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Ghode Ki Sawari Image from: pexels.com |
मंहगा हो गया पेट्रोल डीजल..
महंगी हो गई हैं सब गाड़ी..
अब हमे करनी होगी..
घोड़े,ऊंट,हाथी,खच्चर की सवारी..
ये सारे जानवर मालिक के..
बहुत ज्यादा वफादार हैं..
सभी सिर्फ घांस खाकर भी..
सेवा करने को सदा तैयार हैं..
मार खाकर भी कभी ..
फर्ज से मुंह नही मोड़ते..
अपनी वफादारी की मिशाल..
हर जगह जाते है छोड़ते..
महाराणा प्रताप के घोड़े..
"चेतक" ने अपनी जान वारी थी..
उसे बहुत ही ज्यादा प्रिय अपने ..
मालिक की अपने पर सवारी थी..
शिवाजी महाराज, रानी लक्ष्मीबाई..
इनका साथ भी तो ..
बहादुर घोड़ों ने ही दिया था..
बदले में कुछ नही लिया था..
हम अगर मोटर साइकिल ,कार..
कभी भी ना अपनाते..
प्रदूषण भी ना होता..
पेट्रोल डीजल के दाम भी ना बढ़ पाते..
क्या घोड़े ऊंट हाथी ..
की सवारी वापिस आने वाली है..
या मंहगाई के कारण ..
यह सरकार जाने वाली है..
सरकार जाने से कुछ ना कुछ तो..
मिलेगी जनता को निजात..
होगी कोई तो अच्छी बात..
नई सरकार आएगी जब..
शायद लाए कोई अच्छी सौगात..!!
_जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
घोड़े_ ऊंट_हाथी की सवारी/ Ghode_Unth_Hanthi ki Sawari कविता _ हाथी , घोड़े , ऊंट , खच्चर ,तांगा इन सब की याद दिलाती है।
याद आने का कारण है बिन लगाम पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम ,जिसके कारण दूसरी वस्तुओ के मूल्य भी बेहिसाब बढ़ते जा रहे हैं। इतनी मंहगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है।
सरकार शायद मंहगाई रुपी बॉम्ब के फलीते को आग लगाकर भूल गई है, यह महंगाई बॉम्ब बहुत धमाके के साथ फूटेगा।
लोगों को गाडियां चलानी बंद करनी होगी और सालों पुरानी परिवहन प्रणाली जानवरों की सवारी पर वापिस लौटना होगा ।
इसके अलावा अब कोई चारा भी नहीं है,सरकार तो मंहगाई कम नहीं करने वाली, ना उसे आम आदमी की कोई फिक्र है।
कृपया कविता को पढे और शेयर करें।
... इति....
जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
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