Monday, February 14, 2022

हुकम रजाई चलना( Hukam Razai Chalna)

              
Hukam Razai chalna
Hukam Razai Chalna
Image from: pexels.com

जो हुआ अच्छा हुआ..
जो होगा अच्छा ही होगा..
जब डोर भगवान ने ले ली..
अपने हाथ..
समझो जाग उठा ..
हमारा सौभाग्य..
फिर अब चिंता किस बात की..

सुबह और शाम हम करते..
भगवान की आरती..
और मांगते मन्नत..
कि दर्शन दो मेरे प्रभु..
जब ईश्वर सुनता है इच्छा हमारी..
और करता है प्रबंध..
तब क्यों हम डर जाते हैं..
इस जीवन के ..
मोह पास में फस जाते हैं..

मौत तो ईश मिलन का..
पहला संकेत है..
इसमें बहुत गहरा भेद है..
हम ना समझ..
खुद ही ईश्वर से मिलने से..
करते हैं इनकार..
और जर जर शरीर से करते प्यार..

यहां फिर ईश्वर हमारी सुनते हैं..
हमे उम्र दान करते हैं..
हम खुद ही खुद को..
इस शरीर रूपी पिंजरे में कैद कर..
तरह तरह से कष्ट सहते हैं..
फिर भगवान से कहते हैं..
की ईश्वर हमारी सुनता नहीं..
भगवान सुनता है..
और हमारे मन की करता है..

क्यों कि हम भगवान भरोसे..
कुछ भी छोड़ते नही..
कहते हैं, विश्वास है..
पर भरोसा करते नहीं..
हमारे मन में ही खोट है..
हम खुद ही धोखेबाज़ हैं..
इसलिए भगवान होते नाराज़ हैं..

हुकम रजाई चलना ..
अपने जीवन में अपनाना होगा..
तब ही ईश्वर का पाना होगा ,संभव..
भगवत गीता के वचनों पर..
करो सदा विश्वाश..
पाओगे खुद को..
भगवान के आस पास..
करो विश्वास भरोसा उस कुदरत पर..
यही सच्ची भक्ति है..
उस परवरदिगार ने..
बहुत अच्छी तकदीर लिख दी है..

तुम उसके हुकम अंदर चलो..
और अपने फर्ज और कर्म पूरे करो..
ईश्वर ने तुम्हारे कर्मो का फल..
बिलकुल तैयार रखा है..
जैसे ही तुमने कर्म किया पूरा..
उसी क्षण फल होगा तुम्हारा..
साथ में ईश्वर का मजबूत सहारा..!! 

_जे पी एस बी 

                 
Hukam Razai chalna pc2
Hukam Razai Chalna pc2
Bhagwan jagarnath
Image from: pexels.com


कविता की विवेचना:

हुकम रजाई चलना / Hukam Razai Chalna कविता ईश्वर के हुकम अनुसार चलने और अपने कर्म और फर्ज ईमानदारी से करने की ताकीद देती है।

भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है _ कर्म करो फल की इच्छा मत करो, फल भगवान स्वयं ही तुम्हे देंगे जरूर।

श्री गुरुनानक देव जी ने कहा है कि हमेशा भगवान की आज्ञा अनुसार चलो तुम्हे तुम्हारी मंजिल जरूर मिलेगी।

"हुकम रजाई चलना"कविता ईश्वर को सर्वोपरी मानती है, मानव संसार में जो कुछ भी कर रहा है ,यह भगवान का ही हुकम है और सब कार्य भगवान की इच्छा अनुसार ही होते हैं।

कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।

... इति...

_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
Author is member of SWA Mumbai
©Apply on the Poem.







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