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Pyar Ek Tarfa Image from: pexels.com |
चकोर सारी उम्र ,चांद के प्यार को तरसा..
अंजाम क्या हो , जब प्यार हो एक तरफा..
सूरज ने ,सूरजमुखी से कभी आंख न मिलाई..
फिर भी सूरजमुखी के लगाव में कोई कमी न आई..
मोर खुशी से नाचता रहा जब बादल बरसा ..
बादल को पता नहीं ,मोर का प्यार में बीता अर्सा..
बारिश को क्या मालूम , पपिहा उसके लिए रहा प्यासा..
मगर पपीहे को आज भी है अपने प्यार से आशा..
कोयल ,किसके लिए सुरीले गीत गाती है हमेशा..
उसे पक्का विश्वास है कि पहुंचेगा उसका संदेशा..
दीपक क्या जाने परवाना क्यो है लो का दीवाना..
बिना सोचे उसने तो लो को अपना प्यार माना..
फूल ने भंवरे की दिवानगी को कब है समझा..
वो तो फूल पर अपने प्यार की धुन में मगन था..
ये सब एक तरफा प्यार करने वाले दीवाने हैं..
शम्मा अनजान रहती है, मरते कई परवाने हैं..
क्या दिवानगी में मर जाना है अच्छा..
कुर्बानी के बाद भी प्यार, प्यार के लिए तरसा..
जिसको चाहा वो चाहत को कभी न मिलें..
मर गया दीवाना अपने दिल में चाहत लिए..
क्या जुदाई को ही सच्चा प्यार कहते हैं..
प्यार करने वालों के दिल में ईश्वर रहते हैं..!!
_जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
प्यार एक तरफा/ Pyar Ek Tarfa कविता उन सच्चे प्यार करने वालो को समर्पित है को निस्वार्थ सच्चा प्यार करते हैं।
सच्चा निस्वार्थ प्यार अमर ,निर्मल और पावन है, जैसे मीरा का श्री कृष्ण के लिए प्यार , चकोर का चांद के लिए प्यार,दीपक की लो से पतंगें का प्यार।
इंशानो में भी कई प्रेमी एक तरफा चाहत के लिए मर गए मगर जिसके लिये उनकी चाहत थी उसको कभी पता नही चल पाता,फिल्मी एक्टर्स के कई दीवाने होते हैं और एक्टर को कभी उनकी चाहत का पता नही चल पाता,इस श्रेणी में गायक, कवि ,राजनायक भी आते है।
पंजाबी के प्रसिद्ध कवि स्वर्गीय श्री शिव कुमार बटालवी ने भी एक तरफा प्यार का जिक्र अपनी कविताओं में किया है, जैसे उनका हिट गीत एक कुड़ी जिसदा ना मोहब्बत गुम है ..,उनके बारे में भी कहा जाता कि किसी को चाहतें थे मगर आज तक दुनिया को नही पता वो कौन थी।
"प्यार एक तरफा" कविता उन सच्चे प्रेमियों को समर्पित है और उनके प्यार की इसी भावना का वर्णन कविता में किया गया।
कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें ।
... इति....
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
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