Thursday, September 23, 2021

जीवन नैया बिन पतवार ( Jeewan Naiya Bin Patwar)

Jeevan Naiya Bin Patwar
Jeewan Naiya Bin Patwar
Image from: pexels.com



जीवन  नैया के पतवार निकाल कर..
किस्मत को अपनी मोड़ तोड़ कर..
प्रभु तेरे सामने  हाथ जोड़ कर..
जीवन की कस्ती तेरे हवाले की..

तू  इस कस्ती को तार दे..
भवसागर करा पार दे..
जिंदगी में बहुत सारा प्यार दे..
कस्ती डगमगनाए नहीं..
मंजिल के किनारे लग जाए कही..

हे ईश्वर जिंदगी मेरी सवार दे..
किस्मत है मुड़ी तुड़ी फुटी..
तू इसे मजबूत जोड़ दे..
भाग्य का पन्ना खोल के..
कम लिखा है शायद..
लिख तू अब और दे..

तेरे बनाए ब्रमाहाण्ड में ..
मैं भी टिमटिमाता रहूं कही..
मुझे भी एक कोने में छोड़ दे..
कृपा तेरी अपार ओढ़ के..
हर पल नमन करूं तुझे..

प्रभु तू मेरे सदा साथ है..
मेरे सर पर हमेशा तेरा हाथ है..
आशीष दे बहुत बड़ा सा..
तेरे चरणों रहूं सदा पड़ा सा..

गलतियां गुनाह मेरे माफ़ कर..
मेरे साथ सच्चा इंसाफ कर..
रहूं तेरे आस पास सदा सदा..
ऐसा दिव्य दीर्घ आशीष कर..

प्रभु तुझे काम है बहुत से और..
मैं तेरा अदना सा भक्त कमजोर..
करो मेरी तरफ कुछ खास गौर..
तेरे दर्शन चाहिए मुझे हर पल और..

और कुछ नही चाहिए मुझे ज्यादा..
करता हु प्रभु तुमसे यह वायदा..
कभी भी तेरा हुकम न तालुंगा..
दिखाया तूने जो दिव्य रास्ता..
सदा उसी पवित्र रास्ते पर चालूंगा..

प्रभु भटक जाऊ कही अगर..
दिखाना मुझे सदा सही डगर..
अपने प्रिय भक्तो मुझे शामिल कर..
तेरे नजरो के सामने रहूं सदा दे वर..

प्रभु मुझे जो कुछ भी चाहिए..
तुम अंतरजामी तुम्हे सब है पता..
मेरी मुराद जल्द पूरी कर..
कम तेरे मेरे बीच दूरी कर..
तेरे गीत और तेरी स्तुति गाता रहूं..
अपना शीश सदा नवाया रहूं..
प्रभु मेरे शीश पर हांथ धर..
मेरा तू हमेशा कल्याण कर..!!


_जे पी एस बी 

कविता की विवेचना: 

जीवन नैया बिन पतवार/ Jeewan Naiya Bin Patwar कविता में नायक अपनी जीवन नैया की मंजिल भगवान के हवाले करना चाहता है और उसने ऐसा ही किया है।

नायक ने जीवन नैया के पतवार निकाल कर फेंक दिए हैं और भगवान से प्रार्थना की है कि इस जीवन नैया की मंजिल इस संसार रूपी समंदर में भगवान तय करें ।

भगवान अंतर्यामी हैं उन्हें पता है नायक की इच्छाएं ख्वाईसे जो भी है , अगर जायज हैं जो तो ईश्वर पूरी करे।

नायक ईश्वर से बहुत सारी अपेक्षाएं रखता है,वो ब्रह्मांड में तारा बनन  चाहता है,हर पल ईश्वर के सामने रहना चाहता है,हर पल ईश्वर के दर्शन चाहता है, वो ईश्वर का सबसे प्रिय भक्त बनना चाहता है।

ईश्वर और अपने बीच की दूरी खत्म करना चाहता है, ईश्वर का जवाब आए न आए भक्त ने मान लिया है कि ईश्वर ने उसकी सारी बातें सुन ली हैं और ईश्वर उसकी इच्छा जरूर पूरी करेंगे या ईश्वर ने उसकी इच्छाएं पूरी करनी सुरु कर दी है।

भक्त की जिंदगी अब जो भी होगा ईश्वर ही कर रहा है क्यों कि भक्त ने जीवन नैया की पतवार तो ईश्वर के हांथ दे दी है, और ईश्वर ने भक्त की जीवन नैया की पतवार अपने हाथ ले ली है ऐसा भक्त को विश्वास है।

अब भक्त की जीवन नैया ईश्वर ही चला रहें है, जब ईश्वर चला रहे है तो कुछ गलत अब हो नही सकता और जो भी होगा अच्छा ही होगा, क्यों कि मंजिल इस जीवन सफर की ईश्वर को पता है और उसी दिशा में जीवन नैया बढ़ रही है।

 भक्त को ईश्वर से बेहद लगाव प्रेम और विश्वास है, भक्त की दुनिया ईश्वर से सुरु होती है और ईश्वर ही खत्म होती है।ईश्वर बिन यह दुनिया ही नही है ईश्वर है तो दुनिया है।

"जीवन नैया बिन पतवार" कविता में भक्त की ईश्वर से एक तरफा बाते और उसे विश्वास है कि भगवान ने सब सुन लिया है, और उसका जीवन भगवान की दिशा निर्देशन में ही चल रहा है।

कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें ।

...इति ...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com




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