Monday, July 26, 2021

बापू का सपना( Bapu Ka Sapna)

Bapu ka Sapna
Bapu ka Sapna
Image from : pexels.com


बापू का आजादी का सपना था..
गांव में बसता भारत देश अपना था ..

बापू ने चर्खा कात सूत बनाया..
गांव गांव उद्योग लगाने का सपना दिखाया..

चरखा ग्रामीण उद्योग का प्रतीक था..
बापू का सोचना बहुत सटीक था..

लंगोटी और खुद का बुना खादी का अंगोशा ..
और साथ में टायर से बनी चप्पल पहनी..

ऐसे आम गरीब भारतीय को खुद में समाया..
तब ही गरीब से गरीब का दर्द उन्हें समझ आया..

लंगोटी का पजामा कुर्ता होगा एक दिन..
टायर की चप्पल बनेगी कोहलापुरी एक दिन ..

बापू के सपने को नेताओ ऐसे तोडा मरोड़ा कि..
गरीब की लंगोटी भी निकालने की तैयारी है..

बापू के विचार सपने सब किताबों में बंद हैं..
और किताबे किसी  लायब्रेरी के तहखाने में..

बस बापू के नाम को भुनाना है, राजनीति चमकाना है ..
कभी कभी राजघाट जाकर उनके नाम वोट पाना है..

बस नोट पर बापू की फोटो छाप दी..
उनके देश के लिए देखे सपनो की परवाह न की..

बापू ने ता उम्र त्याग तपस्या स्त्यागृह किया..
उनके सपनो का आज़ाद भारत ऐसा तो ना था..

उनकी नजरों में गरीब से गरीब की खुशहाली ही..
असली आज़ादी थी, देश गरीब किसान मजदूर का है..

अंग्रेजों को रिप्लेस भारतीय नेताओ से किया..
हालत वही गुलामी सी ही, ऐसा तो सोचा न था..

कोई आएगा कभी  देशभक्त  बापू का सपना सच होगा..
तब ही असल में हमारा देश भारत आजाद होगा..!!


_जे पी एस बी


कविता की विवेचना:

बापू का सपना/ Bapu ka Sapna कविता में हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जिन्हे देश प्यार से बापू कहता है ,उनकी  आज़ाद भारत की परिकल्पना का जिक्र किया गया है।

महात्मा गांधी जी विदेश से पढ़े एक सर्वोच्च बैरिस्टर थे, परंतु उन्होंने अपना स्वपूर्ण जीवन एक गरीब भारतीय के वेशभूषा में गुजारा और भारत के गरीब के दर्द को आत्मसात किया और जिया ।

भारत गांव में बसता है ,अधिकतर आबादी कृषि पर निर्भर है, इसलिए बापू की ग्रामीण विकास और ग्रामीण लघु उद्योग की परिकल्पना थी ।

उन्होंने ने चरखे का उपयोग करके इस ओर स्पष्ट इशारा किया, परंतु देश की आज़ादी के बाद शहरी विकास पर ही ज्यादा ध्यान दिया गया।

" बापू का सपना" कविता में इस बार बात का वर्णन किया गया है, बापू का सपना अभी भी अधूरा है, इसे पूरा किया जा सकता है और करना चाहिए ,बापू का सपना ही हम सब का सपना और भारत का सपना है । इस सपने को सबने मिलकर पूरा करना है।

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... इति..

_जे पी एस बी 
jpsb.blogspot.com

 







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