हे ईश्वर तूने..
राक्षस क्यों बनाये..
इन्हें क्यों जुल्म करने दिये..
इन राक्षसो ने..
लाखों लोग सताये..
जब अति हुयी..
इनके जुल्मों की..
तब आप खुद..
अवतार लेकर पृथ्वी पर आये..
राक्षसो को दी..
मौत की सज़ा..
भक्तों को आया..
आपके दर्शन पा मज़ा..
हे ईश्वर..
राक्षसो की उत्पति का..
सिलसिला..
आज तक क्यों जारी है ..
इन राक्षसो ने..
भोली भाळी जनता..
मारी है..
कलयुग में..
इनकी तादाद बहुत ज्यादा है..
इनका सारी जनता को..
मारने का इरादा है..
हे प्रभु..
अब कब आप फिर..
अवतरित हो रहे हैं..
ये कलयुगी राक्षस..
जुल्म कर निश्चिंत..
चैन की नींद सो रहे हैं..
इनका संहार..
बहुत जरूरी है..
आप तो स्वयं ग्याता हैं..
इनका संहार..
आपको आता है..
प्रभु शीघ्र करें..
आपकी क्या मज़बूरी है..
भक्त गण गाये..
दिन रात आपकी आरती..
फिर भी जनता..
इन राक्षसो से..
क्यों है हारती..
राक्षस गुनाह करके भी..
बन गये सर्व शक्तिमान..
पा रहे डर दिखा..
मान सम्मान..
भक्त भजन करके भी..
निरीह हैं..
जुल्मों से हैरान परेशान..
प्रभु कैसी यह लीला..
कैसा यह मायाजाल..
भक्त आपकी माया से..
बिल्कुल अनजान..
करते हैं आप पर..
अटूट विश्वास..
कि इन राक्षसो का..
आप जरूर करोगे नाश..
रावण हो या कंस हो..
या हो हिरण्यकश्प ..
इन्हें मरना ही पडा है..
प्रभु आपके हाथों..
राम राज्य आयेगा जरूर..
इस कलयुग में भी..
श्री कृष्ण की बांसुरी की..
धुन का चढ़ेगा सरूर..
इन फ़िज़ाओं में..
गूंजेगा प्रभु ..
आपका यशगान..
प्रभु आप हो..
सर्व व्यापी महान..
अत्याचारियों पर फिर करेगा..
कृष्ण का सुदर्शन वार ..
राक्षसो का..
कलयुग में भी होगा..
जरूर संहार..!!
_Jpsb blog
कविता की विवेचना:
कलयुग के राक्षस/Kalyug ke Raakshas कविता आज कलयुग में धार्मिक उन्माद में एक दूजे के जान के दुश्मन बने वहशी राक्षसों को रेखांकित करती है .
इन राक्षसों को कौन संरक्षण दे रहा इन्होंने सबको डरा रखा है.
चारों ओर इनके ही अत्याचार का राज है, भक्त जनता लाचार है, भगवान के सिवा कौन है जनता की तकलीफ सुनने वाला
सब ओर न्याय की जगह पर है डर का ताला है.
जनता को पूर्ण विश्वास है कि इस कलयुग में भी भगवान जरूर अवतरित होंगे और इन राक्षसों का संहार करके राम राज्य स्थापित करेंगे.
"कलयुग के राक्षस " कविता इस पृथ्वी पर आतंक का साया हर ओर छाया है, युद्ध के रूप में आतंक के रूप में अराजकता के रूप में, आतंकित है आम इंसान और उस आम इंसान का है सिर्फ भगवान, आम इंसान को अपने भगवान पर पूर्ण विश्वास है कि वे सर्व ग्याता हैं और संकट मोचन के लिये जरूर अवतरित होंगे और राम राज्य स्थापित करेंगे.
..इति..
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