मेरी " माँ "
मेरी ईश्वर भगवान है..
मेरी जान लाखो बार..
माँ पर कुर्बान है..
मुझे इस पृथ्वी पर..
जन्म दिया..
मेरी हर बात को सुना..
ईश्वर के सुझाये..
कई बेटों में से..
तुमने मुझे चुना..
"माँ" मेरी खास है..
मेरे दिल के सदा पास है..
मैं माँ का रहा विशेष..
लाडला उसकी..
आँखों का तारा..
मुझे जरा सी तकलीफ में..
दिया हमेशा..
अपने स्नेह प्यार का..
बहुत मजबूत सहारा..
अचानक माँ को आया..
भगवान का बुलावा..
ना चाहते हुये भी..
ईश्वर के पास चली गई..
मेरी सितारें सी चमक..
माँ के साथ जाती रही..
यह शरीर रूपी लास..
पृथ्वी पर बाकी रही..
कई बार..
बार बार याद आती हो..
"माँ"
मैने पुकारा..
क्या तुमने नहीं सुना..
तुमने बीच रास्ते..
मुझे छोड़..
भगवान को क्यों चुना..
क्या भगवान के आगे..
तुम्हारी इच्छा ना चली..
माँ तुमने जरूर..
मांगी होगी ईश्वर से..
मेरी भली..
माँ तुम मिलोगी ना..
एक बार फिर..
तुम्हें याद कर करके..
आँखों में ..
भर आता है नीर ..
माँ सदा..
अपने दिल में..
चरणों में मुझे रखना..
अनंत जन्मों तक ना खोना..
हर जन्म मेरी "माँ "होना..!!
_Jpsb
कविता की विवेचना:
मेरी माँ /Meri Maa कविता में लेखक अपनी माँ को बड़ी सिद्दत से याद करता है, जो समय पहले ईश्वर के बुलावे पर स्वर्ग सिधार चुकी है.
लेखक अपनी "माँ "से बेइंतहा प्यार करता है, मगर माँ अब सामने प्रत्यश रूप में नहीं है पर लेखक हमेशा माँ को अपने पास पाता है.
इंसान का सब कुछ छिन जाये मगर माँ से कभी ना जुदा हो, माँ के बगैर बेटी बेटे का नूर चला जाता है और वो एक जिंदा लाश रह जाता है.
वो बहुत भाग्यशाली हैं जिनकी माँ लंबी उम्र तक साथ रहती हैं, उन्हें संपूर्ण जीवन अमृत नसीब होता है, माँ का आशीर्वाद और भाग्य हमेशा जीवन में आयी बाधाओं को आसानी से दूर करता है.
"मेरी माँ " कविता में माँ लेखक के लिए शक्ति पुंज है, आशीर्वाद है, छत्रछाया है, रक्षा कवच है, उत्साह, हेमंत है, माँ जीवन संचार है, माँ बिन जीवन बेकार है, माँ जीने की प्रेरणा है.
कृपया कविता को पढे और शेयर करें.
सभी को माँ का प्यार और आशीर्वाद सदेव मिले.
_Jpsb
jpsb.blogspot.com
Author of poem is a member of SWA Mumbai.
Copyright of poem is reserved.
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