Tuesday, July 13, 2021

दर्द का रिश्ता(Dard Ka Rista)

 

Dard ka rista
Dard Ka Rista
Image from: pexels.com


दर्द हम अपना उनके सामने रोये थे..
और वो तब  अपने ख्यालों मे खोये थे..

उनपे शायद हम अपना रङ्ग चढ़ा ना सके..
इस लिए वो  अनसुना कर गहरी नीन्द सोये थे..
और हम उन्हें जगा ना सके..
 अपनी आप बीती बता ना सके..
अब रहते है हम उनके ख्यालों में खोए खोए से..
आंसू बन गए वो बीज जो हमने नफरत के बोए थे..

 समय बहुत जब दोनो के पास था- 

 जानबूझ कर अलग अलग गुजार दिया..

एक दूजे पर गुप चुप प्रहार किया..

ये प्यार में गुस्सा या गुस्से में प्यार था..

गुस्सा हम उनपे थे ..
पर उन्होंने हमारी सुध कभी न ली..
और ऊपर वाले ने जान भी हमारी ली..

मैंने जीते जी उनसे गुहार और मन्नते हजार की..

एक ना सुनी उसने तो मैंने जिंदगी शराब में गुजार दी.. 

शराब ने मुझे अपना बनाया और नशे में मदहोश रखा ..

मौत को बुलाया शराब ने और उसके हवाले कर दिया..

बुझ गया टिमटिमाता हुआ दिया एक झोके से..

तब भी उन्होंने मुझे याद न किया भले ही धोखे से..!!

.......

कविता की विवेचना:

दर्द का रिश्ता कविता, एक इंसान की कहानी पर आधारित है, जिसकी प्रेमिका अधर में उसे छोड़ देती है।

बहुत कोशिश के बाद भी रिश्ता जुड नही पाता,जब की इनकी शादी भी हो चुकी रहती है।

प्रेमी जिंदगी में खुद को हारा महसूस करता है ,और अपनी प्रेमिका की याद में दिन रात शराब के नशे में डूब जाता है, मगर जिसके लिए वो यह सब करता है ,उसका दिल नही पसीजता ।

 उसको मनाने के लिए बहुत मिन्नते करता है माफी मांगता है, प्रेमिका के कहे अनुसार रहने का वादा करता है , मगर प्रेमिका प्रेमी की एक नही सुनती प्रेमी की कसमें मिन्नतो और माफी का प्रेमिका पर बिल्कुल असर नहीं होता ।

इस बीच प्रेमी की हालत बहुत खराब हो जाती है वह खाना पीना छोड़ कर रात दिन शराब के नशे में धुत रहता है।

खाना नही खाने से और जरूरत से ज्यादा शराब पीने से प्रेमी की हालत बहुत ज्यादा खराब हो जाती है, उसकी हालत की खबर उसकी प्रेमिका को पहुंचाई जाती है मगर वो इस पर ध्यान नहीं देती और ऊसे देखने तक नही आती।

 प्रेमी को आश रहती है कि उसकी प्रेमिका उसकी हालात को देखते हुए पुराना सब कुछ भूल जायेगी और उसकी जिंदगी पर तरस खाकर उसकी जान बचाने जरूर आएगी।

मगर प्रेमी गलत सिद्ध होता है , प्रेमिका को बहुत याद करता आखिरी बार मिलने की याचना भी करता है मगर प्रेमिका सब अनसुना कर देती है और नही आती।

और आखिर में प्रेमी, प्रेमिका से मिलन की तड़फ  दिल में लिए मर जाता है। मगर प्रेमिका उसकी मरने की खबर मिलने  के बाद भी नही आती ।

 प्रेमिका क्यों इतना पत्थर दिल हो गई थी, ये तो वो ही जाने, क्या इतना ज्यादा नफरत भी हो सकती है कि मौत के बाद भी उसे माफी ना मिले, यह तो इंसानियत नहीं मगर इस कहानी में ऐसा ही हुआ है।

"दर्द का रिश्ता"  कविता, में इसी दर्द और वेदना का जिक्र किया गया है।

कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।

... इति...


_जे पी एस बी

jpsb.blogspot.com




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