जीवन की मुश्किलों से..
जुझ कर उन्हें दे हरा..
डट कर मुसीबतों पर..
प्रहार कर ..
जीत अपनी..
निश्चित कर हर हाल में..
कठिन रास्ते पार कर..
जो कभी हार ना माने..
वो ही विजेता है..
विजेता हारी बाजी भी..
जीत लेता है..
चाहे जीत की राह हो..
कांटों भरी..
या हो राह में..
अंगारों की झड़ी ..
आँधी तूफान..
बहादुर वीरों के आगे..
रुकावट बन..
कभी ठहर ना पाते..
विजेता हर हाल में..
विजय ही पाते..
कोई बाधा दुख तकलीफ..
विजेता की..
तय डगर को रोक ना पाये..
हर रुकावट को चीर कर..
महाराणा के भाले सा..
लक्ष की ओर बढ़ जाए..
वो ही विजेता कहलाये..
विजेता की दौड..
आसान नहीं होती..
जीत पाने के लिये..
जान सदा हथेली पर होती..
जान जाये पर..
कहीं लक्ष्य ना चूक जाये..
लक्ष्य को ..
हर हाल में पाना है..
मंज़िल ही विजेता का..
आखिरी ठिकाना है..
आराम की साँस..
किसी और विषय का..
एहसास वर्जित है..
यह सब मंजिल पर..
पहुचने के बाद..
मंज़िल पर पहुंचते ही..
पताका गाड़..
विजय का शंखनाद..
विजय आनंद अद्भुत है..
"विजेता "मंत्र मुग्ध है..
बहुत कुर्बानियों के बाद..
विजय गान बन पाता है..
गर्व होता है..
अपने देश के वीरों पर..
जब कोई उनकी..
विजय गाथा सुनाता है..
स्वर्ण अक्षरों में..
"विजेता "
का नाम इतिहास में..
अंकित हो जाता है ..!!
_JPSB
कविता की विवेचना:
विजेता/Vijeta कविता हमारे देश के सुरवीरों को समर्पित है जिन्होंने जान हथेली पर रख देश को विजय पथ पर आगे रखा है.
चाहे कोई भी क्षेत्र हो युद्ध, खेल, अंतरिक्ष या अनुसन्धान हर क्षेत्र में विजेताओं ने देश को गौरवान्वित किया है, देश को अपने विजेताओं पर नाज़ है.
विजेता ने मंजिल पाने के रात दिन एक किए सामने आने वाली अनेक बाधाओं को पार किया, त्याग किया अपना सारा जीवन लक्ष्य प्राप्ति पर लगा दिया.
"विजेता "कविता में अपने-अपने क्षेत्र के सभी सिरमौर विजेताओं का अभिनंदन और जयगान करती है और सभी देश वासी विजेताओं पर गर्व महसूस करते हैं.
कृपया कविता को पढे और शेयर करें.
...इति...
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Author is a member of SWA Mumbai
Copyright of poem is reserved.
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