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Swarg Narak - Galaxy Image from: pexels.com |
देखा ना कभी जो जहान..
उसकी मन करता कल्पना..
वो स्वर्ग नरक और दूसरी दुनिया..
हमारा सोचना भगवान रहते है जहां..
मरने के बाद लोग जाते कहां..
कहां तक है नीले गगन की सीमा..
ब्रह्मांड में ऐसे कितने और जहान..
उन जहानों में हम जैसे लोग कहां..
अभी तक पता नहीं चला हमें..
जीते जी हम कैसे पहुंचे वहां..
जोर शोर से जारी है विज्ञानिको की ..
खोज का निरंतर सिलसिला..
अभी तक तो कोई भी ग्रह ..
जीवन के साथ नही मिला..
यही तो है भगवान की आलौकिक लीला..
सदियों से इन रहस्यों पर पर्दा पड़ा..
जिसने यह गहन रहस्य जान लिया..
समझो भगवान से रूबरू जा मिला..
इसलिए अपनाओ भगवान से मिलने का रास्ता..
भगवान ही हटा सकते इन गहन रहस्यो से पर्दा..
इंसानों के लिए ये रहस्य, रहस्य ही रहेगें सदा..
पैदा हो इस पृथ्वी पर बूढ़े हो और मर जाओ..
यही ईश्वर ने इंसानों के लिए लिखा है यदा कदा..!!
Dekha na kabhi jo jahan..
Uski mann karta kalpna..
Woh swarg narak aur dusri duniya..
Hamara sochna Bhagwan rahten hai jaha..
Marne ke bad log jate kahan..
Kahan tak hai nile gagan ki sima..
Brahmand me aise kitane aur jahan..
Un jahanon me ham jaise log kahan..
Abhi tak pta nahi chala hamen..
Jite ji ham kaise pahunche wahan..
Jor shor se jari hai vigyaniko ki..
Khoj ka nirantar silsila..
Abhi tak koi bhi grah..
Jiwan ki sath nahi mila..
Yahi tau hai bhagwan ki aalokik lila..
Sadiyon se in rahsyon par parda pada..
Kisne yah gahan rahsya jan liya..
Samjho bhagwan se rubaru ja mila..
Isliye apnao bhagwan se milne ka rasta..
Bhagwan hi hata sakte hai in gahan rahsyon se parda..
Insani ke liye rahsya ,rahsya hi rahenge sada..
Paida ho is prithvi par budhe ho aur mar jao..
yahi ishwar ne inshano ke liye likha hai yda kda..!!
_जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
स्वर्ग नरक/ Swarg Narak कविता पृथ्वी पर बसे हर इंसान की ब्रमाहण्ड को जानने की जिज्ञासा का जिक्र है।
हमने स्वर्ग नरक की परिकल्पना खुद ही कर ली है।
स्वर्ग नरक को आज तक किसी ने नहीं देखा फिर भी लोग इस पर विश्वास करते हैं.
हमारे जैसी कई पृथ्वी आकाश गंगा में है जहां जीवन है।
इसका भी पुख्ता सबूत नहीं है , मगर अनन्त आकाश और आकाश गंगा तो हम देखते हैं।
अभी कुछ दिनों पूर्व नासा अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था ने 7 जैसे ग्रह जो कि विज्ञानिको के अनुसार पृथ्वी जैसे ही हैं ,इन खोज की गई पृथ्वीयो को जिनको नासा ने कपिलर 7 नाम दिया है।
इन खोज की गई पृथ्वीयो के अपने अपने सौर मंडल हैं, जैसा कि हमारी पृथ्वी का सौर मंडल है। इन खोज गए ग्रह की पृथ्वी से दूरी लाखों प्रकाश वर्षो में है। यानी मानव इन ग्रह पर जिते जी नही पहूत सकता।
इन सब रहस्यो पर से पर्दा कब हटेगा किसी को नही पता
मगर भगवान को इसका पता है।इसलिए भगवान की ही शरण में हमे जाना चाहिए।
"स्वर्ग नरक" कविता में यह सब वर्णन किया है , कविता को पढ़े और कृपया शेयर करें।
... इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
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