हांथों में हांथ था..
कितना खूबसूरत साथ था..
यादगार शामें थी..
मनोरम बातें थी..
बनाते थे हम अपनी कल्पना..
की एक अलग दुनिया..
खूबसूरत समा था..
दिलकश लमहा था..
तुम्हारी उमंग भरी सौखिया ..
प्यार और तुमसे नजदीकियां..
यादों को और यादगार..
बनाती हैं..
यादों में खोने का ..
आलौकिक है मजा..
सारी बेचैनी थकावट..
तरावट में बदल जाती है..
जैसे ही तुम्हारी..
कोई बात याद आती है ..
गुजर जाता है मेरा समय..
पुराने ख्यालों में खोये खोये..
नीरस जिंदगी में..
यादे जीवन अमृत हैं..
तरो ताजा कर देती हैं..
जीवन को नया जोश ..
और रास्ता देती हैं..
यादों में खोते ही..
मिट जाते हैं उम्र के निशान..
बन जाते हैं फिर हम जवाँ..
ना दुखता है बदन..
और ना दुखता है टखना ..
लगता है जिंदगी का रस..
अभी और है चखना ..
बचपन का लाड प्यार..
और अठखेलियाँ और..
जवानी का प्यार..
इसीलिए होता है..
कि बुढ़ापे में हो..
जिंदगी में नव संचार..
प्यारा लगे यह संसार..
अच्छा लगता है समा पुराना..
मन को भाता है..
इस समय को बार बार दोहराना..
जिंदगी बन जाती है ..
एक खूबसूरत कहानी..
जिसके हीरो हीरोइन हम हैं..
हमारी कहानी में भी दम है ..
हमारी कहानी को हमने..
कई बार यादों के..
चित्रपटल पर दोहराया ..
अपनी कहानी को..
हमेशा हिट ही पाया..
कहानी बहुत ही अच्छी है..
हमारे रोम रोम में बसी है..
हम इस कहानी को ..
याद कर..
भावविभोर हो जाते हैं ..
अपनी अनोखी दुनिया में..
खो जाते हैं..
जिंदगी का आनंद उठाते हैं..
अमर जीवन अमृत पाते हैं..!!
_jpsb blog
कविता की विवेचना:
यादें जीवन अमृत/Yaden jiwan amrit कविता उम्रदराज लोगों के लिये लिखी गई है, सुखद मीठी यादें जीवन आधार हैं, हमारी जमा पूंजी प्यार है.
बुढ़ापे में चिंता फ़िक्र बीमारियो में जकड़ जाये, इससे अच्छा कि पुरानी यादों को दोहराए, जवान बने रहें खुशी से तने रहें, बीमारियाँ उदासिया पास ना फटकेगी.
हम इस जहान से ताल से ताल मिला चल पाएंगे नयी पीढ़ी में हिलमिल जाएंगे, अपनी एक अलग दुनिया बनाएंगे.
पुरानी यादें जीवन अमृत हैं बुढ़ापे को पास फटक्ने नहीं देती एक अमरत्व का वरदान है, हमेशा एहसास होगा कि हम अभी जवान हैं.
"यादें जीवन अमृत " कविता यादों का प्यारा गुलदस्ता है, जो नायक नायिका के जहन में बसता है, यह एक यादगार कहानी है जिसमें प्यार और अमृत की हुयी है बरसात, सराबोर है तन बदन रोम रोम यादों की बहार में. जो जिंदगी को आनंद से भर दे अमर कर दे.
कृपया कविता को पढे और शेयर करें.
..इति..
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jpsb.blogspot.com
Author is a member of SWA Mumbai
Copyright of poem is reserved.
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