Wednesday, September 8, 2021

कुदरत की अदालत(Kudrat ki Adalat)

Kudrat ki Adalat
Kudrat ki Adalat
Image from: pexels.com



इस दुनिया से आगे, एक अदालत है और..
क्षणिक सुखों के आगे, जो  देश कर रहे कमजोर..
सजा भयानक होगी वहा ,कर लो तुम सब गौर..
सजा सदियों चलेगी लंबी..
कुदरत बनाएगा तुम्हे कीड़े मकोड़े और ढोर..

उस अदालत में माफी पर भी कोई माफी नहीं..
जो जुल्म किए हैं तुमने तुम्हे मालूम है.. 
उसके लिए मौत की सजा भी काफी नहीं..
दर्ज हो रहे पल पल तुम्हारे जुल्म और गुनाह..
वहा कही पर भी न मिलेगी तुम्हे कोई पनाह..

कुदरत के वहा कोई चालाकी भाषण ना चलेगा..
राजनीति की कोई गुंजाइश नहीं..
वहा केवल सुध सत्य ही मिलेगा..
क्या क्या तुम झुठलाओगे भगवान के आगे..
फिर कभी  भी मनुष्य जन्म नसीब ना होगा आगे..

बेईमानो भ्रष्टाचारिओ सावधान ..
तुम सबका है उस अदालत में विशेष प्रावधान..
यह धर्म की राजनीति असत्य हिंसा का जो खेला खेल..
उस अदालत में विशेष सजा है और स्पेशल है जेल..!!


_जे पी एस बी 

कविता की विवेचना: 

कुदरत की अदालत/ Kudarat ki Adalat कविता उन गुनाहगारों का जिक्र करती है ,जो अपने रसूक और पैसे की वजह से मानव निर्मित अदालत से बच जाते हैं।

इन  बचने वाले गुनाहगारो में राजनैतिक लोग, पैसे वाले व्यापारी ,और सफेद पोश अपराधी आदि होते हैं, राजनेतिक अन्याय करने वालों को तो इस अदालत भी जाना नही होता, किसी की हिम्मंत और हिमाकत नही कि उनके खिलाफ कोई भी आवाज उठा दे, कोर्ट केस तो दूर की बात है।

जो इस अदालत से बच जाते हैं, ईश्वर की अदालत तो हर पल दिन रात सुरु ही रहती हैं , शिकायत हो या न हो जहां गुनाह किया कुदरत की अदालत में अपने आप गुनाह दखल हो जाता है और सज्जा की कारवाही की प्रक्रिया भी तुरंत ही चालू हो जाती है।

और समय समय पर सजा होती रहती है, और किसी को पता भी नही चलता की अपराधी को सजा मिली है, यह सजा बीमारी कोई प्रिय चीज छीन जाना या अचानक मौत भी होती है।

जैसा अपराध वैसी सजा , कुदरत की अदालत में गवाह और कोई भी पैंतरा नही चलता , वहा तो चलता है सत्य और सिर्फ सत्य। सजा से कोई भी बच नहीं सकता, ना ही अपराध छुपाए छुपता है, कुदरत हर पल सब देख रहा है।

" कुदरत की अदालत" कविता इस ओर इंगित करती है कि अपराध किया तो सजा मिलनी ही है यह पक्का है।इसलिए सत्य के रास्ते चलें सबका भला चाहें और करें।
कुदरत की अदालत से ना कोई बचा है न ही बचेगा कभी।

कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।

... इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com











No comments:

Post a Comment

Please do not enter spam link in the comment box

Recent Post

हमारा प्यारा सितारा (Hamara Pyara Sitara)

                        Hamara pyara sitara Image from:pexels.com  शुभ-भव्य ने.. आकाश को गौर से निहारा.. सबसे चमकते सितारे को.. प्यार से पुक...

Popular Posts