रंगों से खेलना है..
अगर..
चलो "स्टेनली" गॅलरी की..
डगर ..
रंगों का जादूगर है..
वो..
रंगों से खेल खेल में..
करता है अद्भुत..
शो..
कोरे काग़ज़ पर..
प्रकृति उकेरता..
कभी किसी तस्वीर में..
आत्मा भरता ..
कभी किसी पंछी को..
जिन्दा करता..
उसकी कला की कदर..
इंसान क्या..
हर परिंदा भी करता..
स्वर्ग को..
पृथ्वी पर उतारा है..
ये कौन चित्रकार है..
जिसने भगवान को..
पुकारा है..
ईशू की पुन्हा..
पृथ्वी पर..
आने की तैयारी है..
ऐसी सुंदर चित्रकारी..
तुम्हारी है..
भगवान तस्वीर में..
सजीव हो उठे..
चारो ओर हल चल है..
पशु पंच्छी में भी..
कोलाहल है..
तुम्हारी चित्रकारी को..
उत्सुकता से निहारते हैं..
ईशा को देख सजीव..
नाम तुम्हारा ..
"स्टेनली" पुकारते हैं..
क्या पृथ्वी क्या आकाश..
क्या चाँद तारे..
और सूर्य का प्रकाश..
तुम्हारी कूची में..
सब रसा बसा है..
तुमने तस्वीरों को..
इतने आकर्षक ढंग से..
कॅनवास पे कसा है..
तुम्हारा हर चित्र..
हकीकत लगता है..
मन बेचैनी में..
तुम्हारी तस्वीरों में..
विचरता है..
कोरे काग़ज़ के..
और कॅनवास के..
हैं भाग्य जागे..
नतमस्तक हैं ये..
तुम्हारी कूची के आगे..
हर चित्र निर्जीव से..
सजीव हो जाता है..
जो भी तुम्हारी कूची के..
आगे आता है ..
बोलता है हर चित्र..
"स्टेनली" कॅनवास का..
विधाता है..
चित्रों की..
तुम एक नयी दुनिया..
बसा दो..
पृथ्वी वासियों को..
ब्रह्माण्ड की..
शैर करा दो..
सारे देवी देवता..
और अप्सरा परियां..
उतर आये..
तुम्हारी तस्वीरों में..
विचर आये स्वर्ग..
जो लिखा है तक़दीरो में..
"स्टेनली"
तुम्हारी तस्वीरों में..
भरी बहुत आस है..
तुम्हारा हर चित्र..
लगता है..
दिल के बहुत पास है..
ऐसे ही ईश्वर तुम्हें और ..
वर दे..
तुम्हें अपने दिल में..
घर दे ..
तुम और भी..
अद्भुत तस्वीरें बनाओ..
रंगों और कॅनवास की..
तक़दीरे बनाओ..
तुम्हारी बनाई तस्वीरों का..
कोई जवाब नहीं..
लगती सारी सच है..
कोई ख्वाब नहीं..
ऐसे ही सपनों को..
हकीकत बनाते रहो ..
अनंत काल तक..
तुम रंगों के जादूगर रहो..!!
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रंगों का जादूगर/Rango ka Jadugar कविता लिखने की प्रेरणा अद्भुत चित्रकार "श्री स्टेनली" "की
मनभावन चित्रकारी देख कर, स्वतः ही मन में कविता
अवतरित हुयी.
चित्रों में भरा जीवंत भाव मन में घर कर गया, मनमोहक चित्रों को देख अद्भुत सुख और आनंद की अलौकिक अनुभूति हुई.
चित्रकार को मैं बचपन से जानता हूँ, सालो बाद एक बच्चे को उभरता हुआ चित्रकार पाया, दिल बहुत खुश हुआ अद्भुत सुंदर देख कर.
हर तस्वीर चित्रकार का स्पर्श पाकर सजीव हो उठी और बहुत कुछ कहती नज़र आई, प्रकृति में निखार आया और हर तस्वीर ने अपना हाल स्वयं बताया.
"रंगों का जादूगर " कविता "चित्रकार स्टेनली" को
लेखक द्वारा अद्भुत प्रतिभा का उपहार है, प्रसंसा से परे
साधुवाद है, प्रसंसा के लिए शब्द नहीं हैं, चित्रों को देख
आंखे चौकती हैं, दिल से स्वतः आवाज आती है, बहुत खूब, चमत्कारी अद्भुत.
चित्रकार का परिचय:
चित्रकार स्टेनली जेम्स की शुरूआती परवरिश और शिक्षा मध्य प्रदेश के पन्ना जिला में हुयी, स्टेली जी के पूज्य पिता जी हीरा खनन परियोजना मझगाँव खदान में अधिकारी के पद पर कार्यरत थे, लेखक ने एक बच्चे के रूप में स्टेनली को सालों पहले देखा था, सालों बाद मुलाकात हुई एक प्रतिभाशाली उभरते चित्रकार के रूप में मिल कर मन और दिल प्रफुल्लित हुआ. चित्रकार स्टेनली ने स्वयं कठोर अभियास से अपनी चित्रकारी की कला को विकसित किया और चरम ऊंचाईयों तक पहुंचाया और अपने बेटे को भी यह कला सिखाई, और बेटे को फाइन आर्ट की उच्च शिक्षा दिलायी. लेखक भगवान से स्टेनली और उनके प्रतिभावान बेटे के उज्जवल भविष्य की कामना करता है. इनकी कला सर्वोच्च शिखर तक पहुचे यह ईश्वर से दुवा है. |
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