जरा...
जैसे ताज के अंदर..
प्यार की निशानी..
प्यार ही कुर्बानी..
अगर दिल हो बड़ा..
वादे दफन यादें दफन..
सोई है मुमताज ओढ़कर..
प्यार का कफन..
जिंदगी महलों में गुजारी..
मौत के बाद भी महल में दफन..
ताज मोहबतो का है निशा है..
राज मोहबातो के करता बया है..
प्रेमी यहां आ कर होते मगन..
प्यार की महसूस करते अगन..
प्यार में खो जाओ एक दूजे के..
फिर लूट जाए चाहे सिंहासन..
प्यार त्याग मांगता है..
ताज है उसका उदाहरण..
प्यार होता बस बिना कारण..
परवाना जल मरता है अकारण..
प्यार की मिशाले बहुत हैं..
कई प्रेमी गुमनामी में हैं दफन..
ताज मिशाल बेशकीमती..
इसे दुनिया करती है नमन..
बादशाह के अंतिम दिनों का सहारा..
कैद की कोठरी से बरसो इसे निहारा ..
और कम किए अपने कुछ गम...
सांस टूट गई ख़ाक में हुए दफन..!!
Bachna hasin chehro se..
jra..
Jaise Taj ke ander ..
makbara..
Pyar ki nishani..
Pyar hi kurbani..
Agar dil ho bada..
Vaade dafan yaade dafan..
Taj mohabato ka nisha hai..
Raj mohabato ke karta bya hai..
Premi yaha aakar hote magan..
Pyar ki mahasus karte agan..
Pyar me kho jao ek duje ke..
Phir loot jaye chahe Sinhasan..
Pyar tyag manta hai..
Taj hai hai uska udaharan..
Pyar hota bas bina karan..
Parwana jal Marta akaran..
Pyar ki mishale bahut hai..
Kai Premi gumnami hai dafan..
Taj mishal beshkimati..
Ise duniya karti hai naman..
Badshah ke antim dino ka sahara..
Kaid ki kothari se barason ise nihara..
Aur kam kiye Apne kuchh gam..
Sans tut gayi khak me huye dafan..!!
_JPSB
कविता की विवेचना:
ताज महल/ Taj Mahal कविता में दुनिया के से अजीबो में शामिल ताज महल का जिक्र है।
ताज महल Unesco World Heritage centre में शामिल है।
ताज महल मुगल बादशाह शाह जहान ने उनकी प्रिय पत्नी मुमताज महल की याद में मुमताज महल की मृत्यु के बाद बनाया गया था।
शाह जहान को उसके अंतिम दिनों में कैद कर दिया गया था , जहां वो कैद था उसकी कोठरी की खिड़की से ताज महल शाह जहान को दिखता था, कहते हैं बादशाह का अंतिम समय तक महल को निहारते हुए उनकी पत्नी मुमताज महल को याद करते हुए बीता।
शाह जहान उनकी पत्नी मुमताज महल को बहुत ज्यादा चाहते थे , इस लिए उनकी याद में बेशकीमती इस्मार्क बादशाह ने बनवाया।
ताज महल को प्रेम के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, विश्व का हर प्रेमी एक बार जरूर ताज महल आता है और अपनी प्रेमिका या प्रेमी से सच्चे प्यार का इज़हार करता है, खास कर चांदनी रात में ताज महल की सुंदरता देखते बनती है।
ताज महल का निर्माण 1632 में चालू होकर 1648ईसवी में समाप्त हुआ था, यह उतर प्रदेश के आगरा शहर में स्तिथ है।यह लगभग 42acre भूमी में फैला हुआ है।इसे बनाने में लगभग 20000मजदूरों और कारीगरों ने लगातार काम किया था ।
ताज महल की ऊंचाई 73 मीटर है और इसके आर्किटेक्ट श्री उस्ताद अहमद लाहौरी थे, इसे बनाने में उस समय 3.2 करोड़ रुपए खर्च हुए थे जो कि आज के लगभग सत्तर अरब रुपए के बराबर हैं।
ताज महल भारत में विजिटर द्वारा सबसे अधिक देखे जाने वाल टूरिस्ट प्लेस है ,इसे देखने लगभग 80 लाख विजिटर हर साल आते है।
"ताज महल " कविता में ताज महल का वर्णन और इसकी अनोखी खूबसूरती अंकित करने की कोशिश की गई है। कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।
और कविताओं को पढ़ने के लिए कृपया jpsb.blogspot.com Visit करें।
... इति...
_जे पी एस बी
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