Sunday, December 26, 2021

प्यार में मरना जरूरी है(Pyar main marna Jaruri hai)

          
Pyar main marna jaruri hai
Pyar main marna jaruri hai
Image from: pexels.com


जख्म दिल पर खा..
प्यार व्यार हुआ हवा..
जब पता चला कि ..
दिल पर आघात है पड़ा..
जान का खतरा है बड़ा..
जान बच गई  ..
बहुत बड़ा हादसा टला..

मैं जिंदा हूं ..
अपने घर पर..
वोह जिंदा हैं..
उसके घर पर..
तो प्यार क्या  ..
जिंदगी मौत का खेल है..
जो मर नही पाता..
प्यार के खेल में फेल है..

जो टूट जाता है..
टूट कर बिखर जाता है..
वोह देवदास कहलाता है..
देवदास भी तो..
अंत में मरा था..
उसने सच्चा प्यार करा था..
मरे थे लैला मजनू..
शीरी फरहाद, शशी पुन्नू..
और हीर रांझा..

मर कर भी उन्हें क्या..
प्यार मिला..
एक दर्द भरी कहानी..
का था सिलसिला..
नए प्रेमियों के लिए..
पैगाम छोड़ा..
प्यार मिलन नही है..
है ये दो दिलों का ..
बिछोड़ा..

जितना तड़फ तड़फ ..
एक दूजे के लिए..
तरस तरस के मरो..
उतना ही अच्छा है..
प्यार मौत के बाद ही..
परवान चढ़ता है..
अगर प्यार सच्चा है..
सच्चा प्रेमी ..
जरूर मरता है..

जो जीते जी..
प्यार करते हैं..
वोह एक समझौता है..
वहां प्यार में..
कही न कही धोखा है..
सच्चे प्यार में..
एक तड़फ और मजबूरी..
बहुत जरूरी है..
प्यार तपस्या है..
और इस तपस्या में..
मरना जरूरी है..

इस लिए ..
जरा सोच समझ कर ..
प्यार करो..
अगर सच्चा प्यार है..
तो जरूर मरो..
अगर मरने से डरते हो..
तो थोड़ा दिल को..
मार लो..
थोड़ा धोखा ..
और समझौता..
करके प्यार से..
काम लो..
साथ निभेगा जिंदगी भर..
मरोगे फिर भी..
मगर बूढ़े होकर..!! 

_जे पी एस बी 

कविता की विवेचना: 

प्यार में मरना जरूरी है/ Pyar Main Marna jaruri hai कविता में आधुनिक युग में प्यार करने वाले आर्थिक सोच के साथ और पुराने युग के प्यार करने वाले , प्यार पर मर मिटने वाले ,एक ही लक्ष्य प्यार और सिर्फ प्यार, इन दोनो युगों में प्यार करने वालों के अंतर का वर्णन किया गया है।

कविता एक नायक नायिका की प्रेम कहानी से प्रेरित है,
नायक नायिका की प्रेम कहानी चल रही थी, अचानक इस कहानी में एक मोड़ आता है, नायिका नायक को धोखा देकर कही और शादी कर लेती है।

 नायक  नायिका के इस प्यार में धोखे को सहन नही कर पाता और नायक को हार्ट अटैक आ जाता है, किसी तरह उसकी जान बच जाती है।

नायक प्यार से तोबा कर लेता है और समझौते वाला प्यार अपनाता  है।

नायक को पुरानी प्रेम कहानियां याद आती हैं ,देवदास,हीर रांझा,सोहनी महिवाल,शशि पुन्नू,लैला मजनू। इन सब प्रेम कहानियों में दो दिलों का बिछड़ा ही होता है ।

 नायक नायिका दोनो या फिर नायक या नायिका को मरना मरना होता है।

नायिका किसी और की पत्नी होती है खुल कर रो भी नही सकती अपने प्रेमी की मौत पर, जैसे देवदास की कहानी में होता है।

या फिर समाज दो प्रेमियों को मिलने नही देता अगर समझौता नहीं करते समाज के साथ तो अंत मौत ही होती है।

"प्यार में मरना जरूरी है" कविता में इस ओर इंगित किया गया है कि दीवानगी वाला प्रेम होगा तो अंजाम अनिशित है ।

मौत भी हो सकती है , सच्चे प्यार करने वाले मौत से कहां डरते हैं, इस लिए अक्सर मरते हैं, शायद प्यार में कुर्बानी का जज्बा और नशा उच्च स्तर का होता है, आर्थिक हिसाब वाले नही समझ पाएंगे।

कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।

..इति..
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com
©Apply

















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