मैं भी भक्त हूं, देश भक्तों का..
मै भी भक्त हूं , देश के स्पूतों का..
जो देश के गौरव के लिए अपनी..
जान हथेली पर रख आगे आए..
जो भारत माता की माटी के लिए..
लड़े मरे ,शहीद हो गए..
हम उन नायकों के ऋणी ..
और सदा के लिए मुरीद हो गए..
आव्हान है , फिर एक बार..
भगत सिहों से , आजादो से..
नेता जी सुभाष चंद्र बोसों से ..
आइए हमे दिशा निर्देश दीजिए..
हमे हक से आदेश दीजिए..
भारत माता की शान को..
आसमान से भी ऊपर ..
चांद सितारों तक पहुंचना है..
अपने देश के तिरंगे को..
सूरज से भी परे चमकते ग्रह..
पर शान से लहराना है..
राजनेतिक पार्टी जो भी हो..
हमे चाहिए उनसे भारत की..
आन बान मान शान में वृद्धि..
हम देश वासी चाहेंगे ..
आपसी टकराव छोड़ कर..
सभी पार्टियां एक एजेंडा बनाए..
भारत माता को सम्पूर्ण रूप से..
तन मन धन से स्वमर्पित हो जाए..
सिर्फ भारत माता की जय करें..
भारत देश के वासियों के लिए..
ईश्वरीय वरदान बने ,गर्व से..
हम सब भारतीयों के सीने तने..
कोई भी गरीब और भूखा न हो..
कोई पेड़ पौधा भी सुखा न हो..
भारत देश स्वर्ग से भी हो सुंदर..
देवता भी स्वर्ग से आकर वाश करें..
राम राज्य आ जाए संपूर्ण भारत में..
श्री भगवान बजरंग बली..
राम दूत बन भारत देश को..
राम राज्य घोषित करें और..
राम राज्य का आगाज करें..
भगवान राम और प्रभु कृष्ण ..
स्वयं पधारें और भर भर कर..
भारत और वासियों को आशीष दे..
यह देश बने फिर से सोने की चिड़िया..
पूरे ब्रह्मांड में लगे भारत देश..
बहुत बहुत ही सुंदर और बढ़िया..
टूट जाए सभी गरीबी की कडियां..
ना कोई गरीब हो ना भूखा नंगा..
सब ओर बहे सुख समृद्धि की गंगा..
भारत की शान में हर कोई कसीदे पढ़े..
हम बहुत तेजी से विश्व में आगे बढ़े.
पूरा विश्व भारत दर्शन को तरसे..
घर घर यहां धन बरसे..
हम भी भक्त हैं, देश भक्तों के देश के..
हमारी भी जान हाजिर है, वतन के लिए..
सत सत नमन इस देश की माटी को..
आपार प्यार है वतन और ..
तिरंगे से हर एक देश वासी को..!!
_जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
मै भी भक्त हूं/ Mai bhi bhagat hun कविता देश के वीर सपूतों और देश पर जान निशावर करने वाले शहीदों को स्वमर्पित है।
सत सत नमन है भारत माता के उन स्पूतो को जिन्होंने अपनी कुर्बानियां और जान की आहुति देकर भारत माता को आजाद कराया और पूरे विश्व में सम्मान दिलाया ।
उनका अधूरा काम अब पूरा करना है सारे देश वासियों को मिलकर इस देश को एक चमकता शानदार सितारा बनाना है ।
पक्ष विपक्ष को मिलकर काम करना है जिसमे देश आगे बढ़े और बहुत विकाश करे, जिस टकराव से देश को नुकसान होता है राजनेतिक पार्टियों को ऐसे टकराव टालने होंगे।
देश सब पार्टियों का है, राजनेतिक पार्टी का भी उद्देश देश को आगे बढ़ाना है, फिर क्यों न मिल कर एक साथ देश हित में काम करे आपस में न लड़े।
देश का भला सर्वोपरी होना चाहिए, देश है तो ही हम हैं।
आजादी का फायदा देश के आखरी नागरिक तक पहुंचना चाहिए जो कि दुर्भाग्यवस अभी तक नहीं पहुंचा है।
हमारी राजनीति देश हित सर्वोपरी ध्यान में रखकर काम करेगी तो देश को विश्व पटल पर सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने से कोई नही रोक सकता।
"मै भक्त हूं" कविता प्रत्येक भारतीय की देशभक्ति को दरसाती है, और यह सत्य भी है की हर भारतीय के दिल में देश प्रेम कूट कूट के भरा है, बस उन्हे दिशा निर्देश चाहिए कि उनको कैसे देश की प्रगति में योगदान देना है।
कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।
... इति...
जे पी एस पी
jpsb.blogspot.com
Author is member of SWA Mumbai
©Apply on above-mentioned poem
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