Wednesday, July 14, 2021

तेरी मेरी कहानी(Teri Meri Kahani)

Teri Meri Kahani
Teri Meri Kahani
Image from:pexels.com



तेरे लड़ाई झगड़े से..
शुरू हुआ तेरा मेरा प्यार..
जब जब तूने ताना मारा..
मैंने की तकरार..

सुनहरा सपना अधर में ही तोडा..
जैसे मारा तूने मुझे सोते में कोडा..

मैंने तुझे मैना बनाना चाहा..
उलट तूने मुझे उल्लू बना दिया..

मां के साथ मुझे भिड़ाना..
रूठने का बनाया तूने बहाना..

पता नही तेरी सोच क्यों बटी..
तेरी मेरी मां के साथ नही पटी..

छोटी छोटी सी बातों में..
तूने खूब चीख पुकार की..
जब जब समझाना चाहा..
तूने मायके में पुकार की..

समझा समझा थक गया ..
बैठा हूं मजबूर हो कर..
तू तो प्रसन्न है बहुत..
मायके में बैठी नहा धोकर..

अभी भी तेरा ..
लड़ाई का पैगाम आता हैै..
आग सी लगती है..
सारा जिस्म जल जाता है..

जलाना तड़फाना शौंक है तेरा..
अपने शौंक के लिए ..
तूने घर उजाड़ा मेरा..

दिल पे तूने कई दाग दिए हैं..
छिपाता फिरता हूं जमाने से..
अपने गम नकली हंसी लिए ..
बहुत  जुल्म सितम तूने किए हैं..

मैने क्या गुनाह किया..
तुम्हे दिल दिया दर्द लिया..
अब भी कहता हूं मैं दिल से..
मन अपना तुम साफ करो..
अपने आप से इंसाफ करो..!!

_जे पी एस बी



कविता की विवेचना:

 तेरी मेरी कहानी / Teri Meri Kahani कविता नए नवेले प्रेमी जोड़े की कहानी है।

अक्सर होता कि कई बार नई जोड़ी के शादी के बाद विचार नहीं मिलते अकारण जिरह तकरार और लड़ाई झगड़े होते हैं , कई बार सुलह हो जाती है कई  बार बात बिगड़ जाती है और अहम की वजह से ठीक नही हो पाती।
ऐसा ही इस कहानी में नायक नायिका के साथ हुआ है, बात ज्यादा ही बिगड़ गई दोनों के अहम के कारण , जब कि दिल ही दिल में एक दूसरे के लिए प्यार और चाहत है।

एक दूसरे से जानबूझ कर दूरी बना ली और मन करता है मिलने को मगर कह नही पाते, कहने की लिए जब भी बात करते हैं तो बनती हुई बात भी तकरार में बदल जाती है दोनो के ना चाहते हुए भी, उन्हें ही खुद पता नही चल पाता ।

वो सोचते हैं हम तो सुलह करने के बात कर रहे थे अचानक यह लड़ाई या तकरार में कैसे बदल गई। मन की असल बात तो एक दूजे से कह ही नही पाए और  बात कुछ और ही होने लगी। मन ही मन दोनो को पछतावा है बात बिगड़ने का ,मगर अब तो ना चाहते हुए बात बिगड़ गई।

एक गुस्सा हो तो दूसरे को उस समय चुप रहना चाहिए यह बात नायक नायिका दोनो को पता है , पर वो दोनो अपने आप पर लागू नहीं कर पा रहे।

अनुभव शादी के बाद साथ निभाने का आते आते आएगा और सब ठीक हो जायेगा दोनों कॉम्प्रोमाइज और एडजस्ट करना सीख जायेंगे अभी नई नई बात है।

अचानक कुवारे से शादी शुदा हुए हैं और कुंवारे पन की बेबाकी अभी जा नही रही , धीरे धीरे चली जायेगी और जैसे जैसे गुस्सा कम होता जायेगा प्यार और परस्पर व्यवहार भी बढ़ता जायेगा हमारी भगवान से दुवा है जोड़ी
खूब फुले फले  

इसी का विवरण कविता तेरी मेरी कहानी में किया है।
कृपया कविता पढ़े लाइक और शेयर करें।

... इति...


_जे पी एस पी
jpsb.blogspot.com


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