Friday, June 17, 2022

लोकतंत्र अग्निपथ (Loktantra Agnipath)

लोकतंत्र अग्निपथ             
Loktantra Agnipath
Loktantra Agnipath 
Image from:pexels.com 

लोकतंत्र के हुक्मरानों..
लोकतंत्र की कथित मालिक..
गरीब जनता की भी..
कुछ बातें तो मानो..

गरीबी से लोकतंत्र के..
गरीब मालिक को..
निजात दिलाओ ..
बस और ना महंगाई का..
कडवा घुट पिलाओ..

कीड़े मकोडे सी..
जिंदगी जीने को..
ना मजबूर करो ..
गरीब का घर भी..
सुख संपदा से भरो..

थोडी महगाई कम करो..
रोज़गार के इंतजाम करो..
गरीब की रोजी रोटी के..
कुछ तो करो उपाय..
घर घर मे मची है हाय हाय..

अग्निपथ जैसे ना जारी करो..
फरमान ,सुनते ही जिसे..
मिट् जाये गरीब के..
सारे अरमान..
अग्निपथ लोकतन्त्र है..
हथेली पर..
देश के सिपाही की जान..

सैनिक और सेना को..
बेचारी मत बनाओ..
सैनिक के आगे..
लाचारी शब्द मत लगाओ..

सैनिक वीरों को ..
दो पूरा सम्मान ..
वही निशाँवर करते हैं ..
देश के लिये अपने प्राण..

कोई ऐसा काम ना हो..
जो इनका मनोबल गिराये..
आपके देश के प्रिय सैनिक हैं..
ना समझो कभी इन्हें पराये..

भाड़े पर वीरता..
कभी नहीं आती..
इन्हें तो भारत माता..
खुद है उपजाती..

सैनिक हमारी सरहदों की..
मजबूत दीवार हैं..
दुश्मन का इनके..
सीने पर ही वार है ..

सैनिक हमारे लोकतंत्र का..
मजबूत हिस्सा है..
हमारा देश इनके मजबूत..
कंधों पर टिका है..

इनका सीना दुश्मन के..
सामने जोश और गर्व से..
तना रहने दो..
इन्हें अच्छा वेतन..
और पेंशन दो..

ताकि हमारे सैनिक..
अपने जीवन से निश्चिंत..
और बेफिक्र हो..
दुश्मन के छक्के छुड़ा सके..
अपने देश की..
आजादी और आन बचा सके..!!

जय हिंद. 
जय जवान..
जय माँ भारती..
जय हिंद की सेना..!!

_Jpsb blog 

कविता की विवेचना: 

लोकतंत्र अग्निपथ/Loktantra Agnipath कविता विश्‍व के सबसे बड़े लोकतंत्र की अग्निपथ पर चलने की परीक्षा है. 

महगाई, बेरोजगारी, धर्म उन्माद ,करोना महामारी आदि समस्याओं से देश जुझ रहा है, खास कर गरीब नागरिक महगाई, बेरोजगारी और गरीबी से परेशान हैं. 

लोकतंत्र की मालिक जनता है, जो कि अधिकतर गरीब है, जनता वोट देकर अपनी सरकार चुनी, आशा कि गरीबी बेरोजगारी दूर होगी. 

मगर यह समस्याएं ज्यों कि त्यों हैं और महगाई और बढ़ गई, इस बीच सरकार सेना में नया रोज़गार लायी सिर्फ चार वर्ष के लिये. 

इस प्रकार का नया प्रयोग सेना के साथ नहीं करना चाहिये, यह एक अति महत्पूर्ण देश सेवा है जो बलिदान मांगती है. 

सेना में भर्ती होते ही सैनिक अपनी जान देश के नाम कर देता है, कभी भी  भारत माता उसका बलिदान मांग सकती है, और सैनिक हर वक्त अपनी जान देने को तैयार रहता है. 

ऐसे समय उसकी सेवाओं में कटौती करना उनकी पेमेंट पेंशन बंद करना ,एक किस्म से उसे अपाहिज लाचार करना है. 

लाचार व्यक्ति वीर सैनिक नहीं हो सकता, कंजूसी पैसा बचाना सेना जैसे महत्वपूर्ण संस्थान के साथ नहीं होना चाहिए, प्रयोग के लिए कई सिविल संस्थान हैं. 

"लोकतंत्र अग्निपथ " कविता देश के लोकतंत्र की आधार गरीब जनता की परेसानिया और कठिनाइयों को वर्णित करती है, इसी  जनता के बीच से हमारे सैनिक भी आते हैं, जो अपनी जान हथैली पर रख देश की सेवा करते हैं, अग्निपथ जैसा प्रयोग सेना का मनोबल कमजोर करेगा देश की सुरक्षा को कमजोर करेगा, ऐसे प्रयोग से बचना चाहिये. 

कृपया कविता को पढे और शेयर करें. 

_jpsb blog 
jpsb.blogspot.com 
Author is a Author Author of SWA Mumbai. 
Copyright of poem is reserved. 





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