पपिहा जल की..
बूंद को तरसा..
प्यास बुझी उसकी..
जब आई वर्षा..
जल अमृत है..
एक एक बूंद..
कीमती मोती है..
इन मोतियों से..
जिंदगी होती है..
सहेज रखो..
जल को बचाओ..
जीवन में रोज..
नई उमंग पाओ..
बूंद बूंद से..
सागर भरा..
देवी बनी..
मां गंगा..
जल से ही..
जीवन अमर है..
यह प्रकृति..
नील गगन है..!!
_जे पी एस बी
Papiha jal ki..
Bu d ki tarsa..
Pyas bujhi uski..
Jab aayi varsa ..
Jal amrut hai..
Ek ek bund ..
Kimati moti hai..
In motiyon se..
Jindgi hoti hai..
Sahej rakho..
Jal ki bachao..
Jiwan main roj..
Nayi umang pao..
Bund bund se..
Sagar bhara..
Devi bani..
Maa Ganga ..
Jal se hi..
Jiwan amar hai..
Yahi prakriti ..
Neel gagan hai..!!
_JPSB
jpsb.blogspot.com
कविता की विवेचना:
जल मोती है/ Jal Moti hai कविता में जल यानी पानी की हमारे जीवन में महता का वर्णन किया गया है।
जल है तो जीवन है , जल के बिना जीवन की कल्पना भी
नही की जा सकती।
जल है तो प्रकृति है पेड़ पौधे हैं , अनाज है ,फल फ्रूट , बाग, बगीचे ,फूल हैं।
जल ही जीवन है, इसलिए जल को बेवजह बहाना नही चाहिए , जल को जितना हो सके बचाना चाहिए,ताकि कभी जल की कमी नही और सब जीवों को जल प्रयाप मात्रा में उपलब्ध हो।
"जल एक मोती" कविता में पानी की महता और जल को अत्यधिक आवश्यक और बहुत मूल्यवान ईश्वरीय देन है का वर्णन किया गया है।
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...इति...
_जे पी एस बी
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