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50years of 1971war won। Image from: Indiatimes.com |
सुन 1971युद्ध की गाथा..
और सौर्य की कहानियां..
रोंगटे खड़े हो जाते हैं..
हमारे इरादे बड़े हो जाते हैं..
13 दिन में ही दुश्मन को..
खूब धूल चटाई थी..
पूरी दुश्मन की फौज..
जान बख्सने के लिए..
हांथ जोड़ गिड़गिड़ाई थी..
भारत के लेफ्टिनेंट जनरल..
अरोरा जी के सामने ..
जनरल नियाजी ने घुटने टेके थे..
लिख दिया था हम हारे..
जान बख्श दो हमारी..
गर्दिश में हैं हमारे सारे तारे..
उस "स्वर्णिम विजय " में..
एक नए देश का जन्म हुआ था..
"बंगला देश"
बंगला देश ने गुलामी ..
की जंजीर तोड़ी थी..
आजादी की खुशी की लहर..
हर बांग्लादेशी के घर घर दौड़ी थी..
भारतीय सेना के शौर्य का..
परचम सारे विश्व में लहराया था..
भारत ने अपने शक्तिसाली ..
होने का खूब लोहा मनवाया था..
आज भी पूरे भारत को..
अपनी शक्तिशाली सेना पर गर्व है..
मुबारक हो पूरे देश को..
50 वर्ष 1971विजय गाथा..
भारतीय सेना का एक स्वर्णिम पर्व है..!!
_जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
स्वर्णिम विजय वर्ष/ 50years of 1971war कविता में भारत की पाकिस्तान पर 1971युद्ध में इतिहासिक विजय पर आधारित है जिसको कि 16Dec 2021 को 50वर्ष पूरे हो रहे हैं।
1971में पाकिस्तानी सेना के 93000 सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने सेरेंडर किया था जो कि विश्व का सबसे बड़ा किसी सैना का सरेंडर था विश्व युद्ध 2 के बाद।
भारतीय सेना ने यह युद्ध सिर्फ 13 दिनों में जीत लिया था। युद्ध 03 dec.1971 को सुरु हुआ और16dec. 1971को भारतीय सेना यह युद्ध जीत चुकी थी।
इस युद्ध की जीत के परिमाण स्वरूप एक नए देश का उदय हुआ " बंगला देश" जो कि पहले पाकिस्तान का हिस्सा था, पाकिस्तान की गुलामी झेल रहा था।
भारतीय पार्लियामेंट ने 6dec 1971में एक देश के रूप में रिकनाइज्ड किया था।
बांग्लादेश के तीन लाख नागरिक युद्ध के दौरान मारे गए थे,भारत और पाकिस्तान के 3800 सैनिक शहीद हुवे थे। बाद में शिमला समझौता हुआ और पाकिस्तान के युद्ध बंधी 93000 सैनिक उस समझौते के अंतर्गत छोड़ दिए गए।
"स्वर्णिम विजय वर्ष" कविता 1971विजय के 50वर्ष पूर्ण होने के अवसर के लिए लिखी गई है। भारतीय सेना पर हमे गर्व है ,भारतीय सेना को कोटि कोटि नमस्कार ,1971युद्ध में शहीद हुवे सैनिकों को श्रद्धांजलि और शौर्य दिखाने वाली सूरविरो को करोड़ो सलाम सलाम।
कृपया कविता को पढे और शेयर करें।
... इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
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