Sunday, August 22, 2021

रेशमी धागा(Reshmi dhaga)


Reshmi dhaga
Reshmi dhaga
Image from :amazon.in



ये रेशमी धागा ..
गहरा प्यार है भाई बहिन का..
रेशमी धागे पर सुनहरी तार..
यह ही है पवित्र राखी का त्योहार..

बहिन से भैया प्यारे..
बंधवा ले रेशमी राखी..
तेरी सुंदर सी कलाई पर..
सजा ले पावन राखी..
इस राखी में बहिन की..
लाखों दुवाए गुथी हैं..
भाई के सुख दुख में..
बहिन भी बंधी है..

तेरे सुख में बहिना बहुत चाव में थी..
तेरे दुख में वो सदा तेरे साथ चली..
हर पल वो चाहें  ..
अपने भाई की तरक्की और भली..

बांध भैया रेशमी राखी ..
और जवानी का मान कर ले..
सुख की कामना और दुवाएं..
आज  पावन पर्व पर स्वीकार कर ले..
बहिन को भी अपने भैया पर गुमान है रे..

यह रेशमी धागा बहुत मजबूत पका है..
हर भाई बहिन का प्यार इसमें बसा है..
यह धागा भाई बहिन की उमंगों से भरा है..
हर भाई आज अपनी अपनी बहीना के..
इंतजार में पलके बिछाए  खड़ा है..

सब बहिन भाईयो को ..
राखी का पावन त्यौहार मुबारक..
बहिन भाईयो पर आज खुशियों की बरसात हो..
लाखो करोड़ो दुवायो की सौगात हो..!!

Ye Reshmi dhaga..
Gahra pyar hai bhai bahan ka..
Reshmi dhage par sunheri tar..
Yah hi hai pavitra rakhi ka tyohar..

Bahin se bhaiya pyare..
Bandhva le Reshmi rakhi..
Teri sunder si kalai par..
 Saja le Pawan si rakhi..
Ise rakhi me bahin ki ..
Lakho duva yen guthi hai..
Bhai ke sukh dukh main..
Bahin bhi bandhi hai..

Tere sukh main bahana..
Bahut chav main thi..
Tere dukh main sada..
Tere Sath wo chali..
Har pal woh chahe..
Apne bhai ki tarakki aur bhali..

Bandh bhaiya Reshmi rakhi..
Aur jawan ka maan kar le..
Sukh ka kamnaye aur duvayen..
Aaj Pawan parv par swikar kar le..
Bhabhi ko bhi apne bhiya par ..
Sada guman raha re..

Yah Reshmi dhaga mazbut pakka hai..
Har bahin bhai ka pyar isme basa hai..
Yah dhaga bhai bahin ki..
Umango se bhra hai..
Har bhai aaj apni apni bahina ke..
intjar main Palke bichhaye khada hai..

Sabhi bahin bhaiyo ko ..
Rakhi ka Pawan tyohar mubarak..
Bahin bhaiyo par aaj khushiyo ki..
Barshat ho..
Lakho karoron duvayo ki sougaat ho..!!


_जे पी एस बी

कविता की विवेचना:

रेशमी धागा/Reshmi dhaga कविता भाई बहिन के पवित्र त्योहार राखी ( रक्षा बंधन) पर आधारित है।

पूरे विश्व में भाई बहिन के इस पवित्र रिश्ते का त्योहार भारत में ही मनाया जाता है जो कि इस रिश्ते को और गर्मामयी और प्यारा बनाता है।

इस दिन बहिन पूजा की थाली और मिठाई लेकर भाई के घर जाती  है अगर भाई बहिन माता पिता के घर पर है तो वही यह त्योहार मनाते हैं।

बहिन भाई को तिलक लगाकर उसकी दीपक से आरती उतारती है और मिठाई खिलाती है, भाई भी बहिन को मिठाई खिलाता है और उपहार देता है।
और बहिन को वचन देता है की वह सारी उमर उसकी किसी भी मुसीबत आने पर रक्षा करेगा जो कि उसका परम फर्ज और कर्तव्य है।

फिर पूरा परिवार मिलकर इस दिन को खास भोजन बना एक साथ खाकर मनाते हैं , पूरा दिन उलाश पूर्ण होता है।

" रेशमी धागा" कविता में राखी के त्योहार की महत्ता और गरिमा का वर्णन किया गया और इसे अनूठे प्यार के बंधन को रेखाकित किया है।

कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।

... इति...
_जे पी एस बी
 jpsb.blogspot.com







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