Saturday, October 1, 2022

पापो से कर लो तोबा (Papo se kar lo toba)

Papo se kar lo toba
Papo se kar lo toba
Image from pexels.com 



तुम पापो से..
कर लो तोबा..
फिर जिंदगी में..
जो  भी होगा..
अच्छा ही होगा..

अपने मन और दिल को..
कर लो अच्छा..
जैसे कोई..
छोटा बच्चा..
कोई भी गलत..
काम मत करो..
जब भी मरो ..
निष्कलंक पवित्र ही मरो..

तुम्हारे जैसे..
पवित्र इंसान के लिये..
स्वर्ग के द्वार..
हमेशा खुले मिलेंगे..
ईश्वर भी..
तुम्हारी आत्मा पर..
प्रफुल्लित प्रश्नन मिलेंगे..

अगर गलत काम..
करके तुमने..
एक छोटी सी..
जिंदगी छोटी छोटी..
खुशियो के लिए..
लालच भ्रस्टाचार ..
कर जी है..

तो तुम्हारी..
दुर्दशा सुनिश्चित है..
तुम्हारी आत्मा..
नरक में ही निहित है..
ईश्वर से भी..
तुम्हारी अनंत दूरी..
बढ़ जायेगी..
मृत्यु उपरांत..
तुम्हारी रूह..
चौरासी लाख योनियों में..
चिरकाल भटकती रह जायेगी..

मनुष्य जन्म दोबारा..
दुर्लभ हो जायेगा ..
तू नर्क में..
कीड़ा मकोडा ..
बन पश्चातायेगा ..
मगर तुम्हें..
माफ़ी नहीं मिलेगी..
सजा पूरी करते..
तेरी रूह हिलेगी..

मानुष जन्म तुम्हें..
मोक्ष के लिये ही..
मिला है..
अब तुम्हें तय करना है..
जिंदगी में अल्प..
सुख पाने के लिए..
अल्प काळ में ..
गलत काम करना है..
और मरना है..
या अनंत काल के लिये..
मोक्ष प्राप्त करना है..

ईश्वर से..
सदा के लिये..
नजदीकियां बढ़ानी है..
ईश्वर के साधीज्ञ में..
अनंत उम्र बितानी है..
या फिर आवारगी में..
नरक में युगों तक..
आत्मा भटकानी है..

या फिर इस पृथ्वी पर..
अल्प काळ के लिये..
गलत तरीके से..
धनवान बनना है..
ऐश आराम और..
विलासिता के बाहुपास में..
फस पापो का घडा..
भरना है..
मृत्यु बाद..
लाखों योनियों में..
नरक में सड़ना है..

सच्चे नेक बनो..
मनुष्य जन्म का..
सम्मान करो..
मन ह्रदय को..
पवित्र करो..
पापो से कर लो तोबा..
ईश्वर का वास..
तुम्हारे अंदर होगा..
तुम अनमोल..
रत्न बन जाओगे..

ईश्वर को हमेशा..
अपने मन मंदिर में..
विराजमान पाओगे..
आत्मा तुम्हारी..
ईश्वर में..
समाहित हो जायेगी..
दुबारा ना कभी..
जन्म मरण की..
बारी आयेगी..
शुद्ध आत्मा..
परमात्मा में..
मिल जायेगी..!! 

_Jpsb blog 


कविता की विवेचना: 

पापो से कर लो तोबा/Papo se kar lo toba कविता अल्प काळ के लिये मनुष्य योनी में जन्मे इंसान की मानसिकता और आचार व्यवहार को रेखांकित करती है. 

यह किसी को भी पता नहीं कि वह क्यों पैदा हुआ और इस जन्म में क्या उसे खास करना है, बस सबको यही पता है खाना कमाना है और किसी भी तरह बड़ा आदमी बनना है. 

इंसान सारे जीवों में सबसे ताकतवर सक्षम और बुद्धीमान जीव है.

पृथ्वी पर इंसानों का राज है, अब  इंसान आपस में ही प्रतिस्पर्धा कर लड लड मर रहे हैं, मारक हथियारों का दौर जारी है, वही राजा है जिसमे सबसे ज्यादा जनता मारी है.

पहला और दूसरा विश्वयुद्ध इसके उदाहरण हैं, वर्तमान में यूक्रेन रूस युद्ध जारी है, लाखों की संख्या में इस युद्ध में निर्दोष जनता मारी है. 

आम इंसान किसी भी तरह पैसा कमाने की होड़ में लगा है, इसके लिये चाहे उसे अपना ईमान बेचना पडे.

भ्रष्टाचार करना पडे, किसी मासूम को तडफाना पडे उसे कोई परवाह नहीं बस किसी तरह पैसा आना चाहिये ,चाहे वह गंदी राजनीति करके आये या गलत धंदे कर आये. 

"पापों से कर लो तोबा " कविता में इंसान को स्मरण कराया गया है कि ईश्वर ने मनुष्य जन्म देकर उसे एक बेह्तरीन मौका दिया है, ईश्वर से नजदीकियां बढ़ाने का जन्म मृत्यु से मुक्ति पाने का, इस मौके का सदुपयोग करे, पवित्र हो कर मरे, वर्ना फिर आत्मा को भटकना होगा लाखों युगों तक.

आज छड़भंगुर जीवन में विलासिता में डूबे और अपवित्र मर जाये और अनंत युगों तक अपनी आत्मा को सताये. 

या इस जन्म का सदुपयोग कर युगों तक चरम सुख पाये और एकमेव ईश्वर में विलीन हो जाये. 

कृपया कविता को पढे और शेयर करें. 

...इति...
Jpsb blog
 jpsb.blogspot.com 
Author is a member of SWA Mumbai
Copyright of poem is reserved .






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