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Aina Tod Diya Image from:pexels.com |
मैं निकला था नया जहां बसाने..
उस जहां ने अब नया मोड़ लिया..
जहा जहा लिखा था नाम तुम्हारा..
उस हर छै को मैने तोड़ दिया..
तेरे नाम की किताब थी दिल में..
उसे ख़ाक होने को छोड़ दिया..
नजर में बसी थी तस्वीर तुम्हारी..
उस नजर से मुख मोड़ लिया..
आयने में नजर आती थी तुम..
उस आयने को मैने तोड़ दिया..
ओंठो पर अक्सर था नाम तुम्हारा..
ओंठो ने अब नया सुर ओढ़ लिया..
यादें कोंधती थी मन में कभी..
तुम्हारी यादों का पन्ना मोड़ दिया..
तेरे नाम से धड़कता था दिल कभी..
अब तेरे नाम पे धड़कना छोड़ दिया..
जिंदगी एक पहिया थे तुम कभी..
मैने वो पहिया भी तोड़ दिया..
जिंदगी की नाव के पतवार थे तुम कभी..
पतवार का सहारा मैने छोड़ दिया..
मीठे से सपनों में आते तुम कभी..
सपनो के लिए सोना छोड़ दिया..
किस्मत के सबसे बुरे दिनों में था साथ तेरा..
उन दिनों को भुला नया अध्याय जोड़ लिया..!!
_जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
आयना तोड़ दिया/ Aina Tod Diya कविता बिछड़े प्रेमी जोड़े की किसी भी तरह सुलह ना होना और यादों को प्रेमी मिटा देना चाहता है।
यादों को मिटाने के किन परिस्थितियों और मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है , उन सारी परिस्थितियों का वर्णन कविता में किया है, यादें कही न कही हर जगह बसी पड़ी हैं जो परेशान करती हैं।
प्रेमी एक एक कर सारी यादों को भुला देना चाहता है,
ताकि वह तनाव रहित जिंदगी जी सके।
"आयना तोड़ दिया" कविता में संभावना अभी भी है कि परिस्थिति सामान्य हो और जोड़े का मिलाप हो जाय।
कविता को पढ़े शेयर करें और अंदाज लगाए मिलाप होगा कि यादें भूला दी जायेंगी।
... इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
Very nice
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