Saturday, November 25, 2023

दिल में भगवान था (Dil me Bhagwan tha)

                                   
Dil me bhagwan tha


मैंने बसाया था..
तुम्हें अपने दिल में..
भगवान सा..
गुमान था मुझे..
तुम पर बहुत..
मगर क्यों ना हो सका..
तेरी बेवफाई का..
जरा भी भान सा..

क्या करु मैं अब..
तेरे विचार..
बदल सकता नहीं..
तुम्हें तो चाहिये था..
एक शख्स..
बड़ा धनवान सा ..
सब्र किया होता..
मैं भी एक..
काबिल इंसान था..

तेरे बारे में..
सोचा बहुत..
सोचने से खुद को..
रोका बहुत..
फिर भी..
आ ही जाता है ..
दिल में..
तेरी यादों का..
तूफ़ान सा..

मेरा दिल तो कभी..
तेरा अपना घर था..
खुशियो से भरा भरा..
आज एक खण्डहर है..
वीरान सा..
गलत तू थी कि..
मैं था..
यह हम दोनों के..
दरम्यान था..

चाहत मेरी..
दिल में ही..
दफॅन हो गई कहीं...
तेरी बेवफाई से..
उभर ना पाया..
हमारे बीच में आया..
कौन शैतान था..
कदर तूने ना की..
मेरे प्यार की कभी..
ना समझा जो मेरा..
तुझ पर अहसान था ..

शोहरत दौलत..
मिले ना मिले..
इस जीवन में..
एक साथी मिले..
प्यारा सा दिलबर..
इंसान सा..
दौलत की..
ख्वाईश को चुना तूने..
चाहे दौलत के पिछे..
छुपा हैवान था..

क्या उमंगे तेरी..
पूरी होंगी अब..
जिंदगी का रुख..
खुद मोड़ा तूने..
पत्थर बन..
प्यार भरा दिल..
तोड़ा तूने..
तुझे क्या पता..
उस दिल में..
तेरा ही भगवान था ..!!

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कविता की विवेचना: 

दिल में भगवान था/Dil me Bhagwan tha कविता आज के  तथाकथित भौतिक और आधुनिक युग में प्यार कहाँ खो गया है. किसी को पता नहीं. 

मतलब और पैसा यह आज के दौर का खेल कैसा, सब इसी अजीब खेल में उलझे हुये हैं, सच्चे प्यार की तलाश है, सच्चा प्यार मिला भी तो उसकी कदर कहाँ. 

प्यार एक खामोशी है, प्यार एहसास है, महसूस करना होता है, जताया गया प्यार धोखा है, प्यार एक वादा है, कुर्बानी का इरादा है.

जहाँ प्यार वहाँ स्वयं भगवान हैं, सब जानी जान हैं, प्यार भरे दिलों में ईश्वर बसता है, और जहां ईश्वर बसता है वहाँ जहां की सारी खुशिया अपने आप मिलती हैं, कोई दुख  नहीं हर कोई हसता है. 

"दिल में भगवान था " कविता में दिल तोड़ने वाले ने तोड़ दिया, धोखा देना था दे दिया, इस बात से अनजान कि उसने भगवान को नाराज किया है, जिस दिल को तोड़ा वही तो भगवान था. 

...इति...

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Sunday, November 5, 2023

Papa ki yaad( पापा की याद)


                                
Papa ki yaad
Papa ki yaad
Image from:pexels.com 


एक कमरा था..
पापा के ओज से..
भरा भरा सा..
आवाज आती थी..
कमरे से उनकी  ..
यदा कदा..
खाना पानी और दवा..
या सर दुखता है दबा..

ईश्वर की स्तुति..
उनकी रजा में ही..
संतुष्ट रहने की सहमती..
आज कमरे में..
है खामोशी खाली ..
जैसे खुशियो ने..
नज़र चुरा ली..
कान लगा कर..
सुनता हूं..
शायद बोलेंगे पापा..

कमरा पापा की..
दुनिया का प्रतीक था..
याद किया उन्होंने..
हर पल..
जो उनका अतीत था..
कुच्छ अच्छी बाते..
कुछ अनकही सच्ची बाते..
फ़िर से..
उठ खडे होने की चाह..
ईश मिलन का रास्ता..


आंखे जो उस कमरे में..
जहान देखती थी..
हमेशा सजग..
उम्मीद अनहोनी की..
वो आंखे बंद हो गई..
सदा के लिये..
दुखद अनहोनी थी..


ईश्वर की अराधना..
कुछ बिना मांग की..
वो करते थे प्राथना..
तेरा किया अच्छा लागे..
तेरा भाना सच्चा  लागे..
और थी ना कोई बात ना..

खामोशी और..
ईश्वर से सच्चा प्यार..
और किसी छह की..
उन्हें ना थी दरकार..
बीच बीच में..
स्वजनों को पुकार..
यही था उनका.. 
रोज का अखबार ..

अपना परिवार और..
अपनी बनाई..
पारिवारिक दुनिया..
बिखरा बिखरा सा..
दिखता था कुनबा ..
फिर इकठ्ठा करू..
तिनका तिनका..
शायद मन था उनका ..

एक दिन सबको..
ईश मिलन को..
जाना है..
जिस ईश्वर से..
प्रकट हुए..
उसी में समाना है..
मौत तो एक बहाना है..
पापा भी हुये जुदा..
कहा अनंत काल के लिये..
अलविदा अलविदा..!!

Jpsb blog. 

कविता की विवेचना: 

पापा की याद/ Papa ki yaad कविता एक पुत्र की अपने पापा के प्रति एक वेदना भरी अश्रुपूरित श्रध्दांजली है.

उन्होंने अत्याधिक पीड़ा कष्ट बिना किसी शिकायत के सहे, एक कमरें एक बिस्तर में जीवन के दस वर्ष गुजारे और हमेशा ईश्वर का धन्यवाद ही किया और तेरा भाना सच्चा लागे कह कठिन जीवन जिया. 

काश जीते जी ईश्वर मिल जाता तो मौत को बीच में ना लाता, शायद मौत ही ईश्वर से मिलने की कड़ी है, सारी दुनिया से नाता तोड़ मौत ईश्वर से मिलाती है.

हम अपने के खोने को रोते हैं, मगर सारे जीव ईश्वर के होते हैं और अपने प्रिय को वापिस बुलाता है, अंत में हम सबका ईश्वर से ही नाता है. 

"पापा की याद " दिल से निकले शब्द हैं जो पलके भिगोते हुये अपने जन्म दाता को दिल की गहराई से याद करते हैं जो पापा 
अनंत काल के लिये ईश्वर की आगोश में चले गये हैं. 
शायद हमारे लिये ईश्वर के चरणों में जगह बनाने, हमे भी तो वहीं जाना है. 

...इति...

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