इतनी तेजी से..
गुजरी जिंदगी..
यादगार लम्हे..
पीछे छूटते चले गए..
कभी खुशी के..
कभी गम के..
कभी भावुक से..
कभी रिश्ते नाजुक से..
कुछ रूठ गए..
कुछ मान गए..
कुछ से जान पहचान..
कुछ अनजान रहे..
कुछ को चाहा मन ही मन..
कुछ को तन मन धन से..
प्यार किया..
कभी साथ साथ..
खुशियां मनाई खूब..
कभी साथ साथ ..
गम सहे..
कुछ पल अनकहे..
याद आते हैं..
कुछ गर्व के..
कुछ सब्र के..
लम्हे याद आते हैं..
कुछ दिल छूने वाले..
कुछ टूटे दिल की..
दास्तान सुनाते हैं..
कुछ लम्हे ..
गुस्सा दिलाते हैं..
याद करता हूं..
उन लम्हों को..
पैसानी पर..
पसीने से छूट ..
जाते हैं..
काश वक्त ..
वापिस लौट आता..
तो उन लम्हों को..
पल दो पल जी लेता..
कुछ गलतियां..
सुधार लेता..
कुछ खुशियां..
संजो कर रख लेता..
गमों को मिटा देता..
कुछ रूठों को..
मना लेता..
कुछ बिछड़ों को..
ढूढता हर जगह..
कुछ के दिल में..
जगह बना लेता..
कुछ को दिल में..
बसा लेता..
अगर जिंदगी ..
तेज रफ्तार न होती..
कुछ हसरते..
कुछ अरमान दफन हैं..
दिल के एक कोने में..
अधूरे अधूरे से..
उन्हें पूरे कर लेता..
दर्द सहा था ..
जो जिगर ने..
दर्द को मिटा देता..
बचे हुए फर्ज..
निभा लेता..
चढ़ गया कर्ज..
एहसानो का..
उस कर्ज को..
चुका देता..
सांसे कुछ उधार थी..
वो सांसे लौटा देता..
टूटे रिश्तों के..
जख्मों पर..
मलहम लगा देता..
अगर जिंदगी..
तेज रफ्तार ना होती..!!
_जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
लम्हे जिंदगी के/ Lamhe Jindgi Ke कविता आज की तेज रफ्तार भागम भाग लाइफ स्टाइल के बारे में है।
आज की तेज लाइफ स्टाइल में किसी के पास भी किसी के लिए समय नहीं है,सब अपने निर्धारित लक्ष्य को पाने की जल्दी में हैं।
हर किसी को लगता है कि वो कही रुक गया या धीमा पड़ गया तो वो जंगी की दौड़ में पीछे छूट जायेगा।
इस तेज रफ्तार जिंदगी के कारण बहुत कुछ खोना पड़ता है सैक्रीफाइज करना पड़ता है।
जैसे लाइफ के कई इमोशंस आधार में रह जाते हैं , रिश्ते टूट जाते हैं, हमारे खास अपने हमसे रूठ जाते हैं ।
हमारे पास समय नहीं है है उन्हे मनाने का अपने दिल के जख्म दिखाने का। हम जिंदगी की दौड़ में तेज रफ्तार दौड़ते है और कई महत्वपूर्ण मुकाम पीछे छूट जाते हैं या हम खुद छोड़ देते हैं कि बाद में देख लेंगे।
वो बाद में कभी नहीं आता और हम समय से बहुत आगे निकल चुके होते हैं, वो बीते हुए लम्हे फिर कभी वापिस नही आते।
तब आती है टीस, घुटन, पस्तावां ,अफसोस कि उन लम्हों को हम चूक गए जो कि जिंदगी का बहुत ही खास हिस्सा थे।
गुजरे वक्त को कभी वापिस नही लाया जा सकता ना ही वो लम्हे वापिस आयेंगे।
"लम्हे जिंदगी के" कविता में उन बेस्किमती लम्हों का वर्णन है जो तेज रफ्तार जिंदगी जीते जीते पीछे छूट गए।
कई रिश्ते टूट गए,कई हमसे रूठ गए, क्या तेज भागते भागते हम जिंदगी की रेस जीत पाए या फिर रेस भी हार गए और जिंदगी के खास लम्हों को भी हार गए।
कुछ हाथ ना आया , हे ईश्वर कैसी तेरी माया।
कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।
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...इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
Author is member of SWA mumbai
©Apply
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