Saturday, May 20, 2023

तोड़ दो कसम (Tod do kasam)


                     
Tod do kasam
Tod do kasam 
Image from:pexels.com 


तोड़ दो कसम..
जो तुमने खाई है..
हमे भुलाने की..
सुनो, दिल के दरवाजे पर..
दस्तक है हमारे आने की..

जो गिले शिकवे और..
शिकायत है हमसे..
तुम एक बार कहो तो सही..
दिल के सागर में..
लहरे हैं तूफान है..
तुम संग बहो तो सही..

हिम्मत वालों के आगे..
झुकता है आसमान..
तुम प्यार पर गुमान ..
करो तो सही..
नशीब लिखता है ईश्वर..
जो लिखना था लिख दिया..
तुम लिखे को पढो तो सही..

जोड़िया बनती हैं..
आसमान में..
ये अटूट बंधन..
कुदरत की देन है ..
तुम इस बंधन में..
बंधने की हिम्मत..
करो तो सही..

चाहत का गला घोटा ..
जब भी..
नहीं देते राहत..
भौतिक सुख भी..
पश्चात्ताप से भी..
नहीं लौटता वक़्त कभी..
तुम सही गलत का..
आंकलन करो तो सही..

कुछ निर्णय कुदरत के..
मान लेने में ही सुख है..
लहरों के विपरित बहने में..
दुख ही दुख है..
अगर तुमने दुख को..
गले लगाना ठान लिया..
दुख में सुख तलाशने की..
हिम्मत करो तो सही...

दरवाजे दिल के..
खुले रहने चाहिए..
अन्दर की आवाज..
बाहर आनी चाहिए..
कसम कर दे जो..
सारे अरमान भस्म..
ऐसी कसम..
नहीं खानी चाहिये..
गर खाई अहम में..
तोड़ दू क्या..
पूछो तो सही..

वरदान ईश्वर का है..
ये जिन्दगी..
आभार ईश्वर का मान..
करो बंदगी ..
कड़वाहट संताप में..
क्या रखा है.  
जलाओ दिया दिल में..
प्रेम का अमृत सा..
जीवन आनंदमय होगा..
तुम तप में तपो तो सही..!!


_Jpsb blog 

कविता की  विवेचना: 
तोड़ कसम/Tod do kasam कविता दो चाहने वालों की अंतर्मन व्यथा को वर्णित करती है. 

जो आपस में रूठे हैं मगर रूठना नहीं चाहते, एक दूजे से दूर हो टूटे हैं मगर इसे कबूलना नहीं चाहते. 

अहम आ गया आड़े जोश में कसम खा ली भुलाने की मगर भुलाने की जगह यादों ने ले ली, यादों में खोये एक दूजे की दूर होते हुये भी पास से लगते हैं. 

मगर ये नजदीकियां ख़्वाबों ख्यालो में हैं हकीकत में कसम पर कायम है, हमे जरूरत नहीं एक दूजे की लाइन को पक्का कर रहे हैं, भले अकेले में यादों में मर रहे हैं. 

प्यार में सौदा नफा नुकसान आ गया तो प्यार ना हो कर व्यापार हो गया और व्यापार में भावनायें नहीं होती. 

प्यार ईश्वर सा पवित्र है, निस्वार्थ है, जैसा मीरा का श्री कृष्ण से, राधा का श्रीं कृष्ण से, और भी प्यार के कई आदर्श है, हीर रांझा, सोहनी माहीवाल आदि. 

इति..

Jpsb blog
 jpsb.blogspot.com
 Author is a member of SWA Mumbai .
©️ Copyright of poem is reserved 






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