Sunday, August 28, 2022

मौत से जिन्दगी की बात (Mout se jindgi ki baat)

                 
Mout se jindgi ki baat
Mout se jindgi ki baat 
Image from:pexels.com 


मौत मेरे सिरहाने..
बैठी रही..
मुझसे बार बार..
कहती रही..
चलो चलें..
अनंत सफर की ओर..
मैंने मौत से कहा..
करो थोडा इंतजार..
ऐसा क्यों है..
मुझसे प्यार..

मौत ने मेरा कहा..
माना..
मुझे मिला जीने का..
बहाना..
क्यों रुका मैं..
इस बार..
क्यों किया मरने से..
इन्कार..
क्यों है मुझे..
जिंदगी से बेइंतहा प्यार..

मौत से किया..
वायदा निभाना है..
मुझे एक निर्धारित..
वक़्त के बाद..
मौत की आगोश में..
जाना है..
वादा ना  भी किया होता ..
फिर भी मुझे..
जाना ही होता..
जिंदगी और मौत का..
रिश्ता निभाना होता..

मौत से जिन्दगी का ..
सामना..
एक अटल सत्य है ..
भले ही ना करो ..
मौत की कामना..
फिर भी..
इस सत्य को मानना..
जिंदगी और मौत..
सिखाती है..
जिंदगी को लेने..
मौत खुद चलकर..
आती है..

जिंदगी मौत से..
होती है जुदा..
यही है कुदरत का..
कायदा..
जिंदगी और मौत का..
मिलन ही है..
बिछोड़ा ..
मौत ने जिन्दगी को..
मिलन के बाद छोड़ा..

जिंदगी खुशी..
और मौत ग़म क्यों..
किसी अपने के 
मरने पर..
आंखे नम क्यों..
मरकर कोई..
वापिस कभी नहीं आता..
किसी को भी..
पता नहीं..
कहां है वह जाता..
क्यों टूट जाता है..
मरे से अपना नाता..
अपने के मरने का ग़म..
ता उम्र है सताता..

मौत जिंदगी ने..
तुझे जी भर प्यार किया..
प्यार का इज़हार..
मर कर किया..
मगर तूने..
उस प्यार के बदले..
क्यों दिये आँसू..
अपनी व्यथा मैं..
अब किससे कहूँ ..

मौत तेरे आने से..
बुझ जाते हैं..
जिंदगी के दिये..
जिन्दगी थी..
किसके लिये..
मौत क्यों हँसती है..
जिंदगी में ही..
क्यों बसती है..
तुझे जिंदगी का है वास्ता..
क्या तुम हो..
ईश मिलन का रास्ता..
करता है जो भव पार..
जिन्दगी को है..
सदियों से मौत का इंतजार..!!

_jpsb Blog 

कविता की विवेचना:
मौत से जिन्दगी की बात/Mout se jindgi ki baat कविता जिंदगी और मौत के अटूट रिश्ते को रेखांकित करती है.

मौत एक अटल सत्य है जो जरूर एक दिन हर जिंदगी के साथ होना है जैसे जिंदगी मौत के लिये खिलौना है. 

जिन्दगी के साथ मौत का होना जरूरी है वर्ना जिन्दगी अनंत होती तो जिन्दगी में इतनी हंसी खुशी ना होती. 

मौत तो है भगवान से मिलन का गुप्त रास्ता जो जीते जी सम्भव ना था, परम सुख परम आनंद तो  ईश्वर से मिलने में ही है. 

" मौत से जिन्दगी की बात " एक रोशनी है जो जिंदगी के दिये के बुझने के बाद अनंत लोक से आती है ईश्वर से मिलने का रास्ता दिखाती है, ईश्वर से निकली जोत ईश्वर में मिल जाती है. 
तब ही आत्मा अमर कहलाती है. 

...इति...

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Jpsb blog
 jpsb.blogspot.com 
Author is a member of SWA Mumbai. 
Copyright of poem is reserved. 














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