Friday, January 28, 2022

दुवा होगी कबूल शर्ते लागू( Duva hogi kabul sharte lagu)

      
Dua hogi kabul sharte lagu
Dua hogi kabul sharte lagu
Image from: pexels.com

दुवा तेरी होगी कबूल..
पर शर्ते लागू हैं..
स्वार्थीपन से संबंधित..
पैसा,धन दौलत, मकान..
मत मांगो..
रूप ,रस,श्रृंगार..
मत मांगो..
उम्र , यौवन..
प्रेमिका का प्यार..
मत मांगो..

लोक कल्याण की..
दुवाएं होंगी कबूल..
अंजाने में की गलती..
की माफी होगी मंजूर..
जिस सम्मान या वस्तु के..
हकदार हो..
मिलेगी तुम्हे जरूर..
तुम्हारी वाजिब..
निजी मांग की दुआ..
होगी कबूल..

किसी का नुकसान..
किसी का फायदा..
जो कि दुआ के..
विरुद्ध है कायदा..
ना मिलेगा वर ऐसा..
मत मांगो..
बिन मेहनत पैसा..

तुम सुध्ध,पवित्र..
पारदर्शी बनो..
फिर मन ही मन..
अपनी मनोकामना ..
प्रभु से मनो..
तथा अस्तु..
प्रभु को ओर से..
तुरंत आएगा..
एक प्यारा सा..
वरदान जो सदा..
तुम्हे बहुत भाएगा..

तुम सच्चाई के ..
रास्ते चलो हमेशा..
बिन मांगे ..
सब मिल जायेगा..
सच्चो की आत्मा..
में सदेव परमात्मा..
तुम्हारी सोच से पहले..
प्रभु की पहुंच है..
तुम्हे मिलेगा जरूर..
जो तुम्हारी सोच है..

अत्याचारी,राजनीति..
स्वार्थी,व्यभिचारी,पाखंडी..
इन सब के लिए..
शर्ते लागू हैं..
प्रवेश निषेध है..
भगवान के आंगन में..
दुआ तो दूर की बात है..
परोपकारी, सच्चे,बच्चे..
प्रभु के अपने हैं..
इन सब की..
दिल की ख्वाइसे..
अपने आप मंजूर हैं..

कुछ लोगो के लिए..
भगवान बहुत पास है..
कुछ के लिए ..
भगवान बहुत दूर है..
बात सच्चे दिल की है..
मानोगे विश्वाश से..
पाओगे खुद को..
प्रभु के द्वार..
बिन विश्वास..
ना मिलेंगे प्रभु..
चाहे करो कितने तीर्थ..
या जाओ हरिद्वार..!!

_जे पी एस बी 

कविता की विवेचना: 

दुआ होगी कबूल शर्ते लागू/ Dua hogi kabul sharte lagu कविता ईश्वर से प्रार्थना याचना कर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए मांगी गई दुआओं का वर्णन है।

हर कोई अपने इष्ट से समय समय पर या कठिन प्रस्थति में दुआ मांगता है, बहुत सी दुआए तुरंत मंजूर होती हैं , जो जायज और सच्चे मन से मांगी जाती हैं।

बहुत सी दुवाएं स्वार्थी पन से भरी और दूसरे के अंत की कामनाएं लिए होती हैं ऐसी दुआओं की सुनाई भी नही होती।

लोककल्याण , निस्वार्थ और सच्चाई से मांगी दुवाएं मांगने से पहिले ही पूरी हो जाती हैं।

"दुआ होगी कबूल शर्ते लागू" कविता में वर्णित किया गया है कि गलत के लिए भगवान के दरबार में शर्ते है कि तुम पहले सच्चे अच्छे इंसान बनो तभी तुम्हारी दुआ कबूल होगी, सच्चे इंसान के साथ तो ईश्वर सदेव है।

कविता को पढे और शेयर करें।

...इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com

Author is the member of SWA Mumbai
©Apply







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