Friday, March 24, 2023

वो मैं हूँ (Woh mai hun)

                      
Woh mai hun
Woh mai hun
Image from:pexels.com 


किया था तुमने..
जिसके लिये शृंगार..
किया था तुमने..
जिससे मन ही मन प्यार..
वो मैं हूँ..

हवा का झोंका..
जो तेरा आँचल उड़ाता है..
तूफ़ान सा तेरे दिल में..
जो शोर मचाता है..
जिन हवाओ से..
तेरा जिस्म टकराता है..
वो मैं हूँ..

जिसके ख्यालों में..
तुम खोये से रहते हो..
दिल में दबी बात..
जिससे चुपके से कहते हो..
जिसके लिये तुम..
हर तकलीफ सहते हो..
वो मैं हूँ..

भाग्य की रेखाओं में..
जिसे तुम ढूंढते हो..
ज्योतिषों से जिसके बारे में..
तुम पूछते हो..
जिसकी यादों के राज..
छुपे हैं तेरे दिल में..
वो मैं हूँ..

तुम्हारे मन की तमन्ना..
तेरे जीवन का..
कोरा पन्ना..
तेरे लिये सावन का आना..
तेरे द्वारा विरह गीतों का गाना..
जिसको है तुझे पाना..
वो मैं हूँ..

तुम्हारे अंदर से..
जो आवाजें आती हैं..
जिसकी यादे तेरा..
दिल धडकाती हैं..
जिसके स्पर्श से..
सिहरन सी आती है..
वो मैं हूँ..

तेरे जीवन में..
मैं क्यों हूँ मजबूरी..
यादे सिर्फ बाकी हैं..
विरह की लंबी दूरी..
तब भी एक दिया..
उम्मीदों का दिल में जलता है..
तेरा मन जिसकी राह तकता है..
वो मैं हूँ..

मौत ना आ गई होती..
मैं तुमसे मिल लिया होता..
यू ही अकेला..
कब्र में ना सोता..
लगा कर तेरी यादों का गोता..
काश मैं अमर होता..
रूह जो तुझे..
तेरे आस पास होने का..
एहसास कराती है 
वो मैं हूँ..!!

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कविता की विवेचना: 

वो मैं हूँ/Woh mai hun कविता दो दिलों  के मन के अहसासों अरमानो की परिकल्पना है.

दिल में दबे एहसास मन में छुपी बात जो कभी किसी से कह ना सके जिसके बिना जिंदा भी रह ना सके यह कविता स्मरण करती है. 

सच्चा प्यार कभी मरता नहीं, चाहे जिस्म मर जाते हैं मगर प्यार को अमर कर जाते हैं, अमर प्यार की कई कहानिया मौजूद हैं. 

जैसे मीरा का भगवान श्री कृष्ण से निस्वार्थ प्यार, प्रह्लाद का श्री विष्णु भगवान से प्यार, ध्रुव का भगवान से प्यार, लैला मजनूं, हीर राझा,शिरी फ़रियाद इतिहास में अमर हैं. 

"वो मैं हूँ "कविता सच्चे प्यार की परिकल्पना है  आज के भौतिक वादी युग में ऐसा सच्चा प्यार बचा है कि नहीं पता नहीं, हो सकता हो भी मगर ढूढ़ना पडेगा. 

प्यार बना रहे प्यार अमर रहे, प्यार है तो संसार है वर्ना सब बेकार है. 

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कर्मा (Karma)

Karma
Karma
Image from:Marsman India Ltd
(IMAGE OF CONE CRUSHER UNIT)




बचपन से कल पुर्जों से खेला हूं..
स्क्रू ड्राइवर पलायर नट बोल्ट..
स्केल मीटर और मशीन..
लगते थे मुझे बचपन से ही हसीन..

मैने अपनी इंजीनियरिंग की कला से..
बना डाली छोटी उम्र ही एक मशीन..
फिर तिनका तिनका मेहनत से जोड़ा..
हटाया सामने आया जो भी था  रोडा..

मेहनत की दिन रात बेहिसाब ..
मशीनें बनाई बढ़चढ़ कर लाजवाब  ..
एक नई तकनीक दिमाग में आई..
Mars ग्रह से टेक्नोलॉजी मंगाई..

Marman रखा मशीनों का नाम..
मुझे लगा अब बन गया मेरा काम..
मशीन पर खूब खून पसीना बहाया..
Marman ब्रांड दुनिया में उभर आया..

काम में नहीं रहा था मुझे होश ..
अपने ही पैसन में था मदहोश..
किसी ने पूछा लिया अचानक..
जब नाम मेरा..
नाम मुझे अपना तब याद आया..
रवि वर्मा..
उद्यौगक क्रशिंग मशीनों का जनक..
एक कर्मा..!! 


_जे पी एस बी 

कविता की विवेचना: 

कर्मा/ Karma, कविता भारत की प्रसिद्ध स्टोन क्रेशर एवम माइनिंग इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी मार्समैन इंडिया लिमिटेड के संस्थापक के कठोर परिश्रम कर एक विश्वस्तरीय कम्पनी को उच्चस्तरीय मापदंडों के साथ कम समय में स्थापित करना अचंभित करने वाली उपलब्धि है।
उसी उपलब्धि को इंगित करती यह कविता है।
Marsman India Ltd, Marsman ब्रांड के अंतर्गत विश्वस्तरीय माइनिंग इक्विपमेंट एवम क्रशिंग और स्क्रीनिंग प्लांट बनाती है, यह क्रशिंग एवम माइनिंग इक्विपमेंट भारत समेत विश्व के कई देशों में बेचे जाते है।
कम्पनी अपनी उचकोटी की तकनीकी और क्वालिटी के लिए जानी जाती है।
कम्पनी का यह विकाश श्री रवि वर्मा कंपनी के CEO के संरक्षण एवम निर्देशन में हुआ है।

Marsman India Ltd के बारे में जानकारी:

साल 1986 में महाराष्ट्र के नाशिक औद्योगिक क्षेत्र में कमल रोल रोलर्स के नाम मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोला गया था,जो कि बाद में ग्रोथ करते हुए कमल ब्रांड के नाम से माइनिंग और क्रशिंग इक्विपमेंट भी उत्पादित करने लगे।
उच्च स्तरीय गुणवत्ता बहुत अधिक मांग के कारण एक नए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना Marsman India Ltd नाम से की गई यूनिट 1,नाशिक और यूनिट 2 , बड़ौदा गुजरात में स्थापित किया गया। 
दोनो इकाइयों में Marsman ब्रांड के अंतर्गत minig क्रेशिंग और स्क्रीनिंग उपकरण बनाया जाते हैं।
दोनो इकाइयों में उच्च स्तरीय CNC और Plazma उपकरण लगाए गए ताकि विश्वस्तरीय गुनवता को बनाए रखा जाए।
कम्पनी विश्वस्रीय गुनवता को बनाए रखें के लिए कठोर नियमो का पालन करती है।


श्री रवि वर्मा जी का परिचय:

Sri Ravi Varma
Sri Ravi Varma Sir
(MD Marsman India Ltd)

श्री रवि वर्मा जी भारत की अग्रणी स्टोन crushers कंपनी Marsman India Ltd के  संस्थापक और वर्तमान में MD हैं. 
श्री वर्मा सर NIMA (Nashik Industrial Manufactures association ) के भूतपूर्व अध्यक्ष और सक्रिय सदस्य हैं. 
श्री वर्मा कर्मयोगी और भारत के उत्कर्ष उद्योगपतियों में एक अग्रणी  उद्योगीक भविष्यदर्शाता हैं .
उन्होंने अपनी अथक मेहनत और लगन से marsman India ltd जैसी उत्कृष्ट माइनिंग मशीन मॅन्युफॅक्चरिंग कंपनी बनाई जिसके उत्पात विश्वस्तरीय गुणवत्ता के लिये जाने जाते हैं, भारत के अलावा विश्व के विभिन्न देशों में Marsman के उपकरणों का निर्यात किया जाता है. 
कृपया और अधिक जानकारी के लिए marsman India Ltd की  Web site visit करे. 

WEB Site :www.marsmanltd.net 
http://www.marsmanltd.net/
Mail id:info@marmanltd.net
Contract No.+912532382940

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Sunday, March 12, 2023

दास्तान (Dastaan)

               
Dastaan
Dastaan
Image from:pexels.com 


दिल जब मचल जाये..
तो फिर क्या करें..
किसी की यादों में खोकर ..
क्यों एकांत में आहे भरें..

किस्से प्यार मोहब्बत के..
कहानियों नाविलो ही..
बहुत सुहाने अच्छे लगते हैं..
हम ये किस्से दिल सुनते हैं..
और मन लगाकर पढ़ते हैं..

प्यार जब हकीकत में हो जाये..
तो बहुत दर्द देता है..
कभी दिल टूटता है..
कभी मन बिखरता है..
ग़म में खुशी है कहीं ,तब ही तो..
मन मोहब्बत में रमता है..

जो ख्वाबों में आते थे, पल दो पल..
सामने उनके आते ही हकीकत में..
क्यों नजरे हम चुराते हैं उनसे..
क्यों हकीकत सच है ,विश्वास नहीं होता..

उनको हँसते हुये देखा था..
हमारा भ्रम था कि हंसी हमारे लिये थी..
वो तो उनका कोई ख्वाब उन्होंने..
हकीकत में सच होते देखा था..

ये प्यार मोहब्बतें क्यों..
एक साज़िश सी लगती है..
जैसे कोई जासूस मेरे दिल में पळता है..
क्या मिला तुम्हें मेरे दिल राज जानकर..
दिल की धडकनो की आवाज़ जानकर..

तेरे ही प्यार में यह दिल धडका था..
तेरी बेवफाई पर बहुत तड़फा था..
ना चाहते हुये भी तेरे ख्याल आते हैं..
दूरिया बनाना चाहता हूँ..
ख्वाब पास चले आते हैं..

जज़्बातों से मैं रोज लडता हूँ ..
तेरी सूरत सामने पाकर..
कमजोर पडता हूँ..
तेरा दगा देना और दूर चले जाना..
खूब मैं समझता हूँ..

जवानी में कदम रखते ही..
प्यार का सन्देशा आता है..
कोई अंजान दिल को बहुत भाता है..
रातों को करवटें बदलना..
और कम सोना किसी की यादों में खोना..

कभी खून से लिख कर..
दिल की बात बताना चाहता हूँ..
कभी ख्वाबों में तेरे करीब आता हूँ..
नहीं रहती मुझे कभी खुद की ख़बर..
मगर तुम्हारी हर बात बताता हूँ..

ईश्वर के सामने प्रार्थना करते हुए..
एक गुनाहगार नज़र आता हूँ..
क्यों मैंने ईश्वर से ना किया सच्चा प्यार..
क्यों परछाई की चाहत में हुया बर्बाद..

मदहोश सा मैं क्या बुदबुदाता हूँ..
बचपन से जवानी की यादों में जाता हूँ..
सोचता हूँ क्यों हुआ पैदा इस धरती पर..
क्यों ना हो सका आबाद इस धरती पर..
बचपन जवानी बुढ़ापा हुआ बर्बाद इस धरती पर..
खाक में मिल जाऊँगा एक दिन इस धरती पर..!!

_Jpsb blog 

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कविता की विवेचना: 

दास्तान/Dastaan कविता लेखक की इस दुनिया या  जीव लोक के बारे में परिकल्पना है. कि यह ज़ज्बात प्यार मोहब्बत क्यों बने. 

ईश्वर को ही मालूम कि उनकी मानव जाती के निर्माण और  मानव जाती में भावनाएं और प्यार भरने के पिछे क्या मूल कारण और उद्देश्य रहा होगा. 

मगर यह सत्य है कि मानव में भावनाएं हैं, जो मानव को बहुत आनंद भी देती हैं और कई बार अथाह दुख भी देती हैं. 

ईश्वर से प्यार तो बहुत अच्छा और आध्यात्मिक माना जाता है और 
इंसान का अपने परिवार से प्यार भाई बहन से प्यार माँ बाप से प्यार सामान्य और स्वाभाविक माना जाता है. 

मगर प्रेमी प्रेमिका का प्यार संशय की दृष्टि से देखा जाता है जब तक कि वो विवाह बंधन में बंध कर एक रिश्ता नहीं बन जाता. 

"दास्तान " कविता जज्बातों की कड़ीयों की एक कड़ी है जो एक इंसान की दास्तान बयान करती है और ईश्वर से अनुत्तरीत सवाल करती है कि उन्होंने मानव को क्यों बनाया और क्यों इतने सारे ज़ज्बात भरे. 

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Saturday, March 4, 2023

अंदर की आवाज़(Ander ki awaz)

            
Andar ki Awaaz 
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यहाँ वहाँ क्या ढूँढेते हो..
कभी अपने अंदर भी ढूँढो..
इधर उधर कि क्यों सुनते हो..
कभी अपने मन की भी सुनो..
यहाँ वहां क्या देखते हो..
कभी अपनी अंतरात्मा को भी देखो..

आईने के सामने..
सजना सवरना छोड़ कर..
मन दर्पण देख..
आत्मा को संवार लो..
प्रभु तेरे आस पास ही हैं..
बस एक बार दिल से पुकार लो..

दुनिया की दौड में..
तू भी तो सरपत दौड़ा है..
तू तो इंसान है रुक जा..
जरा साँस ले..
फिर सोच क्या तू घोडा है..
अपनी अनमोल सांसो को जान..
अपने आप से कर ले पहचान..

सपने जो तुमने देखे हैं..
उन्हें साकार करने का..
बना लो अब मन..
साधो उसके लिये अपना तन..
तन मन मिला कर करो..
जीवन जीने का यतन..

नींद भर भर सोना छोड़ो..
सुबह उठकर वयाम करो दौडो..
सुस्ती को निकाल फेको ..
फिर जिंदगी की मस्ती देखो..
मेहनत करो और पसीना बहाओ..
मेहनत कस बन जाओ..
"कर्म ही पूजा है "मंत्र को अपनाओ..
सफलता की सीढ़ियां चढ जाओ..

अन्दर तुम्हारे अथाह खजाना है ..
क्यों नहीं तुमने.. 
अपने अंदर की..
कस्तुरी को पहचाना है ..
यहाँ वहाँ क्या ढूँढते हो..
जो तुम्हें चाहिये तेरे अंदर ही है..
अंतर्मन की आंखे खोलो ..
और अद्भुत खजाना पा लो..!!

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कविता की विवेचना: 

अन्दर की आवाज/Ander ki Awaz कविता इंसान की उससे खुद की पहचान कराती है, तुम अनमोल रत्न हो बताती है. 

जैसे मृग अपने अंदर छुपी कस्तुरी से अनजान रहता है और जिन्दगी भर उसे ढूँढ़ता रहता है, इंसान भी जिन्दगी भर ईश्वर की तलाश में मन्दिर मस्जिद गिरजा गुरुद्वारे भटकता है इस बात से अनजान कि 
ईश्वर स्वयं उसके अंदर ही है. 

दुनिया की अंधी दौड़ में इंसान सरपत दौड रहा है, साँस लेने की फुर्सत नहीं है, अरे जरा ठहर जा रुक जा साँस तो ले ले और सोच कि कहाँ से तू आया और कहां तुझे जाना है, तेरे अन्दर ही टेरी मंजिल का पता ठिकाना है. 

"अन्दर की आवाज "कविता अपने अंतर्मन की आवाज को सुनने को प्रेरित करती है, जहाँ अथाह खजाना छुपा है, ईश्वर स्वयं मौजूद हैं और तुम्हें भर भर कर आशिष दे रहे हैं और तुम हो कि इधर उधर भटकते फिर रहे हो, इंसान अपने आप को पहचान. 

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Friday, March 3, 2023

जिन्दगी क्षण भंगुर (Jindgi shand bhangur)

           
Jindgi shand bhangur
Jindgi shand bhangur
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क्षण भंगुर है जिन्दगानी..
क्षण भंगुर हैं ख्वाब ..
फिर भी जिंदगी की..
जवानी में होता है रुआब..

कहीं तलाश प्यार की..
कहीं तलाश सपनों की बहार की..
जिन्दगी में अपनापन प्यार मिलता है..
प्रेम का इजहार भी मिलता है..

जिन्दगी के सफर में..
कभी धोखा और कृत्रिम..
संसार भी मिलता है..
मिलते हैं कई ज़ख़्म दिल पे ..
उन ज़ख़्मों पर मरहम..
लगानेवाला यार भी मिलता है..

कुछ लोग होंगे..
बहुत खुश तुमसे..
और कुछ लोग नाराज मिलेंगे..
इस जिन्दगी के सफर में..
कई एहसास मिलेंगे..

कभी बांधे जाएंगे..
तुम्हारी तारीफों के पुल..
कभी झोंकी जायेगी..
तुम्हारी आँखों में धूल..
कई अच्छे बुरे लोग मिलेंगे..
तो मक्कार भी आस पास हिलेंगे ..

अपनों से जाओगे ठुकराए..
और परायों से..
अपनाये जाओगे..
ढेर सारा अपनापन प्यार..
परायों से पाओगे..

धन दौलत की चमक..
जब तक है साथ तुम्हारे..
बहुत सारे यार दोस्त..
और रिस्तेदार हैं तुम्हारे..
जाते ही दौलत..
पहचान हो जाएगी गुल..
सब जाएंगे तुझे भूल..

जिन्दगी में कभी..
ऐसा भी पडाव मिलेगा..
जिन्दगी लगेगी सांसे खोती..
दुनिया लगेगी खिलखिला कर हसती ..
मगर तुम्हें लगेगी रोती..

काश जिंदगी सिर्फ..
खुशहाल होती..
संजोये ख्वाबों को..
हकीकत में संजोती..
प्यार और रिश्तों को..
एक मज़बूत धागे में पिरोती..

मगर सत्य यही है..
कि जिन्दगी है क्षण भंगुर..
पानी के बुलबुले सी..
एक टूटते तारे सी..
जिन्दगी को हमेशा जरूरत है..
ईश्वर के सहारे की..

तो जिन्दगी का यही सार है..
जिन्दगी ईश्वर का..
कुछ पलो के लिये उपहार है ..
करो इस उपहार का सम्मान..
ईश्वर का करो ध्यान..

जिन्दगी संवर जायेगी..
अंतिम क्षण ईश्वर के दर्शन पायेगी..
यह क्षण भंगुर सा..
जिन्दगी का बुलबुला..
हो जायेगा व्योम में लोप ..
रह जायेंगे यू दिन रात..
निकल जायेगी जैसे..
तुम्हारे सपनों की बारात ..!!

Jpsb blog. 

कविता की विवेचना: 

जिन्दगी क्षण भंगुर/Jindgi shand bhangur कविता जिंदगी के विभिन्न आयामों को देखती है और महसूस करती है कि जिंदगी है क्षण भंगुर. 

जिन्दगी की शुरुआत में होती है अनोखे सपनों की बारात, सपने संजोये जिंदगी निकल पडती अपने मनोहारी सफर पर, सफर के 
दोरान कई पडाव सुख दुख के आते हैं. 

कभी नाराज रिश्ते कभी दोस्त भूले बिसरे, कभी-कभी होती है खुशियो से मुलाकात, अचानक फिर ग़मों की बरसात, कभी हंसते हंसते सोता हूं और रोते रोते उठता हूँ, यही तो है जिंदगी की कहानी. 

"जिन्दगी क्षण भंगुर " कविता में ज़िन्दगी को जिया है पानी के बुलबुले सा, आसमान में एक टूटते तारे सा, प्रकृती के सहारे जिंदगी बचा ही लेती है अपना अस्तित्व भले ही हो क्षण भंगुर. 
मगर इस क्षण भंगुर जिंदगी ने संसार का हर रंग देखा भाला और महसूस किया और इस क्षण भंगुर जिंदगी को भी भरपूर जिया.

..इति..

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