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Becouse it is in my Nature |
मैं पूरी दुनिया को अपनाना चाहता हूं
मैं सबको अपना बनाना चाहता हू...
एक मुस्कान इशारा ही काफ़ी है...
तुम्हारा हो जाऊंगा सदा के लिए...
क्यों कि यह मेरे स्वभाव में है...
कोई काम बताकर तो देखो..
कोई इच्छा जताकर तो देखो...
पूरा करने के लिए जान लगा दूंगा...
क्यों कि यह मेरे स्वभाव में है...
एक बार किसी का हो गया अगर..
सारी उमर रिश्ता निभाउंगा...
चाहे कितनी भी रूकावटे आएं...
क्यों कि यह मेरे स्वभाव में है...
तुम मुझे भूल जाओ कभी..
मैं बार बार याद दिलाने आऊंगा...मैं कभी न भूल पाऊंगा...
क्यो कि यह मेरे स्वभाव में है...!!
Main puri duniya ko apana chahta hun..
Main sabko apna banana chahta hun..
Ek muskan ishara hi kafi hai..
Tumhara ho jaunga sada ke liye..
Kyu ki yah mere swabhav main hai..
Koi kaam bata kar tou dekho..
Koi ichha jatakar tou dekho..
Pura karne ke liye Jaan laga dunga..
Kyu ki yah mere swabhav main hai..
Ek bar kisi ka ho gaya agar..
Sari umar rista nibhaunga ..
Chahe kitni bhi rukawate aayen..
Kyu ki yah mere swabhav main hai..
Tum mujhe bhul jao kabhi..
Main bar bar yaad dilaunga..
Main kabhi na bhool paunga..
Kyu ki yah mere swabhav mai hai..!!
_जे पी एस बी
कविता की विवेचना:
मेरे बारे में/ About Me कविता में लेखक ने अपने बारे में कुछ भावनाएं व्यक्त की हैं।
लेखक पूरी दुनिया के कल्चर को जानना और अपना बनाना चाहता है।अर्थात लेखक चाहता की धर्म ,भाषा ,जात, पात,और देशों की सीमायो के नाम पर लड़ाई झगड़े बंद हो और पूरे विश्व के लोग चाहे किसी भी भाषा धर्म के हों ,किसी भी जात के हों सब मिल जुल कर रहें ।
नफरत, लड़ाई झगड़े ,युद्ध, आतंकवाद छोड़ कर आपस में प्यार बांटे यह प्यार वीजा, देश की सीमाओं का मोहताज ना हो ,और प्यार शांति चारो ओर बिखरे हर ओर खुशहाली हो, सब चैन से रहें,प्यार विश्व के सब देशों को वीजा पासपोर्ट बंद कर देने चाहिए , हर कोई पूरे विश्व का नागरिक हो पूरी धरती पर बिना रोक टोक आ जा सके।
लेखक यह विश्व प्रेम का सिलसिला खुद से सुरु करना चाहता है, लेखक चाहता है वह हर किसी के काम आए , कर किसी के कल्चर भाषा धर्म को समझे और आदर करें।
लेखक यह सब बहुत तेजी से करना चाहता है क्यों कि उम्र बहुत छोटी होती है उसी उमर में पर विश्व के कल्चर दिखने समझने हैं। सबको अपना बनाना है , विश्व शांति लाना है।
लेखक के स्वभाव में अपना पन, प्यार ,हमदर्दी ,परोपकार ,दया, करुणा आदि कूट कूट कर भरा है, यह भावनाएं सब में होती है बस उन्हें याद दिलाना है और जागृत करना है।
यह काम बड़े बड़े विश्व नेता बहुत आसानी से कर सकते हैं। लेखक सोचता है वो बहुत छोटा है मगर सोचता है ,क्यों की भगवान चाहें तो कुछ भी अनहोनी पल में हो सकती है, हो सकता है यह भावनाएं हमारे विश्व नेताओ के मन में भगवान लाए या और कोई चमत्कार जो हम कल्पना भी नहीं कर सकते , भगवान कर सकते हैं।
विश्व शांति के काम में लेखक सबसे सहयोग करना चाहता और बढ़ चढ़ कर इस काम में हिस्सा लेना चाहता है, लेखक चाहता है जैसे श्री कृष्ण भगवान एक ही समय में करोड़ो गोपियों के साथ होते थे और हर के मन की मुराद पूरी करते थे, ऐसा ही कुछ विश्व शांति और प्यार के आदान प्रदान में हो।
सारे विश्व के लोग एक पल में ही एक दूसरे के दिल में बस जाए कि कभी कोई लड़ाई झगड़े की कल्पना भी न करे और पूरे विश्व के सब हथियार नष्ट कर दिए जाएं , सेनाओं की कोई जरूरत ना हों।
पूरे विश्व में सब मिल बांट कर खाए पिए खुशियां मनाएं , कोई गरीब ना हो,तो यह पृथ्वी ही स्वर्ग है।
" मेरे बारे में" कविता में लेखक के विश्व शांति भाईचारे के विचार हैं, भगवान जरूर इसे पूरा करेगा।
कृपया कविता को पढ़े और शेयर करें।
... इति...
_जे पी एस बी
jpsb.blogspot.com