प्रेम परछाई सा सितारे सूरज की चमक सा सोने सा खरा प्रकृति में व्याप्त सोमता सा सांसो में बसा सीसे सा पारदर्शी प्यार है जो कभी एक दूजे का साथ नहीं छोड़ता अनंत काल तक. 

कृपया कविता को पढे और शेयर करें. 

...इति...
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jpsb.blogspot.com 
Author is a member of SWA Mumbai 
Copyright of poem is reserved. 





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