Saturday, July 3, 2021

प्यार में संसार(Pyar Me Sansar)


            
Pyar me Sansar
Pyar Me Sansar
Image From: pexels.com



प्यार में सारा संसार समाया है..
प्यार एक अनोखी माया है..
प्यार रिस्तों की परिभाषा है..
प्यार स्वयं में एक भाषा है..

प्यार में सब रिस्ते नाते हैं...
प्यार में सभी अच्छी बातें हैं..
प्यार अपने आप से होता है..
प्यार में इंसा चैन की नींद सोता है..

प्यार आंखो में है,प्यार दिल में है..
प्यार आहों में है,प्यार  बाहों में है..

प्यार सच्चाई है,प्यार अच्छाई है..
प्यार पवित्र है ,प्यार इत्र है..

प्यार गीत है,प्यार संगीत है..
प्यार रीत है,प्यार जीत है..

प्यार संस्कृति है,प्यार प्रकृति है..
प्यार भक्ति है ,प्यार शक्ति है..

प्यार सूरदास और मीरा है..
प्यार प्रेमियों का हीरा है..
प्यार राम और सीता है..
प्यार आदर्शो की गीता है..

प्यार सोहनी महिवाल है..
प्यार मिर्जा साहिबा है..
प्यार हीर रांझा है..
प्यार जीवन डोर का मांझा है..

प्यार कुर्बानी है,प्यार नादानी है..
प्यार भोला है,प्यार अबोला है..

प्यार मन तरंग है,प्यार अंतरंग है..
प्यार खूबी है,प्यार महबूबी है...

प्यार के कई रूप कई रंग हैं..
प्यार सबके अंग संग है..
प्यार हर किसी को खींचता है..
प्यार रिश्तों को सिंचता है..

प्यार कविता है,प्यार  उपन्यास है..
प्यार कहानी है,प्यार एक आस है..
प्यार खास है,प्यार सबके के पास है..

प्यार खुशियों का मेला है..
इसमें हर कोई खेला है..
प्यार भावनाओं का रेला है..
प्यार अनोखा अलबेला है ..

प्यार भंवरे का फूल है..
प्यार चकोर का चंदा है..
प्यार पपिहे की वर्षा है..
प्यार मोर का मेघा है..

प्यार कभी खट्टा कभी मीठा है..
प्यार दिल साफ करने का रीठा है..
प्यार कभी माना कभी रूठा हैै ..
प्यार का अनुभव अनूठा है..

प्यार एक अदा है..
प्यार पर हर कोई फिदा है..
प्यार सब जीवों में व्याप्त है..
प्यार के बिना दुनियां समाप्त है..!!


_जे पी एस बी


कविता की विवेचना:

प्यार में संसार/Pyar Me Sansar ,कविता लिखने का ख्याल हर जीव में एक दूजे के प्रति प्यार स्नेह देख कर और अनुभव कर आया।

सारे संसार में जीव और मानव एक दूसरे से प्यार के अटूट बंधन में बंधे हैं। प्यार है तो ही संसार है पशु पंछियों का आपस में, मानव का आपस में,मानव का पशु पंछियों से और पशु पंछियों का मानव से पर pets जैसे कुत्ता, बिल्ली, तोता ,मैना ,घोड़ा,  गाय, बकरी, भेड़ आदि इसके उदाहरण हैं।

इसके अलावा  इंसान अपने आप से ,अपनी  चीजों से ,अपनी आदतों से प्यार करता है ,सजना स्वर्णां ,घूमना फिरना आदि।
प्यार के बारे में पूरी किताब लिखी जा सकती है, हम हर पल आपने आस पास प्यार अनुभव करते हैं हमेशा।

प्यार बिन इस संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती, भगवान ने पहले प्यार बनाया फिर संसार बनाया, ताकि यह संसार सदियों तक कायम रह सके।

और भगवान की कल्पना कितनी आलौकिक है ,संसार प्यार में कायम है ,सदियों से है और आगे भी सदियों रहेगा,जब तक प्यार है यह संसार है यह सटीक सत्य है, इसलिए" प्यार में संसार" है।
इस कविता में इसी को महसूस करते हुए चित्रित किया गया है।
... इति...

जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com

Author is member of SWA -Mumbai











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