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Antriksh main Duniya Image from: pexels.com |
चलो दूर अनंत तक उड़ चलें..
आकाश की गहराईयों को छू लें..
पत्थर जो उछाला था कभी..
आसमान में किया था सुराख..
उस सुराख के आर पार झांके..
चांद सितारों की दूरियां भांपे..
ब्रह्मांड की लंबाई चौड़ाई नापे..
देखें कहां बना सकते हैं हम..
अपने सपनों का सुंदर महल..
अनुमान लगाएं अंतरिक्ष में टहल..
जगह तो अनंत तक खाली है..
फिर हमने अपनी छोटी सी दुनिया..
पृथ्वी पर ही क्यों बना ली है..
आओ करें पहल अंतरिक्ष में..
रहने की संभावना को तलासें..
पृथ्वी की भीड़ और प्रदूषण से..
कही दूर भागें ,ले कुछ सुखी सांसे..
पृथ्वी पर व्याप्त बुराइयों से भी..
मिलेगी जीवन भर की निजात..
खुद की कमियां भी होंगी समाप्त..
राजनीति से अलग कुछ सोचेंगे..
राजनीति वाला भी ..
अच्छा इंसान होगा..
वोट और कुर्सी के चक्रव्यू से ..
सदा के लिए मुक्त होगा..
ना झूठे वादे ना झूठी कसमें..
निभायेगे सिर्फ सच की रस्में..
आम आदमी और नेता का अंतर..
मिट जायेगा ,नेता आम आदमी के..
साथ इधर उधर उड़ता नजर आएगा..
वाहन पेट्रोल डीजल..
इन की नही यहां जरूरत...
पर्यावरण यहां का है ..
बहुत ही ज्यादा खूबसूरत..
अमीर गरीब के बीच ना होगी ..
यहाँ पर कोई भी खाई..
मिल बांट रहेंगे जैसे सगे भाई..
प्यार भाईचारे का ही होगा व्यापार..
अच्छा से अच्छा भाईचारा..
ज्यादा से ज्यादा प्यार ही प्यार..
बनेगा यहां आलौकिक ..
सुनहरा सपनो का संसार..
ना कोई दुख दर्द , ना गर्म शरद..
ना कोई उमर की सीमा ..
ना होंगी बुढ़ापे की झुर्रियां..
चेहरों पर तेज और सिर्फ खुशियां..
सुराख के उस पार..
पृथ्वी को भी..
एक बार फिर सुंदर बनाएंगे..
कभी कभी यहां भी..
छुट्टियां मनाने आयेंगे..!!
_ जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
अंतरिक्ष में दुनिया/ Antriksh main Duniya कविता एक खूबसूरत परिकल्पना है जो स्वर्ग जैसा एहसास कराती है।
हकीकत में वैज्ञानिक बरसो से अंतरिक्ष में बस्तियों की परकल्पना और खोज में जुटे हुए हैं।
वर्षो पहले टेलीविजन,मोबाइल फोन ,इंटरनेट, इंटरनेट कॉलिंग परिकल्पना में भी नही था , मगर आज सत्य है।
वैसे ही अंतरिक्ष में बस्तियां शहर भी मात्र कल्पना नहीं रह जायेंगे एक दिन यह भी सत्य होगा।
वैसे ईश्वर और कुदरत के लिए यह तो एक पल का काम है , जिस दिन उसने ऐसा कुछ सोच लिया एक पल में ही हो जायेगा।
और हम इंसान , विज्ञानिक अचंभित रह जायेंगे ।
फिर इस चमत्कार की कई थ्रोरिया बनेगी एक खोज होगी कि यह कैसे हुआ जब तक इसका कुछ समझ पाएंगे फिर एक और नया कुदरत का चमत्कार हो जायेगा ।
यह सिलसिला यू ही चलता रहेगा।
क्यों कि कुदरत के रहस्य कोई ना जान पाया है ना ही जान पाएगा कभी ।
इसलिए कुदरत के सामने नतमस्तक हैं हम सभी।
" अंतरिक्ष में दुनिया" एक सुंदर परिकल्पना है जो भविष्य में सत्य भी हो सकती है, कुदरत का करिश्मा हम हर पल देखते हैं, एक और करिश्मा हो जायेगा हम आप सभी इंतजार करें..!!
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... इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
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